वार्षिक मासिक परीक्षा सत्र - 2021-22
कक्षा - 9
विषय - सामाजिक विज्ञान
समय 03.00 घण्टे पूर्णाक : 80
प्रश्न पत्र कोड - 229006-A (961)
निर्देष :-
1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
2. प्रश्न क्रमांक से 5 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं जिसमें 32 उपप्रश्न हैं। प्रत्येक उपप्रश्न 1 अंक का है।
3. प्रश्न क्रमांक 6 से 23 तक प्रत्येक में आंतरिक विकल्प दिये गये हैं।
4. प्रश्न क्रमांक 6 से 15 तक प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है। उत्तर लिखने की शब्द सीमा लगभग 30 शब्द है।
5. प्रश्न क्रमांक 16 से 19 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। उत्तर लिखने की शब्द सीमा लगभग 75 शब्द है।
6. प्रश्न क्रमांक 20 से 23 तक प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है। उत्तर लिखने की शब्द सीमा लगभग 120 शब्द है।
प्र.1-. सही विकल्प चुनिये - (6x1=6)
1. कर्क रेखा निम्न में से किस राज्य से होकर गुजरती है?
(अ) पंजाब (ब) आंध्रप्रदेश (स) तमिलनाडु (द) मध्यप्रदेश
2. मानसून शब्द की उत्पत्ति हुई -
(अ) अरबी (ब) फारसी (स) ग्रीक (द) लैटिन
3. पहला विश्व युद्ध कब प्रारंभ हुआ था?
(अ) 1971 ई. (ब) 1915 ई. (स) 1914 ई. (द) 1919 ई.
4. भारतीय वन सेवा की स्थापना कब हुई?
(अ) 1864 ई. (ब) 1857 ई. (स) 1869 ई. (द) उपरोक्त में से कोई नहीं
5. जाड़ों की फसल जिनकी कटाई मार्च के बाद शुरू होती है, कहलाती है -
(अ) रबी (ब) खरीफ (स) जायद (द) ठूँठ
6. भारत में कृषि भूमि नापने की इकाई है -
(अ) मीटर (ब) सेंटीमीटर (स) हैक्टेयर (द) सभी गलत
प्र.2- रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (7x1=7)
1. ब्रम्हपुत्र को बांग्लादेश में .......................... कहा जाता है। (जमुना/वूलर/अलक)
2. सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला राज्य .................... है। (केरल/अरूणाचल प्रदेश/बिहार)
3. रूस में सम्पन्न किसानों को ............................ कहा जाता है। (कुलक/ड्यूमा/जार)
4. भारत दुनिया का सबसे ........................ लोकतंत्र देश है। (बड़ा/छोटा/नहीं)
5. राशन कार्ड ........................ प्रकार के होते हैं। (तीन/चार/दो)
6. अंत्योदय अन्न योजना वर्ष ...................... में शुरू की गई। (2002/2000/2003)
7. पालमपुर गाँव का मुख्य व्यवसाय ..................................... है। (डेयरी/खेती/परिवहन)
प्र.3- सही जोड़ी बनाइये- (6x1=6)
स्तम्भ ‘अ‘ स्तम्भ ‘ब’
1. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियिम - क) 18 वर्ष
2. देष की सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य - ख) राष्ट्रपति
3. हिन्दुस्तान - ग) जबलपुर
4. वयस्क मताधिकार की आयु - घ) उत्तर प्रदेष
5. म.प्र. उच्च न्यायालय - ड.) झूम कृषि
6. डॉ. राजेंद्र प्रसाद - च) 2013
प्र.4- सत्य/असत्य की पहचान कीजिये- (6x1=6)
1. दो - आब का अर्थ नदी की प्रारंभिक अवस्था से है। (सत्य/असत्य)
2. संजय गाँधी नेशनल पार्क मध्यप्रदेश में स्थित है। (सत्य/असत्य)
3. अमेरिका एक लोकतांत्रिक देश है। (सत्य/असत्य)
4. कृषि अर्थव्यवस्था के द्वितीयक क्षेत्र के अंतर्गत आता है। (सत्य/असत्य)
5. पालमपुर गाँव में एक हाई स्कूल है। (सत्य/असत्य)
6. भारत के प्रत्येक नागरिक को छः मौलिक अधिकार प्राप्त हैं। (सत्य/असत्य)
प्र.5.- एक वाक्य / शब्द में उत्तर लिखिये - (7x1=7)
1. भारत का क्षेत्रफल विश्व के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का कितने प्रतिशत है?
2. भारतीय जीव सुरक्षा अधिनियम कब लागू किया गया?
3. वर्साय की संधि किस सन में हुई थी?
4. पौधों की कटाई के बाद जमीन में रह जाने वाली उसकी जड़ क्या कहलाती है?
5. ग्रामीण क्षेत्रों में कितने प्रकार की बेरोजगारी पाई जाती है?
6. स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना कब प्रारंभ की गई?
7. निम्न सदन किसे कहा जाता है?
प्र.6- राष्ट्रीय नदी संरक्षण येजना क्या है? 2
अथवा
नदी प्रदूषण रोकने के दो उपाय बताइए।
प्र.7- प्राकृतिक वनस्पति से क्या आशय है? 2
अथवा
वनों के महत्व को लिखिए।
प्र.8- जनगणना से क्या तात्पर्य है? 2
अथवा
250 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से कम जनसंख्या घनत्व वाले राज्यों के नाम लिखिए।
प्र.9- रूस में 1917 में जार का शासन क्यों खत्म हो गया? 2
अथवा
मताधिकार आंदोलन से क्या आशय है?
प्र.10- बोल्शेविकों द्वारा अक्टूबर क्रांति के फौरन बाद किए गए दो परिवर्तन लिखिए। 2
अथवा
‘कॉमिन्टर्न’ शब्द से क्या तात्पर्य है?
प्र.11- वैज्ञानिक वानिकी क्या है? 2
अथवा
युद्ध से जंगल क्यों प्र्भावित होते हैं?
प्र.12- संविधान सभा किसे कहते हैं? 2
अथवा
भारतीय संविधान की दो विशेषताएं लिखिए।
प्र.13- निर्वाचन क्षेत्र से क्या होते है? 2
अथवा
हमें चुनाव की जरूरत क्यों है?
प्र.14- संसद के कौन - कौन से सदन हैं? 2
अथवा
गठबंधन सरकार क्या है?
प्र.15- संसाधन क्या हैं? 2
अथवा
मौसमी बेरोजगारी से क्या आशय है?
प्र.16- खादर एवं बांगर में अंतर बताइए। 3
अथवा
भाबर प्रदेश से क्या तात्पर्य है? इसकी दो विशेषताएं लिखिए।
प्र.17- मानसून की वापसी से आप क्या समझते हैं? 3
अथवा
ग्रीष्म ऋतु और शीत ऋतु में अंतर लिखिए।
प्र.18- नात्सी सोच के खास पहलू क्या थे? 3
अथवा
वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्या थी?
प्र.19- न्यायपालिका के कार्यों की समीक्षा कीजिए। 3
अथवा
प्रधानमंत्री की शक्तियों या अधिकारों की व्यख्या कीजिए।
प्र.20- भारत के दिए गए सीमाकार मानचित्र में निम्नलिखित को प्रदर्षित कीजिए। 4
(i) कर्क रेखा (ii) लक्षद्वीप (iii) गंगा नदी (iv) बाम्बे हाई
अथवा
(i) गिर राष्ट्रीय उद्यान (ii) अंडमान निकोबार द्वीप समूह (iii) नर्मदा नदी (iv) बंगाल की खाड़ी
प्र.21- नेपोलियन के उदय को कैसे समझा जा सकता है? 4
अथवा
फ्रांसीसी क्रांति की शुरूवात किन परिस्थितियों में हुई?
प्र.22- लोकतंत्र के चार गुणों को समझाइए। 4
अथवा
लोकतांत्रिक शासन व गैर लोकतांत्रिक शासन में अंतर बताइए।
प्र.23- राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम - 2005 की मुख्य विषेषताएं लिखिए। 4
अथवा
भारत में निर्धनता दूर करने के तीन उपाय लिखिए।
---000---
वार्षिक परीक्षा सत्र - 22
कक्षा-9वीं
विषय - सामाजिक विज्ञान
समय - 3 घंटा पूर्णांक - 80 अंक
मॉडल उत्तर
प्रश्न पत्र कोड - 229006-A (961)
प्र.1-. सही विकल्प चुनिये - (6x1=6)
1. कर्क रेखा निम्न में से किस राज्य से होकर गुजरती है?
(अ) पंजाब (ब) आंध्रप्रदेश (स) तमिलनाडु (द) मध्यप्रदेश
उत्तर :- (द) मध्यप्रदेश
2. मानसून शब्द की उत्पत्ति हुई -
(अ) अरबी (ब) फारसी (स) ग्रीक (द) लैटिन
उत्तर :- (अ) अरबी
3. पहला विश्व युद्ध कब प्रारंभ हुआ था?
(अ) 1971 ई. (ब) 1915 ई. (स) 1914 ई. (द) 1919 ई.
उत्तर :- (स) 1914 ई.
4. भारतीय वन सेवा की स्थापना कब हुई?
(अ) 1864 ई. (ब) 1857 ई. (स) 1869 ई. (द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर :- (अ) 1864
5. जाड़ों की फसल जिनकी कटाई मार्च के बाद शुरू होती है, कहलाती है -
(अ) रबी (ब) खरीफ (स) जायद (द) ठूँठ
उत्तर :- (अ) रबी
6. भारत में कृषि भूमि नापने की इकाई है -
(अ) मीटर (ब) सेंटीमीटर (स) हैक्टेयर (द) सभी गलत
उत्तर :- (स) हेक्टेयर
प्र. 2. रिक्त स्थान भरिये- (1x6=6)
1. ब्रम्हपुत्र को बांग्लादेष में .......................... कहा जाता है। (जमुना/वूलर/अलक)
उत्तर :- जमुना
2. सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला राज्य .................... है। (केरल/अरूणाचल प्रदेश/बिहार)
उत्तर :- अरूणाचल प्रदेश
3. रूस में सम्पन्न किसानों को ............................ कहा जाता है। (कुलक/ड्यूमा/जार)
उत्तर :- कुलक
4. भारत दुनिया का सबसे ........................ लोकतंत्र देश है। (बड़ा/छोटा/नहीं)
उत्तर :- बड़ा
5. राशन कार्ड ........................ प्रकार के होते हैं। (तीन/चार/दो)
उत्तर :- तीन
6. अंत्योदय अन्न योजना वर्ष ...................... में शुरू की गई। (2002/2000/2003)
उत्तर :- 2000
7. पालमपुर गाँव का मुख्य व्यवसाय ..................................... है। (डेयरी/खेती/परिवहन)
उत्तर :- खेती
प्र.3- सही जोड़ी बनाइये- (1x7=7)
स्तम्भ ‘अ‘ स्तम्भ ‘ब’
1. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियिम - क) 18 वर्ष
2. देष की सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य - ख) राष्ट्रपति
3. हिन्दुस्तान - ग) जबलपुर
4. वयस्क मताधिकार की आयु - घ) उत्तर प्रदेश
5. म.प्र. उच्च न्यायालय - ड.) झूम कृषि
6. डॉ. राजेंद्र प्रसाद - च) 2013
उत्तर :-
स्तम्भ ‘अ‘ स्तम्भ ‘ब’
1. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियिम - च) 2013
2. देष की सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य - घ) उत्तर प्रदेश
3. हिन्दुस्तान - ड.) झूम कृषि
4. वयस्क मताधिकार की आयु - क) 18 वर्ष
5. म.प्र. उच्च न्यायालय - ग) जबलपुर
6. डॉ. राजेंद्र प्रसाद - ख) राष्ट्रपति
प्र.4- सत्य/असत्य की पहचान कीजिये- (6x1=6)
1. दो - आब का अर्थ नदी की प्रारंभिक अवस्था से है।
उत्तर :- असत्य।
2. संजय गाँधी नेशनल पार्क मध्यप्रदेश में स्थित है।
उत्तर :- सत्य।
3. अमेरिका एक लोकतांत्रिक देश है।
उत्तर :- सत्य।
4. कृषि अर्थव्यवस्था के द्वितीयक क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
उत्तर :- असत्य।
5. पालमपुर गाँव में एक हाई स्कूल है।
उत्तर :- सत्य।
6. भारत के प्रत्येक नागरिक को छः मौलिक अधिकार प्राप्त हैं।
उत्तर :- सत्य।
प्र.5.- एक वाक्य / शब्द में उत्तर लिखिये - (7x1=7)
1. भारत का क्षेत्रफल विश्व के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का कितने प्रतिशत है?
उत्तर :- 2.4 प्रतिशत
2. भारतीय जीव सुरक्षा अधिनियम कब लागू किया गया?
उत्तर :- 1972 ई.
3. वर्साय की संधि किस सन में हुई थी?
उत्तर :- 1919 ई.
4. पौधों की कटाई के बाद जमीन में रह जाने वाली उसकी जड़ क्या कहलाती है?
उत्तर :- ठूँठ
5. ग्रामीण क्षेत्रों में कितने प्रकार की बेरोजगारी पाई जाती है?
उत्तर :- मौसमी और प्रछन्न दो प्रकार की
6. स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना कब प्रारंभ की गई?
उत्तर :- 1999 ई.
7. निम्न सदन किसे कहा जाता है?
उत्तर :- राज्यसभा को
प्र.6- राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना क्या है? 2
अथवा
नदी प्रदूषण रोकने के दो उपाय बताइए।
उत्तर :- राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना :- देश में नदी सफाई कार्यक्रम का शुभारंभ 1985 में गंगा एक्शन प्लान के तहत आरंभ किया गया। सन 1995 में गंगा एक्शन प्लान का दायरा देश की अन्य नदियों को संरक्षित करने के लिए बढ़ा दिया गया जिसे राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना नाम दिया गया। इसके अंतर्गत देश के प्रमुख नदी जल स्रोतों को प्रदूषण मुक्त रखते हुए उनमें जल की गुणवत्ता बनाए रखने का कार्य किया जाता है।
अथवा
नदी प्रदूषण रोकने के उपाय :-
1. नदियों में आम जन को अवषिष्ट पदार्थां को नहीं छोड़ना चाहिए।
2. शौचलयों का निर्माण किया जाना चहिए तथा मलमूत्र निकासी प्रबंधन समुचित किया जाना चाहिए।
3. घरों की नालियों का अपशिष्ट उचित शोधन करने के उपरांत ही नदियों में छोड़ा जाना चाहिए।
4. कारखानों से निकलने वाले कचरे का समुचित समाधान होना चाहिए।
5. मिट्टी के कटाव को रोकने वृक्षारोपण होना चाहिए।
6. जल स्रोतों की नियमित साफ सफाई होते रहना चाहिए।
7. जल प्रदूषण से उत्पन्न खतरों को समाज में प्रचारित करना चाहिए।
8. प्राकृतिक जल प्रणाली से छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए।
9. जैविक खेती अपनाना चाहिए।
10. सरकार द्वारा जल प्रदूषण रोकने किए जा रहे प्रयासों को समर्थन देना चाहिए।
प्र.7- प्राकृतिक वनस्पति से क्या आषय है? 2
अथवा
वनों के महत्व को लिखिए।
उत्तर :- प्राकृतिक वनस्पति :- प्राकृतिक वनस्पति का अर्थ है कि वनस्पति का वह भाग जो कि मनुष्य की सहायता के बिना अपने आप पैदा होता है और लम्बे समय तक उस पर मानवी प्रभाव नहीं पड़ता है।
अथवा
वनों का महत्व :- वनों का हमारे जीवन में क्या महत्व है यह निम्न तथ्यों से स्पष्ट है :-
वन वायुमण्डल को शुद्ध रखते हैं और वायु प्रदूषण को कम करते हैं।
वन वायुमण्डल को ऑक्सीजन प्रदान करते हैं।
वन वायु के तापमान को बनाये रखते हैं, जिससे वर्षा होती है।
वन जलवायु को सम रखते हैं।
वन जल के बहाव को रोकते हैं, जिससे भूमि का कटाव रुक जाता है तथा भूगर्भीय जल-स्तर में वृद्धि होती है।
प्र.8- जनगणना से क्या तात्पर्य है? 2
अथवा
250 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से कम जनसंख्या घनत्व वाले राज्यों के नाम लिखिए।
उत्तर :- जनगणना :- एक निश्चित समयांतराल में जनसंख्या की आधिकारिक गणना जनगणना कहलाती है।
अथवा
250 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से कम जनसंख्या घनत्व वाले राज्यों के नाम :-
1. अरूणाचल प्रदेश (17)
2. नागालैंड (119)
3. मणिपुर (122)
4. मिजोरम (22)
5. मेघालय (132)
6. छत्तीसगढ़ (189)
7. मध्यप्रदेश (236)
8. राजस्थान (201)
9. उत्तराखंड (189)
10. हिमाचल प्रदेश (123)
प्र.9- रूस में 1917 में जार का शासन क्यों खत्म हो गया? 2
अथवा
मताधिकार आंदोलन से क्या आषय है?
उत्तर :- जार की नीतियों से जनता में बढ़ते अविश्वास व विद्रोह स्वरुप 1917ई. में जार के शासन का अंत हो गया उसके लिए निम्नलिखित कारण उत्तरदायी थे -
i. रोमनाव वंश के शासक जार निकोलस द्वितीय द्वारा अपनी सत्ता के विरुद्ध उठे सवालों को नियंत्रित करने राजनैतिक गतिविधियों पर रोक लगा दी गई व मतदान के नियम बदल डाले। इससे लोगों में असंतोष पैदा होने लगा।
ii. प्रथम विश्व युद्ध के प्रारंभ में रुसी जनता जार के साथ थी परन्तु जार द्वारा ड्यूमा के प्रमुख दलों से सलाह लेने के इंकार के कारण उसने रुसी जनता का समर्थन खो दिया।
iii. जार निकोलस की पत्नी महारानी जरीना के जर्मन मूल का होने और उसके रासपुतिन जैसे सलाहकारों ने राजशाही को अलोकप्रिय बना दिया।
iv. प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मनी व आस्ट्रिया से पराजित हो पीछे हटती रुसी सेनाओं ने फसलों व इमारतों को नष्ट कर दिया इससे ब्रेड रोटी और आटे की किल्लत हो गई ब्रेड रोटी की दुकानों पर दंगे होने लगे। इस कारण ने भी जार शासन को अलोकप्रिय बना दिया।
v. जार द्वारा 25 फरवरी 1917 को ड्यूमा को बर्खास्त करने के फैसले से असंख्य लोग जार के खिलाफ खड़े हो गए तब 2 मार्च को जार गद्दी छोड़ने को मजबूर हो गया। और इससे निरंकुशता का अंत हो गया।
अथवा
मताधिकार आंदोलन :- वोट डालने का अधिकार पाने के लिए चलाया गया आन्दोलन मताधिकार आन्दोलन कहलाता है |
प्र.10- बोल्शेविकों द्वारा अक्टूबर क्रांति के फौरन बाद किए गए दो परिवर्तन लिखिए। 2
अथवा
‘कॉमिन्टर्न’ शब्द से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :- बोल्शेविकों द्वारा अक्टुबर क्रांति के फौरन बाद किए गए दो परिवर्तन निम्नलिखित हैं :-
1. जमीन को सामाजिक सम्पत्ति घोषित कर दिया गया।
2. बड़े बड़े मकानों के छोटे छोटे हिस्से करके जरूरतमंदों को दे दि गए।
3. अफसरों और सेना की वर्दी में बदलाव कर सोवियत टोपी को अपनाया गया।
4. बोल्शेविक पार्टी का नाम बदलकर रूसी कम्युनिस्ट पार्टी कर दिया गया।
अथवा
कॉमिन्टर्न :- सभी देशों की साम्यवादी पार्टियों का एक संघ बनाया गया, जिसे कौमिंटर्न नाम दिया गया। यह कम्युनिस्ट पार्टियों की अंतर्राष्ट्रीय संस्था थी। यह शब्द ‘ कम्युनिस्ट इंटरनेषनल’ (ब्वउउनदपेज प्दजतमदंजपवदंस)का संक्षिप्त रूप है।
प्र.11- वैज्ञानिक वानिकी क्या है? 2
अथवा
युद्ध से जंगल क्यों प्रभावित होते हैं?
उत्तर :- वैज्ञानिक वानिकी :- वन विभाग द्वारा पेड़ों की कटाई जिसमें पुराने पेड़ काट कर उनकी जगह नए पेड़ लगाए जाते हैं।
अथवा
युद्धों से जंगल निम्न लिखित कारणों से प्रभावित होते हैंः
(क) युद्ध की जरूरतों को पूरा करने के लिए लकड़ी की मांग बढ़ जाती है और अधिक से अधिक वन काटे जाते हैं।
(ख) युद्ध में विशाल वन क्षेत्र अग्नि की भेंट चढ़ जाते हैं।
(ग) युद्ध के समय सरकारें लकड़ी के विशाल भंडारे तथा आरा मिलों को स्वयं भी जला डालती हैं, ताकि ये संसाधन शत्रु के हाथ न लग जाए। इसे भस्म कर भागो नीति कहते हैं। इंडोनेशिया के डच शासकों ने यही नीति अपनाई थी। वे अपने वन संसाधनों को जापान के हाथों में जाने से रोकना चाहते थे।
प्र.12- संविधान सभा किसे कहते हैं? 2
अथवा
भारतीय संविधान की दो विशेषताएं लिखिए।
उत्तर :- संविधान सभा :- जनप्रतिनिधियों की वह सभा जो संविधान लिखने का काम करती है संविधान सभा कहलाती है ।
अथवा
भारतीय संविधान की विषेषताएं :-
संघीय सरकार।
संसदात्मक सरकार।
प्रभुत्व संपन्न लोकतांत्रिक गणराज्य ।
पंथ-निरपेक्ष राज्य ।
स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका ।
मूल अधिकार ।
राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत ।
प्र.13- निर्वाचन क्षेत्र से क्या होते है? 2
अथवा
हमें चुनाव की जरूरत क्यों है?
उत्तर :- निर्वाचन क्षेत्र :- चुनाव के उद्देश्य से देश को अनेक क्षेत्रों में बाँट लिया जाता है। इन्हें निर्वाचन क्षेत्र कहते हैं। अथवा
हमें निम्नलिखित कारणों से चुनाव की जरूरत होती है :-
1. अधिकांश लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में लोग अपने प्रतिनिधि के माध्यम से शासन करते हैं।
2. बिना चुनाव के हम किसी भी लोकतंत्र की कल्पना नहीं कर सकते।
3. लोकतंत्र की बहाली के लिए चुनाव आवष्यक हैं।
4. चुनाव के माध्यम से लोग अपने शासक को खुद चुन सकते हैं।
5. चुनाव के माध्यम से हम किसी भी शासक अथवा सरकार को बदल सकते हैं।
6. चुनाव के माध्यम से हम राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा बनते हैं।
प्र.14- संसद के कौन - कौन से सदन हैं? 2
अथवा
गठबंधन सरकार क्या है?
उत्तर :- भारत में संसद के प्रमुख दो सदन हैं :-
1. उच्च सदन जिसे लोकसभा कहते हैं।
2. निम्न सदन जिसे राज्य सभा कहते हैं।
अथवा
गठबंधन सरकार :- जब आम चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है, तो सरकार बनाने के लिए दो से अधिक दल आपस में मिल कर बहुमत का आंकड़ा पूर्ण करते हुए सरकार बनाते हैं जिसे गठबंधन सरकार कहते हैं।
प्र.15- संसाधन क्या हैं? 2
अथवा
मौसमी बेरोजगारी से क्या आशय है?
उत्तर :- मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति अथवा उनकी किसी कठिनाई का निवारण करने वाले या निवारण मे योग देने वाले आश्रय या स्त्रोत को संसाधन कहते है।
दुसरे शब्दों मे, कोई वस्तु या तत्व तभी संसाधन कहलाता है जब उससे मनुष्य की किसी आवश्यकता की पूर्ति होती है, जैसे जल एक संसाधन है क्योंकि इससे मनुष्यों व अन्य जीवों की प्यास बुझती हैं, खेतो मे फसलों की सिंचाई होती है और यह स्वच्छता प्रदान करने, भोजन बानने और भी आदि मानव की बहुत सी महत्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। इसी प्रकार वे सभी प्रदार्थ जो मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति मे सहायतक होते है उन्हें संसाधन कहा जाता है।
अथवा
मौसमी बेरोजगारी :- जब लोग वर्ष के कुछ महीनो में रोजगार प्राप्त नहीं कर पाते । कृषि पर आश्रित लोग प्रायः इस तरह की समस्या से जूझते है। वर्ष में कुछ व्यस्त मौसम होता है जब बुआई कटाई निराई आदि होती है। कुछ विशेष महीनो में कृषि पर आधारित लोगो को काम नहीं मिल पाता । अतः साल के कुछ महीनो में वे बेकार रहते है । इसे ही मौसमी बेरोजगार कहते है।
प्र.16- खादर एवं बांगर में अंतर बताइए। 3
अथवा
भाबर प्रदेश से क्या तात्पर्य है? इसकी दो विशेषताएं लिखिए।
उत्तर :- बांगर और खादर में अंतर
बांगर |
खादर |
1. ये पुरानी जलोढ़
मिट्टी वाले भू भाग हैं। |
1. ये नवीनतम जलोढ़ मिट्टी वाले
भू भाग हैं। |
2. इसकी संरचना जलोढ़
के जमाव के छज्जेनुमा हो जाती है। |
2. लगभग हर वर्ष इसकी मिट्टी बदलती
रहती |
3. ये नदियों के बाढ़
वाले मैदान के ऊपर स्थित हैं। |
3. ये नदियों के बाढ़ वाले मैदान
होते हैं। |
4. यह भू भाग अनुपजाऊ
होता है। |
4. यह भू भाग अत्यधिक उपजाऊ होता
है। |
भाबर प्रदेश :- हिमालयीन नदियां पर्वतों से नीचे उतरते समय शिवालिक पर्वत की ढाल पर 8 से 16 किमी के चौड़ी पट्टी में गुटिका (कंकड़) का निक्षेपण करती हैं। इसे भाबर के नाम से जाना जाता है।
भाबर प्रदेश की कई विषेषताएं हैं जो निम्नलिखित हैं :-
1. भाबर क्षेत्र की सरन्ध्रता इतनी अधिक है कि यहाँ पर सारी नदियाँ लुप्त हो जाती हैं।
2. भाबर नामकरण इस क्षेत्र में पाई जाने वाली भाबर घास (यूलालिओप्सिस बिनाता) के कारण हुआ। अधिकांशतः इस घास का उपयोग मुख्यतः कागज़ और रस्सी बनाने के लिए किया जाता है।
3. यह शिवालिक पर्वत माला के समांनातर है।
4. भाबर पट्टी की चौड़ाई 8 से 16 किलोमीटर है।
प्र.17- मानसून की वापसी से आप क्या समझते हैं? 3
अथवा
ग्रीष्म ऋतु और शीत ऋतु में अंतर लिखिए।
उत्तर :- मानसून की वापसी :- भारत में मानसून का समय जून के आरंभ से लेकर मध्य सितंबर तक लगभग 100 से 120 दिन तक का होता है।
सितंबर से दिसंबर तक की अवधि के दौरान मानसून वापस अपने गंतव्य की ओर लौट रहा होता है और इस काल में में कुछ प्रदेशों में वर्षा करता हुआ जाता है। इस कारण इसे लौटता हुआ मानसून या मानसून प्रत्यावर्तन का काल कहते हैं। ऐसी बारिश दक्षिण भारत के कुछ राज्यों जैसे कि तमिलनाडु आदि में होती है।
अथवा
ग्रीष्म ऋतु और शीत ऋतु में अंतर :-
ग्रीष्म ऋतू |
शीत ऋतू |
1. सूर्य
की आभासी गति उत्तर की ओर होने पर ग्रीष्म ऋतु होती है। |
1. सूर्य की आभासी गति मकर रेखा की ओर होने पर शीत
ऋतु होती है। |
2. मार्च
से मई तक भारत में ग्रीष्म ऋतु होती है। |
2. उत्तरी
भारत में शीत ऋतु नवम्बर मध्य से फरवरी तक होती है। |
3. दिन
और रातें गर्म होती हैं। |
3. दिन
गर्म और रातें ठंडी होती हैं। |
4. धूल
भरी गर्म एवं शुष्क पवनें चलती हैं। |
4. उत्तर-पूर्वी
व्यापारिक पवने देष में प्रवाहित होती हैं। |
5. प्रमुख
फसलें रबी के अंतर्गत होती हैं। गेंहू, चना, मटर
आदि |
5. प्रमुख फसलें
जायद के अंतर्गत होती हैं। मूंग, तरबूज, खरबूज
आदि |
प्र.18- नात्सी सोच के खास पहलू क्या थे? 3
अथवा
वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्या थी?
उत्तर :- नात्सी सोच के खास पहलू निम्नलिखित थे :-
1. आर्य (जर्मन) विश्व की सर्वश्रेष्ठ नस्ल है, उसे अपनी शुद्धता बनाए रखनी है।
2. नात्सियों का मानना था कि श्रेष्ठ जाति (जर्मन) जीवित रहेगी तथा हीन (यहूदी) को नष्ट होना पड़ेगा।
3. नात्सी विचारधारा में हिटलर को एक मसीहा के रूप में प्रस्तुत किया गया है जो उन्हें सभी विपत्तियों से छुटकारा दिला सकता है।
अथवा
वाइमर गणराज्य के सामने प्रमुख समस्याएं निम्नलिखित थी :-
वाइमर संधि - वर्साय में हुई शांति-संधि की वजह से जर्मनी को अपने सारे उपनिवेश, तकरीबन 10 प्रतिशत आबादी, 13 प्रतिशत भूभाग, 75 प्रतिशत लौह भंडार और 26 प्रतिशत कोयला भंडार फ्रांस, पोलैंड, डेनमार्क और लिथुआनिया के हवाले करने पड़े। मित्र राष्टों ने उसकी सेना भी भंग कर दी। युद्ध अपराधबोध अनुच्छेद के तहत युद्ध के कारण हुई सारी तबाही के लिए जर्मनी को ज़िम्मेदार ठहराकर उस पर छः अरब पौंड का जुर्माना लगाया गया। खनिज संसाधनों वाले रा्ईनलैंड पर भी बीस के दशक में ज़्यादातर मित्र राष्ट्रों का ही क़ब्ज़ा रहा।
आर्थिक संकट - युद्ध में डूबे हुए ऋणों के कारण जर्मन राज्य आर्थिक रुप से अपंग हो गया था जिसका भुगतान सोने में किया जाना था। इसके बाद, सोने के भंडार में कमी आर्ई और जर्मन निशान का मूल्य गिर गया। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छूने लगीं।
राजनीतिक संकट - राष्ट्रीय सभा द्वारा वाइमर गणराज्य का विकास तथा सुरक्षा के रास्ते पर लाने के लिए एक नये जनतांत्रिक संविधान का निर्माण किया गया, किन्तु यह अपने उद्देश्य में असफल रहा। संविधान में बहुत सारी कमजोरियाँ थीं। आनुपातिक प्रतिनिधित्व संबंधी नियमों तथा अनुच्छेद 48 के कारण एक राजनीतिक संकट पैदा हुआ जिसने तानाशाही शासन का रास्ता खोल दिया।
प्र.19- न्यायपालिका के कार्यों की समीक्षा कीजिए। 3
अथवा
प्रधानमंत्री की शक्तियों या अधिकारों की व्यख्या कीजिए।
उत्तर :- न्यायपालिका :- एक राजनैतिक संस्था जिसके पास न्याय करने और कानूनी विवादों के निबटारे का अधिकार होता है। देष के सभी अदालतों को एक साथ न्यायपालिका के नाम से पुकारा जाता है।
न्यायपालिका के कार्यों की समीक्षा :- अलग-अलग राजनीतिक व्यवस्थाओं में न्यायपालिका के कार्य अलग-अलग होते हैं, पर आम तौर पर ये कार्य इस प्रकार होते हैं।
1. न्याय प्रदान करना न्यायालयों का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। न्यायालय दीवानी, फौजदारी और संविधानिक प्रकृति के सभी मामलों की सुनवाई और फैसला करते हैं। लिखित संविधान वाले देशों में न्यायालयों को संविधान की व्याख्या की शक्ति भी प्राप्त होती है। वे संविधान के रक्षक के तौर पर काम करते हैं।
2. दूसरी बात, वैसे तो कानून बनाना विधायिकाओं का काम है, पर एक भिन्न ढंग से न्यायालय भी कानून बनाते हैं। जहाँ कोई कानून खामोश या अस्पष्ट हो वहाँ अदालतें तय करती हैं कि कानून क्या है और कैसे लागू होना चाहिए।
3. तीसरी बात, एक संघीय शासन प्रणाली में अदालतें केन्द्रीय व क्षेत्रीय सरकारों के बीच एक स्वतंत्र और निष्पक्ष अंपायर की भूमिका भी निभाती हैं।
4. चौथी बात, न्यायालय सरकार के कार्यों को वैधता देने वाले महत्वपूर्ण संगठन हैं। न्यायालयों से आशा की जाती है कि वे खुद को जनता की बढ़ती आकांक्षाओं के प्रति सचेत रखेंगे और मौजूदा स्थिति में कानून के अर्थ की गतिशील ढंग से व्याख्या करेंगे। उन्हें यह देखना होगा कि कोई कानून या कार्यपालिका का कोई काम जनता के विभिन्न अधिकारों का हनन न करे।
5. पाँचवी बात, न्यायालयों को विद्यमान राजनीतिक व्यवस्था को स्थायी बनाना और अवलंब देना भी होता है। न्यायालयों का व्यवहार बाधामूलक या विनाशकारी नहीं होना चाहिए कि वहीं राजनीतिक संगठन का सुचारु संचालन समस्या न बन जाए।
6. न्यायालयों का सबसे विवादास्पद कार्य उनका न्यायिक समीक्षा का अधिकार है जिसके अंतर्गत उन्हें किसी विधायी या प्रशासनिक कदम की वैधता की छानबीन की और फिर उसे अंशतः या पूर्णतः संविधान के प्रतिकूल घोषित करने की क्षमता प्राप्त होती है। इस शक्ति का जन्म अमेरिका में हुआ और वहीं यह अपने सर्वोत्तम रूप में दिखाई भी पड़ती है। इसका दूसरा सर्वोत्तम उदाहरण भारत में देखने को मिलता है। इटली, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे कुछ अन्य देशों में इसे कुछ मद्धम रूपों में देखा जा सकता है।
जैसा कि कहा गया है, न्यायालयों के कार्य अलग-अलग देशों में अलग-अलग होते हैं। फिर भी, जैसा कि ऊपर बतलाया गया है, इनमें से अधिकांश कार्य साझे हैं तथा ये ही कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका की शक्तियों में अंतर की रेखा खींचते हैं।
अथवा
प्रधानमंत्री के अधिकारों की व्याख्या :-
मंत्रीपरिषद के संबंध में प्रधानमंत्री की शक्तियां
1. मंत्रीपरिषद की बैठक को बुलाना तथा आयोजित बैठक की अध्यक्षता करना।
2. मंत्रियों के लिए मंत्रालय निर्धारित करना।
3. मंत्रियों के माध्यम से होने वाले विकास कार्यों का नेतृत्व करना।
राष्ट्रपति के संबंध में प्रधानमंत्री की शक्तियां
1. राष्ट्रपति को सलाह देना (मंत्रियों की नियुक्ति आदि में)
2. तत्कालीन योजनाओं एवं विकास कार्यों के बारे में राष्ट्रपति को अवगत कराना /सूचित करना।
संसद के संबंध में शक्तियां
1. प्रधानमंत्री सम्पूर्ण मंत्रीपरिषद का प्रमुख होता है।
2. राष्ट्रपति को लोकसभा के विघटन के लिए सलाह देना
3. संसद में सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं।
4. संसद में जनता के सवालों का जवाब देते हैं।
प्रधानमंत्री के अन्य कार्य
1. नीति आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं।
2. अंतर्राज्यीय परिषद के अध्यक्ष
3. राष्ट्रीय एकता परिषद
4. ऐसे ही अन्य कई परिषद हैं जिनकी अध्यक्षता का दायित्व प्रधानमंत्री का होता है।
प्र.20- भारत के दिए गए सीमाकार मानचित्र में निम्नलिखित को प्रदर्शित कीजिए। 4
(i) कर्क रेखा (ii) लक्षद्वीप (iii) गंगा नदी (iv) बाम्बे हाई
अथवा
(i) गिर राष्ट्रीय उद्यान (ii) अंडमान निकोबार द्वीप समूह (iii) नर्मदा नदी (iv) बंगाल की खाड़ी
प्र.21- नेपोलियन के उदय को कैसे समझा जा सकता है? 4
अथवा
फ्रांसीसी क्रांति की शुरूवात किन परिस्थितियों में हुई?
उत्तर :- नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म 1769 ई0 में रोम सागर के द्वीप कोर्सिका की राजधानी अजासियों में हुआ था। वह असाधारण प्रतिभा का स्वामी था । उसने पेरिस के फौजी स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर सेना में भर्ती हुआ और असीम वीरता, साहस और सैनिक योग्यता द्वारा उन्नति कर सेनापति बन गया। उसने ब्रिटेन,आस्ट्रिया और सार्डीनिया के विरूद्ध विजय प्राप्त की । तत्पश्चात वह डायरेक्टरी का प्रथम बना और थोडे समय में ही वह फ्रांस का सम्राट बन गया । उसने अपनी योग्यता और कुशलता से फ्रांस में शांति व्यवस्था स्थापित की ।
अथवा
फ्रांस में क्रांति की शुरुआत निम्न परिस्थितयों में हुई :
(अ) लुई सोलहवें का शासन था और कई बार युद्ध की मार झेलने से फ्रांस की आर्थिक स्थिति जर्जर हो चुकी थी । अब उसे फिर से नए कर बढ़ाने की आवश्यकता थी ।
(ब) मजदूरों, व्यवसायियों एवं किसानों का शोषण हो रहा था । मजदूरी महंगाई की दर से नहीं बढ़ रही थी।
(स) किसानों की फसलें कड़ाके की ठंड के कारण मारी गई थी और खाने-पीने की वस्तुओं के दाम आसमान छूने लगे थे।
(द) राज्य के खर्चां को पूरा करने फिर से कर लगाने लुई ने मन बनाया और एस्टेट जनरल की बैठक बुलाई तो आम जनता (तीसरे एस्टेट) का गुस्सा भड़़क उठा।
(इ) तीसरे एस्टेट के प्रनितिधि अब खुद को नैशनल असेंबली घोषित कर चूके थे और नए संविधान भी बनाना शुरू कर दिया था । इस समय कुछ दार्शनिकों के विचार और निरंकुश शासन से पूरा फ्रांस आंदोलित होने लगा था ।
प्र.22- लोकतंत्र के चार गुणों को समझाइए। 4
अथवा
लोकतांत्रिक शासन व गैर लोकतांत्रिक शासन में अंतर बताइए।
उत्तर :- 1. जनहित :- लोकतंत्र शासन को जनता के कल्याण, विकास व सुविधा का प्रतीक माना जाता है। लोकतंत्र में शासन की नीतियाँ, कार्यक्रमों, आदेशों के माध्यम से सर्वसाधारण का अधिक- से-अधिक जनहित करने का प्रयास किया जाता है।
2. राजनीतिक प्रशिक्षण :- लोकतंत्र, सर्वसाधारण को राजनीतिक प्रशिक्षण भी देता है। लोकतंत्र में संचार के साधनों, प्रेस, दूरदर्शन आदि का प्रयोग व्यापक तरीके से किया जाता है। लोकतंत्र में राजनीतिक दल, राजनेता, दबाव समूह और संगठन सक्रिय रूप से कार्य करते हैं। राजनीतिक दल जनता की इच्छाओं, आकांक्षाओं को सरकार के सामने रखते हैं। सरकार इन पर नीतियाँ बनाते हुए समस्त राजनीतिक गतिविधियों के बारे में जानकारी जनता को उपलब्ध करवाती है। इसमें समानता स्थापित करने के प्रयास किये जाते हैं।
3. नैतिकता का विकास :- लोकतंत्र में राष्ट्रीय चरित्र व नैतिकता का विकास नागरिकों में होना चाहिए। राष्ट्रप्रेम, देश - भक्ति, त्याग, बलिदान, सेवा और सहनशीलता आदि गुणों का विकास नागरिकों को राष्ट्र से जोड़े रखने का प्रयास करता है। लोकतंत्र उच्च गुणों का विकास करने का प्रयास करता है। नैतिकता लोकतंत्र को भ्रष्ट होने से रोकती है। नैतिकता से नागरिकों में आत्मविश्वास की भावना जागृत होती है। लोकतंत्र में अच्छे आदर्शों का संकल्प दोहराया जाता है।
4. क्रान्ति का अभाव :- लोकतंत्र में लोकतांत्रिक पद्धतियों को महत्व दिया जाता है। जनता के आपसी विवादों, मनमुटाव और झगडे हल करने के लिए लोकतांत्रिक पद्धति का ही सहारा लिया जाता है, इसमें हिंसा, खून-खराबा और असंवैधानिक तरीको का प्रयोग वर्जित है। लोकतंत्र में यदि शासक-वर्ग जनता पर लंबे समय तक अत्याचार करता है तो जनता लोकतांत्रिक तरीके से परिवर्तन करती है। हिंसा का सहारा परिवर्तन करने के लिए नहीं लेती है।
5. लोकतंत्र के अन्य प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं :-
लोकतन्त्र में किसी की भी जय या पराजय स्थायी नहीं होती।
लोकतन्त्र मतभेदों एवं विवादों से निपटने का तरीका उपलब्ध कराती है।
लोकतन्त्र नागरिकों की गरिमा में वृद्धि करता है क्योकि यह राजनैतिक समानता के सिद्धान्त पर आधारित है जो यह स्वीकार करता है कि सबसे निर्धन एवं सबसे कम पढ़े-लिखे लोगों की भी समाज में वही स्थिति है जो अमीर व शिक्षित लोगों की है। लोग किसी शासक की प्रजा नहीं हैं अपितु वे स्वयं शासक हैं।
लोकतन्त्र लोगों की जरूरतों को प्रत्युत्तर देती है। एक लोकतांत्रिक सरकार सदैव लोगों के प्रति जवाबदेह है।
लोकतन्त्र निर्णय करने की गुणवत्ता में सुधार लाती है क्योंकि ये संविधान एवं परिचर्चा पर आधारित होते हैं।
लोकतन्त्र प्रत्येक समस्या का शांतिपूर्ण समाधान उपलब्ध कराता है। यह भारत जैसे देश के लिए उपयुक्त है जिसमें भाषा, धर्म एवं संस्कृति आधारित भिन्नताएँ पायी जाती हैं।
भारतीय लोकतन्त्र ने भिन्नता में एकता बनाए रखते हुए एक शांतिपूर्ण समाज उपलब्ध कराया है।
अथवा
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था और गैर लोक तांत्रिक शासन व्यवस्था में अंतर :-
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था |
गैर - लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था |
जनता द्वारा चुनी जाती है। |
जनता द्वारा नहीं चुनी जाती है। |
ऐसी सरकार में लोगों को मौलिक अधिकार प्राप्त होते
हैं। |
लोगों को मौलिक अधिकार प्राप्त नहीं होते हैं। |
लोकतंत्र में नियत समयांतराल में चुनाव होते रहते
हैं जिससे जनता सरकार बदल सकती है। |
नियत अंतराल में चुनाव नहीं होते न ही जनता के पास
सरकार बदलने का कोई विकल्प होता है। |
सरकार संविधान के अनुसार कार्य करती है। |
सरकार शासक के इच्छानुसार कार्य करती है। |
लोकतंत्र में संसद प्रमुख होती है। |
अलोकतांत्रिक सरकार में शासक समूह ही प्रमुख होता
है। |
प्र.23- राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम - 2005 की मुख्य विशेषताएं लिखिए। 4
अथवा
भारत में निर्धनता दूर करने के तीन उपाय लिखिए।
उत्तर :- रोजगार गारण्टी कार्यक्रम, 2005 की प्रमुख विशेषताएँ :-
1. यह अधिनियम केवल एक कार्यक्रम ही नहीं है, अपितु एक कानून है जिसके अन्तर्गत रोजगार हासिल करने की कानूनी गारण्टी दी गई हैं।
2. इसके नियोजन तथा क्रियान्वयन में पंचायती राज संस्थाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी।
3. इसका प्रमुख उद्देश्य हर वर्ष प्रत्येक ग्रामीण एवं शहरी गरीब तथा निम्न मध्यम वर्ग के परिवार के एक वयस्क व्यक्ति को कम से कम 100 दिन रोजगार उपलब्ध कराना है।
4. इसके अन्तर्गत माँग करने पर 15 दिन के अन्दर कार्य उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
5. यदि निश्चित समय में काम उपलब्ध नहीं कराया जाएगा, तो सम्बन्धित व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाएगा।
अथवा
निर्धनता या गरीबी एक बहुआयामी समस्या है जिसका समाधान सरल एवं सहज नहीं हैं। सच में तो गरीबी को पूरी तरह से दूर करना असम्भव सा है। लेकिन निर्धनता को कम किया जा सकता है। गरीबी हटाने के लिए मुख्य रूप से निम्नलिखित उपाय को अपनाना श्रेयस्कर होगाः
1. जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण- बढ़ती हुई परिवार की संख्या के कारण परिवार की आर्थिक हालत बहुत खराब हो जाती है यदि इस पर नियंत्रण हो जाये तो परिवार की स्थिति को सुधारा भी जा सकता है।
2. रोजगार के अवसर में वृद्धि- निर्धनता का एक मुख्य कारण रोजगार के अवसर की कमी है। यदि रोजगारों के अवसर में वृद्धि की जायें तो लोगों के जीवन स्तर में सुधार आयेगा और उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी जिससे वे अपने बच्चों की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरी कर पायेंगे जिससे बालक विकास में वृद्धि होगी।
3. व्यक्तिगत एवं सामाजिक मूल्यों में परिवर्तन- भारत में परम्परागत रूप से अलग -अलग धर्म एवं जाति के लोग रहते हैं और उनके अलग-अलग व्यक्तिगत एवं सामाजिक मूल्य निर्धारित होते हैं। जैसे- बाह्यण जाति के लिए निम्न जाति के लोगों से सेवा कराना, श्रमिक का काम कराना। इसी प्रकार निम्न जाति के लोगों को उच्च कार्य वर्णित थे। इन सभी मूल्यों में परिवर्तन आवश्यक है। इनमें परिवर्तन होने से लोगों के सामाजिक मूल्य ऊँचे उठते हैं जिनसे इनका जीवन स्तर उच्च होता है।
4. शिक्षा- शिक्षा किसी बात की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है शिक्षा से व्यक्ति की सोच विकसित होती है और वह अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होते हैं लेकिन अशिक्षित लोगों का हमेशा शोषण होता रहा है। इसलिए यदि गरीब लोग शिक्षित होंगे तो कोई भी उनका शोषण नहीं कर पायेगा और जो वो मेहनत करते हैं तो उन्हें उनका पूरा भुगतान मिलेगा जिससे वे अपने बच्चों को सुख-सुविधा दे पायेंगे और शिक्षित होने से माता-पिता गरीब होने के बावजूद भी अपने बच्चों को शिक्षित कर उन्हें समाज में स्थान दिला पायेंगे।
5. आय का पुनर्वितरण - आय और धन के वितरण की असमानता गरीबी को स्थायी बना देती है। यह नागरिकों की कार्यकुशलता को भी विपरीत रूप से प्रभावित करती है। जब देश की अर्थव्यवस्था का ढांचा इस प्रकार का हो कि विकास के प्रयत्नों के कारण बढ़ी हुई आय को अमीर लोग ही हड़प जाते हों तो विकास के सारे प्रयत्न ही बेकार हो जाते हैं। ऐसी स्थिति मे गरीबी घटने की बजाय और अधिक बढ़ जाती है। भारत में बहुत कुछ हद तक ऐसा ही हो रहा है। अतः यहां गरीबी उन्मूलन के लिए आय इस प्रकार पुनर्वितरण कराना आवश्यक है जिससे गरीब वर्ग की आय व उपभोग का स्तर ऊंचा उठ सके। इसके लिए राष्ट्रीय साधन, सम्पत्ति एवं आय के प्रवाह को अमीरों से गरीबों की ओर मोड़ना होगा।
6. विकास की ऊंची दर - गरीबी उन्मूलन के लिए आय का पुनर्वितरण, जनसंख्या नियन्त्रण आदि उपायों का महत्व है, किन्तु इनकी कुछ सीमाएं हैं। अतः यह आवश्यक है कि गरीबी के स्थायी उपचार हेतु आर्थिक विकास की दर बढ़ाने पर ही सर्वाधिक ध्यान देना होगा। यद्यपि आय के पुनर्वितरण के द्वारा वर्तमान वस्तुओं आपस में बंटवारा तो सम्भव है। किन्तु देश की वस्तुओं के कुल भंडारों में वृद्धि करने के लिए तो उत्पादन में वृद्धि करनी होगी। अतः भारत में गरीबी-उन्मूलन की दृष्टि से तीव्र आर्थिक विकास सर्वप्रथम अनिवार्य शर्त हैं तीव्र आर्थिक विकास के लिए हमें उत्पादकता एवं कार्यकुशलता बढ़ाने, तकनीकी ज्ञान के स्तर में सुधार लाने, देश के मानवीय व प्राकृतिक साधनों का पूरा-पूरा उपयोग करने जैसे उपाय करने होंगे।
7. कृषि का विकास - भारत मूल रूप से एक कृषि प्रधान देश है और भारत की खेती पिछड़ी हुई है। भारत में गरीबों का काफी बड़ा भाग कृषि क्षेत्र में ही पाया जाता है। अतः कृषि के विकास पर ध्यान देना प्रथम प्राथमिकता होना चाहिए। भूमिहीन किसानों व सीमान्त किसानों की स्थिति में सुधार लाने हेतु विशेष प्रयास किये जाने चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र की गरीबी को दूर करने के लिए भूमि का पुनर्वितरण भी काफी उपयोगी उपाय है।
8. कुटीर व लघु उद्योगों का विकास - भारत में बेरोजगार लोगों को रोजगार प्रदान करने की दृष्टि से कुटीर व लघु उद्योगों का विकास किया जाना आवश्यक है। इससे न केवल बेरोजगार गरीब लोगों को काम मिलेगा वरन् आय व असमानता भी घटेगी।
9. सामाजिक भागीदारी - यदि गरीब लोग विकास के कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी प्रारम्भ कर दे तो गरीबी को दूर किया जाना सरल हो जाएगा। इसके लिए गरीबों को स्वयं को गरीबी-उन्मूलन और आर्थिक विकास के कार्यक्रमों में शामिल करना होगा। इस कार्य में पंचायती राज संस्थानों, स्वैच्छिक संगठनों और स्व-सहायता समूहों की भागीदारी को बढ़ाना आवश्यक होगा।
10. छिपी हई बेरोजगारी की समाप्ति और रोजगार में वृद्धि - निर्धनता दूर करने के लिए रोजगार, अर्द्ध रोजगार तथा छिपी हुई बेरोजगारी को दूर करने के लिए विशेष प्रयत्न किये जाने आवश्यक हैं। ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने के अधिक अवसर हैं उनका पूरा लाभ उठाना चाहिए। कृषि का विकास करके भूमि पर एक से अधिक फसल उगाने के फलस्वरूप अर्द्ध बेरोजगारी तथा छिपी बेरोजगारी को कम किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र में कुटीर उद्योग, निर्माण आदि के कार्यों का विकास किया जाना चाहिए। शहरों में लघु उद्योग, यातायात आदि का अधिक विकास किया जाना चाहिए। शिक्षा की प्रणाली में परिवर्तन करके शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार प्रदान किया जाना चाहिए।
11. उत्पादन की तकनीकों में परिवर्तन - भारतीय अर्थव्यवस्था में इस प्रकार का तकनीकी विकास करना चाहिए जिससे श्रम का पूरा उपयेग हो सके। वास्तव में, भारत के लिए मध्यम तकनीकें, जो श्रम प्रधान तथा पूंजी प्रधान तकनीकों के मध्य का मार्ग हैं, अपनाई जानी चाहिए। इसके फलस्वरूप रोजगार की मात्रा बढे़गी तथा निर्धनता को दूर किया जा सकेगा।
12. पिछड़े क्षेत्रों पर विशेष ध्यान - भारत में कुछ क्षेत्र जैसे उड़ीसा, नागालैंड, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि में आज भी निर्धनों का अनुपात दूसरे प्रदेशों से अधिक है। सरकार को पिछड़े इलाकों में विशेष सुविधायें प्रदान करनी चाहिए जिससे निजी पूंजी उन प्रदेशों में निवेश किया जाना सम्भव हो सकें। इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्रों का भी विकास किया जाना चाहिए।
13. न्यूनतम आवश्यकताओं की सन्तुष्टि - सरकार को निर्धनों की न्यूनतम आवश्यकताओं जैसे पीने का पानी, प्राथमिक चिकित्सा, प्राथमिक शिक्षा आदि को सन्तुष्ट करने के प्रयत्न करने चाहिए। इसके लिए यदि सरकार को अधिक से अधिक राशि व्यय करनी पडे़ तो कोई बुराई नहीं है।
14. निर्धनों की उत्पादकता में वृद्धि - निर्धनता को दूर करने के लिए निर्धनों की आर्थिक उत्पादकता को बढ़ाना आवश्यक है। निर्धनों को स्वयं सतर्क होकर रोजगार की अवस्था को प्राप्त करने के प्रयत्न करने चाहिए। सरकार को इसके लिए सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रों में अधिक निवेश करना चाहिए। निर्धन वर्ग को रोजगार विन्मुख प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए तथा उनकी उत्पादकता बढ़ाने के प्रयत्न किये जाने चाहिए।
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