कक्षा 9 मॉडल आंसर वार्षिक परीक्षा 2022 (QP code - 229006-C ,963)

 वार्षिक मासिक परीक्षा सत्र - 2021-22

कक्षा - 9

विषय - सामाजिक विज्ञान

समय 03.00 घण्टे                                                   पूर्णाक : 80

प्रश्न पत्र कोड - 229006-C (963)

निर्देष :- 

1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।

2. प्रश्न क्रमांक से 5 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं जिसमें 32 उपप्रश्न हैं। प्रत्येक उपप्रश्न 1 अंक का है।

3. प्रश्न क्रमांक 6 से 23 तक प्रत्येक में आंतरिक विकल्प दिये गये हैं।

4. प्रश्न क्रमांक 6 से 15 तक प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है। उत्तर लिखने की शब्द सीमा लगभग 30 शब्द है।

5. प्रश्न क्रमांक 16 से 19 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। उत्तर लिखने की शब्द सीमा लगभग 75 शब्द है।

6. प्रश्न क्रमांक 20 से 23 तक प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है। उत्तर लिखने की शब्द सीमा लगभग 120 शब्द है।

प्र.1-. सही विकल्प चुनिये - (6x1=6)

1. भारत का सबसे पूर्वी देशांतर कौन है?

(अ) 97025’ पू. (ब) 97025’ प.  (स) 6807’ पू.   (द) 82035’ पू.

2. भारत का सबसे ऊँचा पर्वत कौन सा है?

(अ) हिमालय पर्वत (ब) नीलगिरि पर्वत (स) अरावलि पर्वत  (द) विंध्याचल पर्वत

3. पहला विश्व युद्ध कब प्रारंभ हुआ था?

(अ) 1971 ई. (ब) 1915 ई. (स) 1914 ई.  (द) 1919 ई.

4. लोकसभा व विधानसभा के उम्मीदवार बनने के लिए न्यूनतम आयु सीमा है -

(अ) 25 वर्ष (ब) 35 वर्ष (स) 30 वर्ष  (द) 21 वर्ष

5. राज्यसभा में राष्ट्रपति कितने सदस्य मनोनीत करता है?

(अ) 6 (ब) 12 (स) 18  (द) 24

6. पालमपुर में गैर कृषि क्रियाएं हैं -

(अ) परिवहन (ब) दुकानदारी (स) लघु विनिर्माण  (द) उपरोक्त सभी

प्र.2- रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (7x1=7)

1.कर्क रेखा भारत को ...........भागों में बाँटती है। (दो/तीन/पांच)

2.प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी ........................... है। (नर्मदा/गोदावरी/महानदी)

3.उत्तर भारत में ग्रीष्म ऋतु में चलने वाली हवाओं को ............ कहते हैं। (पछुवा पवनें/लू/मानसूनी पवनें)

4. भारत में नेशनल पार्क .......................... हैं। (101/103/105)

5. सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व ...................... राज्य में है। (मध्यप्रदेश/पश्चिम बंगाल/बिहार)

6. भारतीय संविधान .......................... को लागू हुआ। (1942/1946/1949)

7. पालमपुर का मुख्य व्यवसाय ........................ है। (बागवानी/कृषि/परिवहन)

प्र.3- सही जोड़ी बनाइये- (6x1=6)

स्तम्भ ‘अ‘ स्तम्भ ‘ब’

1. नागफनी - क) ड्यूमा

2. 250 से अधिक - ख) कंटीले वन

3. रूसी संसद - ग) 1939

4. द्वितीय विश्व युद्ध - घ) झूम 

5. भारत (हिंदुस्तान) - ड.) वर्ष 2000

6. अंत्योदय अन्न योजना - च) हिमाचल प्रदेश

प्र.4- सत्य/असत्य की पहचान कीजिये- (6x1=6)

1. पालमपुर में एक हाई स्कूल है। (सत्य/असत्य)

2. अंत्योदय कार्ड का संबंध सभी निर्धनों से है। (सत्य/असत्य)

3. रोजगार गारंटी अधिनियम 2014 में शुरू किया गया। (सत्य/असत्य)

4. 21 वर्ष की आयु वाला व्यक्ति सांसद बन सकता है। (सत्य/असत्य)

5. अमेरिका एक लोकतांत्रिक देश है। (सत्य/असत्य)

6. अधिकार और कर्त्तव्य एक दूसरे के पूरक हैं। (सत्य/असत्य)

प्र.5.- एक वाक्य / शब्द में उत्तर लिखिये - (7x1=7)

1. घुमंतु खेती एक ही स्थान पर कितने वर्षों तक की जाती है?

2. धंगर कहाँ रहते है?

3. इंपीरियल फॉरेस्ट इंस्टीट्यूट की स्थापना कहाँ की गई थी?

4. भारत के दो सर्वाधित निर्धन राज्य कौन से हैं?

5. खाद्य सुरक्षा अधिनियम कब पारित किया गया?

6. संसाधन क्या है?

7. संसद में शामिल है?

प्र.6- नमामि देवि नर्मदे परियोजना क्या है? 2

अथवा

नदी प्रदूषण रोकने के उपाय लिखिए।

प्र.7- प्राकृतिक वनस्पति से क्या आशय है? 2

अथवा

मैंग्रोव वन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

प्र.8- जनगणना किसे कहते हैं? 2

अथवा

250 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से कम जनसंख्या घनत्व वाले राज्यों के नाम लिखिए।

प्र.9- कुलक शब्द को परिभाषित कीजिए। 2

अथवा

रूसी क्रांति से प्रेरित होने वाले भारतीयों के बारे में लिखिए।

प्र.10- बोल्शेविकों द्वारा अक्टूबर क्रांति के फौरन बाद किए गए दो परिवर्तन लिखिए। 2

अथवा

स्टालिन के सामूहिक कार्यक्रम को समझाइए।

प्र.11- झूम खेती पर टिप्पणी लिखिए। 2

अथवा

वैज्ञानिक वानिकी क्या है?

प्र.12- संविधान क्या है? 2

अथवा

वयस्क मताधिकार क्या है?

प्र.13- निर्वाचन क्षेत्र क्या होते हैं? 2

अथवा

चुनाव क्यों होते हैं?

प्र.14- कार्यपालिका क्या है? 2

अथवा

संसद में कौन - कौन से सदन हैं?

प्र.15- मानव पूंजी निर्माण को समझाइए। 2

अथवा

प्राथमिक एवं द्वितीयक क्षेत्रों के उदाहरण दीजिए।

प्र.16- भारतीय मरूस्थल को समझाइए। 3

अथवा

प्रवाल से आप क्या समझते हैं? प्रवाल के प्रकार लिखिए।

प्र.17- भारतीय मानसून को प्रभावित करने वाले कारकों को समझाइए। 3

अथवा

आम्र वर्षा किसे कहते हैं?

प्र.18- नात्सी सोच के खास पहलू क्या थे? 3

      अथवा

वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्या थीं?

प्र.19- न्यायपालिका के कार्यां की समीक्षा कीजिए। 3

अथवा

राष्ट्रपति के अधिकारों को समझाइए।

प्र.20- भारत के दिए गए सीमाकार मानचित्र में निम्नलिखित को प्रदर्षित कीजिए। 4

(i) बंगाल की खाड़ी (ii) नर्मदा नदी (iii) कांजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (iv) छोटा नागपुर का पठार

     अथवा

(i) गोवा (ii) खंभात की खाड़ी  (iii) कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान (iv) गंगा नदी

प्र.21- फ्रांस में दास प्रथा का उन्मूलन कैसे हुआ? 4

अथवा

नेपोलियन के उदय को कैसे समझा जा सकता है?

प्र.22- लोकतंत्र बेहतर शासन पद्धति है। समझाइए। 4

अथवा

लोकतांत्रिक शासन व गैर लोकतांत्रिक शासन में अंतर स्पष्ट कीजिए।

प्र.23- निर्धनता क्या है? भारत में निर्धनता के कारण लिखिए। 4

अथवा

भारत में निर्धनता उन्मूलन के चार उपाय लिखिए।

---000---

वार्षिक परीक्षा सत्र - 22

कक्षा-9वीं

विषय - सामाजिक विज्ञान

समय - 3 घंटा                                              पूर्णांक - 80 अंक

मॉडल उत्तर

प्रश्न पत्र कोड - 229006-C (963)

प्र.1-. सही विकल्प चुनिये - (6x1=6)

1. भारत का सबसे पूर्वी देशांतर कौन है?

(अ) 97°25’ पू. (ब) 97°25’ प.  (स) 68°7’ पू.   (द) 82°35’ पू.

उत्तर :- (अ) 97°25‘ पू.

2. भारत का सबसे ऊँचा पर्वत कौन सा है?

(अ) हिमालय पर्वत (ब) नीलगिरि पर्वत (स) अरावलि पर्वत  (द) विंध्याचल पर्वत

उत्तर :- (अ)  हिमालय पर्वत

3. पहला विश्व युद्ध कब प्रारंभ हुआ था?

(अ) 1971 ई. (ब) 1915 ई. (स) 1914 ई.  (द) 1919 ई.

उत्तर :- (स) 1914 ई.

4. लोकसभा व विधानसभा के उम्मीदवार बनने के लिए न्यूनतम आयु सीमा है -

(अ) 25 वर्ष (ब) 35 वर्ष (स) 30 वर्ष  (द) 21 वर्ष

उत्तर :- (अ) 25 वर्ष

5. राज्यसभा में राष्ट्रपति कितने सदस्य मनोनीत करता है?

(अ) 6 (ब) 12 (स) 18  (द) 24

उत्तर :- (ब) 12

6. पालमपुर में गैर कृषि क्रियाएं हैं -

(अ) परिवहन (ब) दुकानदारी (स) लघु विनिर्माण  (द) उपरोक्त सभी

उत्तर :- (द) उपरोक्त सभी

प्र. 2. रिक्त स्थान भरिये- (1x6=6)

1. कर्क रेखा भारत को ...........भागों में बाँटती है। (दो/तीन/पांच)

उत्तर :- दो

2. प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी ........................... है। (नर्मदा/गोदावरी/महानदी)

उत्तर :- गोदावरी

3. उत्तर भारत में ग्रीष्म ऋतु में चलने वाली हवाओं को ............ कहते हैं। (पछुवा पवनें/लू/मानसूनी पवनें)

उत्तर :- लू

4. भारत में नेशनल पार्क .......................... हैं। (101/103/105)

उत्तर :- 103

5. सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व ...................... राज्य में है। (मध्यप्रदेश/पश्चिम बंगाल/बिहार)

उत्तर :- बिहार (1102)

6. भारतीय संविधान .......................... को लागू हुआ। (1942/1946/1949)

उत्तर :- 1950

7. पालमपुर का मुख्य व्यवसाय ........................ है। (बागवानी/कृषि/परिवहन)

उत्तर :- कृषि

प्र.3- सही जोड़ी बनाइये- (1x7=7)

स्तम्भ ‘अ‘ स्तम्भ ‘ब’

1. नागफनी - क) ड्यूमा

2. 250 से अधिक - ख) कंटीले वन

3. रूसी संसद - ग) 1939

4. द्वितीय विश्व युद्ध - घ) झूम 

5. भारत (हिंदुस्तान) - ड.) वर्ष 2000

6. अंत्योदय अन्न योजना - च) हिमाचल प्रदेश

उत्तर :-

स्तम्भ ‘अ‘ स्तम्भ ‘ब’

1. नागफनी - ख) कंटीले वन 

2. 250 से अधिक - च) हिमाचल प्रदेश

3. रूसी संसद         - क) ड्यूमा 

4. द्वितीय विश्व युद्ध         - ग) 1939

5. भारत (हिंदुस्तान)         - घ) झूम 

6. अंत्योदय अन्न योजना - ड.) वर्ष 2000 

प्र.4- सत्य/असत्य की पहचान कीजिये- (6x1=6)

1. पालमपुर में एक हाई स्कूल है।

उत्तर :- सत्य।

2. अंत्योदय कार्ड का संबंध सभी निर्धनों से है।

उत्तर :- असत्य।

3. रोजगार गारंटी अधिनियम 2014 में शुरू किया गया।

उत्तर :- असत्य।

4. 21 वर्ष की आयु वाला व्यक्ति सांसद बन सकता है।

उत्तर :- असत्य।

5. अमेरिका एक लोकतांत्रिक देश है।

उत्तर :- सत्य।

6. अधिकार और कर्त्तव्य एक दूसरे के पूरक हैं।

उत्तर :- सत्य।

प्र.5.- एक वाक्य / शब्द में उत्तर लिखिये - (7x1=7)

1. घुमंतु खेती एक ही स्थान पर कितने वर्षों तक की जाती है?

उत्तर :- एक या दो साल

2. धंगर कहाँ रहते है?

उत्तर :- महाराष्ट्र

3. इंपीरियल फॉरेस्ट इंस्टीट्यूट की स्थापना कहाँ की गई थी?

उत्तर :- देहरादून

4. भारत के दो सर्वाधित निर्धन राज्य कोन से हैं?

उत्तर :- बिहार और ओडिशा

5. खाद्य सुरक्षा अधिनियम कब पारित किया गया?

उत्तर :- 2013 

6. संसाधन क्या है?

उत्तर :- मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाले स्रोत अथवा वस्तु संसाधन कहलाती है।

7. संसद में शामिल है?

उत्तर :- राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा

प्र.6- नमामि देवि नर्मदे परियोजना क्या है? 2

अथवा

नदी प्रदूषण रोकने के उपाय लिखिए।

उत्तर :- नमामि देवि नर्मदा परियोजना :- नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए मध्यप्रदेष सरकार द्वारा आरंभ की गई परियोजना है। 

अथवा

नदी प्रदूषण रोकने के उपाय :-

1. नदियों में आम जन को अवषिष्ट पदार्थां को नहीं छोड़ना चाहिए।

2. शौचलयों का निर्माण किया जाना चहिए तथा मलमूत्र निकासी प्रबंधन समुचित किया जाना चाहिए।

3. घरों की नालियों का अपषिष्ट उचित शोधन करने के उपरांत ही नदियों में छोड़ा जाना चाहिए।

4. कारखानों से निकलने वाले कचरे का समुचित समाधान होना चाहिए।

5. मिट्टी के कटाव को रोकने वृक्षारोपण होना चाहिए।

6. जल स्रोतों की नियमित साफ सफाई होते रहना चाहिए।

7. जल प्रदूषण से उत्पन्न खतरों को समाज में प्रचारित करना चाहिए।

8. प्राकृतिक जल प्रणाली से छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए।

9. जैविक खेती अपनाना चाहिए।

10. सरकार द्वारा जल प्रदूषण रोकने किए जा रहे प्रयासों को समर्थन देना चाहिए।

प्र.7- प्राकृतिक वनस्पति से क्या आशय है? 2

अथवा

मैंग्रोव वन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

उत्तर :- प्राकृतिक वनस्पति :- प्राकृतिक वनस्पति का अर्थ है कि वनस्पति का वह भाग जो कि मनुष्य की सहायता के बिना अपने आप पैदा होता है और लम्बे समय तक उस पर मानवी प्रभाव नहीं पड़ता है।

अथवा

मैंग्रोव वन :-यह वनस्पति तटवर्तीय क्षेत्रों में जहाँ ज्वार - भाटा आते हैं, की सबसे महत्वपूर्ण वनस्पति हैं। घने मैंग्रोव एक प्राकर की वनस्पति है जिसमें पौधों की जड़ें पानी में डूबी रहती है। गंगा, ब्रम्हपुत्र, महानदी, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी नदियों के डेल्टा में सुंदरी वृक्ष पाए जाते हैं।

प्र.8- जनगणना किसे कहते हैं? 2

अथवा

250 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से कम जनसंख्या घनत्व वाले राज्यों के नाम लिखिए।

उत्तर :- जनगणना :- एक निश्चित समयांतराल में जनसंख्या की आधिकारिक गणना जनगणना कहलाती है।

अथवा

250 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से कम जनसंख्या घनत्व वाले राज्यों के नाम :-

1. अरूणाचल प्रदेश (17)

2. नागालैंड (119)

3. मणिपुर (122)

4. मिजोरम (22)

5. मेघालय (132)

6. छत्तीसगढ़ (189)

7. मध्यप्रदेश (236)

8. राजस्थान (201)

9. उत्तराखंड (189)

10. हिमाचल प्रदेश (123)

प्र.9- कुलक शब्द को परिभाषित कीजिए। 2

अथवा

रूसी क्रांति से प्रेरित होने वाले भारतीयों के बारे में लिखिए।

उत्तर :- कुलक - रूस के सम्पन्न किसानों को कुलक कहा जाता था।

अथवा

रूसी क्रांति से प्रेरित होने वाले भारतीय :- रुसी क्रांति से प्रेरित होने वालों में बहुत सारे भारतीय भी थे। कई भारतीयों ने रुस के कम्युनिस्ट विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की। कई महत्वपूर्ण भारतीय राजनयिक एवं सांस्कृतिक व्यक्तियों जैसे जवाहरलाल नेहरु, रविन्द्रनाथ टैगोर आदि ने सोवियत प्रयोग में दिलचस्पी ली और वहाँ का दौरा किया। उन्होंने सोवियत समाजवाद के बारे में लिखा भी।

आर.आर. अवस्थी ने भी रुसी क्रांति से प्रभावित होकर 1920-21 में रशियन रेवोलुशन, लेनिन हिज लाइफ एण्ड हिज थॉट्स आदि किताबें लिखी। उनके अलावा एस.डी. विद्यालंकार, शौकत उस्मानी ने भी रुस के विषय में लिखा है।

प्र.10- बोल्शेविकों द्वारा अक्टूबर क्रांति के फौरन बाद किए गए दो परिवर्तन लिखिए। 2

अथवा

स्टालिन के सामूहिक कार्यक्रम को समझाइए।

उत्तर :- बोल्शेविकों द्वारा अक्टुबर क्रांति के फौरन बाद किए गए दो परिवर्तन निम्नलिखित हैं :-

1. जमीन को सामाजिक सम्पत्ति घोषित कर दिया गया।

2. बड़े बड़े मकानों के छोटे छोटे हिस्से करके जरूरतमंदों को दे दि गए।

3. अफसरों और सेना की वर्दी में बदलाव कर सोवियत टोपी को अपनाया गया।

4. बोल्शेविक पार्टी का नाम बदलकर रूसी कम्युनिस्ट पार्टी कर दिया गया।

अथवा

स्टालिन का सामूहिकीकरण कार्यक्रम :- अनाज की भारी कमी को दूर करने के लिए स्तालिन ने खेतों के सामूहिकीकरण का कार्यक्रम शुरू किया। 1929 से पार्टी के ज्यादातर जमीन और साजो सामान सामूहिक खेती के स्वामित्व को सौंप दिए गए। सभी किसान खेतों में काम करते थे तथा मुनाफा सभी किसानों के बीच बांट दिया जाता था। 

प्र.11- झूम खेती पर टिप्पणी लिखिए। 2

अथवा

वैज्ञानिक वानिकी क्या है?

उत्तर :- झूम खेती :- झूम कृषि  एक आदिम प्रकार की कृषि है जिसमें पहले वृक्षों तथा वनस्पतियों को काटकर उन्हें जला दिया जाता है और साफ की गई भूमि को पुराने उपकरणों (लकड़ी के हलों आदि) से जुताई करके बीज बो दिये जाते हैं। फसल पूर्णतः प्रकृति पर निर्भर होती है और उत्पादन बहुत कम हो पाता है।

अथवा

वैज्ञानिक वानिकी :- वन विभाग द्वारा पेड़ों की कटाई जिसमें पुराने पेड़ काट कर उनकी जगह नए पेड़ लगाए जाते हैं।

प्र.12- संविधान क्या है? 2

अथवा

वयस्क मताधिकार क्या है? 

उत्तर :- संविधान :- देश का सर्वोच्च कानून। इसमें किसी देश की राजनीति और समाज को चलाने वाले मौलिक कानून होते हैं।

अथवा

वयस्क मताधिकार :- 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों को प्राप्त मत देने का अधिकार वयस्क मताधिकार कहलाता है।

प्र.13- निर्वाचन क्षेत्र क्या होते हैं? 2

अथवा

चुनाव क्यों होते हैं?

उत्तर :- निर्वाचन क्षेत्र :- चुनाव के उद्देष्य से देष को अनेक क्षेत्रों में बाँट लिया जाता है। इन्हें निर्वाचन क्षेत्र कहते हैं। 

अथवा

चुनाव :- शासन व्यवस्था को चलाने के लिए जनता को प्रतिनिधि चुनना जरुरी है। लोकतंत्र के इसी नियम को क्रियान्वित करने के लिए चुनाव किये जाते है।  सरल भाषा मे समझे तो अपने जन प्रतिनिधि को चुनने की जो प्रक्रिया है उसे चुनाव कहते है।

हमें निम्नलिखित कारणों से चुनाव की जरूरत होती है :-

1. अधिकांश लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में लोग अपने प्रतिनिधि के माध्यम से शासन करते हैं।

2. बिना चुनाव के हम किसी भी लोकतंत्र की कल्पना नहीं कर सकते।

3. लोकतंत्र की बहाली के लिए चुनाव आवष्यक हैं।

4. चुनाव के माध्यम से लोग अपने शासक को खुद चुन सकते हैं।

5. चुनाव के माध्यम से हम किसी भी शासक अथवा सरकार को बदल सकते हैं।

                         चुनाव के माध्यम से हम राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा बनते हैं।

प्र.14- कार्यपालिका क्या है? 2

अथवा

संसद में कौन - कौन से सदन हैं?

उत्तर :- कार्यपालिका :- सरकार की नीतियों को कार्यरूप देने वाला महत्वपूर्ण अंग कार्यपालिका कहलाता है। अर्थात कानूनों का क्रियान्वयन करने वाली संस्था या कानून का निर्माण करने वाली संस्था कार्यपालिका कहलाती है। कार्यपालिका राज्य के प्रधान तथा उसके मन्त्रीमण्डल दोनों रूप में होती है।

अथवा

भारत में संसद के प्रमुख दो सदन हैं :-

1. उच्च सदन जिसे लोकसभा कहते हैं।

2. निम्न सदन जिसे राज्य सभा कहते हैं।

प्र.15- मानव पूंजी निर्माण को समझाइए। 2

अथवा

प्राथमिक एवं द्वितीयक क्षेत्रों के उदाहरण दीजिए।

उत्तर :- मानव पूँजी निर्माण - उत्पादन करने के लिए भूमि, श्रम और भौतिक पूंजी को एक साथ करने योग्य बनाने के लिये ज्ञान और उद्यम की जरूरत पड़ती है जिसे मानव पूंजी कहा जाता है। इसके निर्माण में षिक्षा और स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण योगदान होता है। 

अथवा

प्राथमिक क्षेत्रक :- जो क्रियाएँ सीधे भूमि और जल से जुड़ी हुई हैं जैसे - कृषि, वानिकी, पशुपालन मत्स्यपालन, मुर्गीपालन और खनन ।

द्वितीयक क्षेत्रक :- उत्खनन और विनिर्माण शामिल है जैसे गन्ने के रस से चीनी बनाना।

प्र.16- भारतीय मरूस्थल को समझाइए। 3

अथवा

प्रवाल से आप क्या समझते हैं? प्रवाल के प्रकार लिखिए।

उत्तर :- भारतीय मरुस्थल - इसको थार मरुस्थल के नाम से भी जाना जाता है। यह अरावली की पहाड़ियों के दक्षिणी किनारे की ओर स्थित है। यह बालू के टिब्बों से भरा हुआ रेतीला मैदान है। यहाँ पूरे वर्ष में 150 मि0मि0 से भी कम वर्षा होती है। यह पूरे राजस्थान में फैला हुआ है। इसकी जलवायु शुष्क है और यहाँ वनस्पति भी बहुत कम है। वर्षा ऋतु में कुछ समय तक कई सरिताएँ नजर आती हैं जो वर्षा रुकने के साथ ही विलुप्त हो जाती हैं। ’लूनी’ इस क्षेत्र की एकमात्र बड़ी नदी है। अर्द्धचंद्राकार रेत के टिब्बे जिन्हें बरकान कहा जाता है, भारतीय मरुस्थल की प्रमुख विशेषता है। ऊँट मरुस्थल का सबसे महत्त्वपूर्ण जानवर है।

अथवा

प्रवाल :- प्रवाल पॉलिप्स कम समय तक जीवित रहने वाले सुक्ष्म प्राणी हैं जो कि समूह में रहते हैं। 

प्रवाल तीन प्रकार के होते हैं। 

1. प्रवाल रोधिका 2. तटीय प्रवाल भित्ति 3. प्रवाल वलय द्वीप

प्र.17- भारतीय मानसून को प्रभावित करने वाले कारकों को समझाइए। 3

अथवा

आम्र वर्षा किसे कहते हैं?

उत्तर :- भारतीय मानसून को प्रभावित करने वाले कारक :- 

अ. स्थल और जल के ठंडे तथा गर्म होने की विभेदी प्रक्रिया

ब. अंतः उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र

स. मेडागास्कर के ऊपर बना उच्च दाब

द. तिब्बत के पठार पर बना निम्न दाब

इ. जेट धाराओं का असर

(अ) स्थल तथा जल के गर्म एवं ठंडे होने की विभेदी प्रक्रिया के कारण भारत के स्थल भाग पर निम्न दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है, जबकि इसके आस-पास के समुद्रों के ऊपर उच्च दाब का क्षेत्र बनता है। 

(ब) ग्रीष्म ऋतु के दिनों में अंतः उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र की स्थिति गंगा के मैदान की ओर खिसक जाती है (यह विषुवतीय गर्त है, जो प्रायः विषुवत वृत्त से 50 उत्तर में स्थित होता है। इसे मानसून ऋतु में मानसून गर्त के नाम से भी जाना जाता है। 

(स) हिंद महासागर में मेडागास्कर के पूर्व लगभग 200 दक्षिण अक्षांश के ऊपर उच्च दाब वाला क्षेत्र होता है। इस उच्च दाब वाले क्षेत्र की स्थिति एवं तीव्रता भारतीय मानसून को प्रभावित करती है।

(द) ग्रीष्म ऋतु में, तिब्बत का पठार बहुत अधिक गर्म हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप पठार के ऊपर समुद्र तल से लगभग 9 कि0मी० की ऊँचाई पर तीव्र ऊर्ध्वाधर वायु धाराओं एवं निम्न दाब का निर्माण होता है।

(य) ग्रीष्म ऋतु में हिमालय के उत्तर-पश्चिमी जेट धाराओं का तथा भारतीय प्रायद्वीप के ऊपर उष्ण कटिबंधीय पूर्वी जेट धाराओं का प्रभाव होता है।

भारतीय मानसून को प्रभावित करने वाले अन्य कारक भी हैं जो कि निम्नानुसार हैं :-

1. अंतः उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र

2. दक्षिणी दोलन

3. डार्विन और ताहिती का दाबांतर

4. एलनीनो

5. एन्सो

अथवा

आम्र वर्षा :- ग्रीष्म ऋतु के अंत में होने वाली पूर्व मानसूनी वर्षा जिसके कारण आम जल्दी पक जाते हैं। इसे आम्र वर्षा कहते हैं। यह केरल और कर्नाटक में होती है।

प्र.18- नात्सी सोच के खास पहलू क्या थे? 3

      अथवा

वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्या थीं?

उत्तर :- नात्सी सोच के खास पहलू निम्नलिखित थे :-

1. आर्य (जर्मन) विश्व की सर्वश्रेष्ठ नस्ल है, उसे अपनी शुद्धता बनाए रखनी है।

2. नात्सियों का मानना था कि श्रेष्ठ जाति (जर्मन) जीवित रहेगी तथा हीन (यहूदी) को नष्ट होना पड़ेगा।

3. नात्सी विचारधारा में हिटलर को एक मसीहा के रूप में प्रस्तुत किया गया है जो उन्हें सभी  विपत्तियों से छुटकारा दिला सकता है।

अथवा

वाइमर गणराज्य के सामने प्रमुख समस्याएं निम्नलिखित थी। :-

वाइमर संधि - वर्साय में हुई शांति-संधि की वजह से जर्मनी को अपने सारे उपनिवेश, तकरीबन 10 प्रतिशत आबादी, 13 प्रतिशत भूभाग, 75 प्रतिशत लौह भंडार और 26 प्रतिशत कोयला भंडार फ्रांस, पोलैंड, डेनमार्क और लिथुआनिया के हवाले करने पड़े। मित्र राष्टों ने उसकी सेना भी भंग कर दी। युद्ध अपराधबोध अनुच्छेद के तहत युद्ध के कारण हुई सारी तबाही के लिए जर्मनी को ज़िम्मेदार ठहराकर उस पर छः अरब पौंड का जुर्माना लगाया गया। खनिज संसाधनों वाले रा्ईनलैंड पर भी बीस के दशक में ज़्यादातर मित्र राष्ट्रों का ही क़ब्ज़ा रहा।

आर्थिक संकट - युद्ध में डूबे हुए ऋणों के कारण जर्मन राज्य आर्थिक रुप से अपंग हो गया था जिसका भुगतान सोने में किया जाना था। इसके बाद, सोने के भंडार में कमी आर्ई और जर्मन निशान का मूल्य गिर गया। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छूने लगीं।

राजनीतिक संकट - राष्ट्रीय सभा द्वारा वाइमर गणराज्य का विकास तथा सुरक्षा के रास्ते पर लाने के लिए एक नये जनतांत्रिक संविधान का निर्माण किया गया, किन्तु यह अपने उद्देश्य में असफल रहा। संविधान में बहुत सारी कमजोरियाँ थीं। आनुपातिक प्रतिनिधित्व संबंधी नियमों तथा अनुच्छेद 48 के कारण एक राजनीतिक संकट पैदा हुआ जिसने तानाशाही शासन का रास्ता खोल दिया।

प्र.19- न्यायपालिका के कार्यां की समीक्षा कीजिए। 3

अथवा

राष्ट्रपति के अधिकारों को समझाइए।

उत्तर :- न्यायपालिका :- एक राजनैतिक संस्था जिसके पास न्याय करने और कानूनी विवादों के निबटारे का अधिकार होता है। देष के सभी अदालतों को एक साथ न्यायपालिका के नाम से पुकारा जाता है। 

न्यायपालिका के कार्यों की समीक्षा :- अलग-अलग राजनीतिक व्यवस्थाओं में न्यायपालिका के कार्य अलग-अलग होते हैं, पर आम तौर पर ये कार्य इस प्रकार होते हैं।

1. न्याय प्रदान करना न्यायालयों का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। न्यायालय दीवानी, फौजदारी और संविधानिक प्रकृति के सभी मामलों की सुनवाई और फैसला करते हैं। लिखित संविधान वाले देशों में न्यायालयों को संविधान की व्याख्या की शक्ति भी प्राप्त होती है। वे संविधान के रक्षक के तौर पर काम करते हैं।

2. दूसरी बात, वैसे तो कानून बनाना विधायिकाओं का काम है, पर एक भिन्न ढंग से न्यायालय भी कानून बनाते हैं। जहाँ कोई कानून खामोश या अस्पष्ट हो वहाँ अदालतें तय करती हैं कि कानून क्या है और कैसे लागू होना चाहिए।

3. तीसरी बात, एक संघीय शासन प्रणाली में अदालतें केन्द्रीय व क्षेत्रीय सरकारों के बीच एक स्वतंत्र और निष्पक्ष अंपायर की भूमिका भी निभाती हैं। 

4. चौथी बात, न्यायालय सरकार के कार्यों को वैधता देने वाले महत्वपूर्ण संगठन हैं। न्यायालयों से आशा की जाती है कि वे खुद को जनता की बढ़ती आकांक्षाओं के प्रति सचेत रखेंगे और मौजूदा स्थिति में कानून के अर्थ की गतिशील ढंग से व्याख्या करेंगे। उन्हें यह देखना होगा कि कोई कानून या कार्यपालिका का कोई काम जनता के विभिन्न अधिकारों का हनन न करे।

5. पाँचवी बात, न्यायालयों को विद्यमान राजनीतिक व्यवस्था को स्थायी बनाना और अवलंब देना भी होता है। न्यायालयों का व्यवहार बाधामूलक या विनाशकारी नहीं होना चाहिए कि वहीं राजनीतिक संगठन का सुचारु संचालन समस्या न बन जाए।

6. न्यायालयों का सबसे विवादास्पद कार्य उनका न्यायिक समीक्षा का अधिकार है जिसके अंतर्गत उन्हें किसी विधायी या प्रशासनिक कदम की वैधता की छानबीन की और फिर उसे अंशतः या पूर्णतः संविधान के प्रतिकूल घोषित करने की क्षमता प्राप्त होती है। इस शक्ति का जन्म अमेरिका में हुआ और वहीं यह अपने सर्वोत्तम रूप में दिखाई भी पड़ती है। इसका दूसरा सर्वोत्तम उदाहरण भारत में देखने को मिलता है। इटली, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे कुछ अन्य देशों में इसे कुछ मद्धम रूपों में देखा जा सकता है।

जैसा कि कहा गया है, न्यायालयों के कार्य अलग-अलग देशों में अलग-अलग होते हैं। फिर भी, जैसा कि ऊपर बतलाया गया है, इनमें से अधिकांश कार्य साझे हैं तथा ये ही कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका की शक्तियों में अंतर की रेखा खींचते हैं।।

अथवा

राष्ट्रपति के अधिकार :- राष्ट्रपति को दो प्रकार की शक्तियां प्राप्त होती हैं।

1. साधारण परिस्थितियों अथवा शांतिकाली शक्तियां

2. असाधारण परिस्थितियों में अथवा आपातकालीन शक्तियां

भारतीय संविधान के तहत भारत के राष्ट्रपति को अनेक प्रकार की शक्तियां एवं अधिकार प्राप्त है जैसे-

1. कार्यपालिका शक्तियां

2. विधायी शक्तियां

3. न्यायिक शक्तियां

4. सैन्य शक्तियां 

5. विवेकी शक्तियां

6. आपातकालीन शक्तियां

राष्ट्रपति की कार्यपालिका शक्तियां

केंद्र सरकार की समस्त शक्तियां राष्ट्रपति के हाथों में निहित होती है। राष्ट्रपति के नाम से देश की नीतियों का संचालन होता है।

राष्ट्रपति को निम्न पदों पर नियुक्ति करने का अधिकार है - 

प्रधानमंत्री के सलाहकार मंत्रीपरिषद के अन्य सदस्यों;

सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों;

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक;

भारत के महान्यायवादी;

राज्यों के राज्यपाल;

मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्त;

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों;

वित्त आयोग, भाषा आयोग, पिछड़ा वर्ग आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग, अल्पसंख्यक आयोग एवं अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन के संबंध में रिपोर्ट देने वाले आयोग के सदस्यों;

राष्ट्रपति विदेशी राजनयिकों का आमंत्रण-पत्र स्वीकार करता है तथा राजदूतों को नियुक्ति पत्र जारी करता है।

राष्ट्रपति की विधायी शक्तियां

राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग होता है। उसके हताशा से ही कोई कानून बनता है।

राष्ट्रपति लोकसभा का प्रथम सत्र को संबोधित करता है तथा संयुक्त अधिवेशन बुलाकर अभी भाषण देने की शक्तियां प्राप्त है।

राष्ट्रपति को संसद सत्र आहूत, सत्रावसान करना एवं लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी रखता है।

नए राज्यों के निर्माण राज्य की सीमा में परिवर्तन संबंधित विधेयक, धन विधेयक  या संचित निधि से व्यय करने वाला विधेयकएवं राज्य हित से जुड़े विधेयक बिना राष्ट्रपति के पूर्व अनुमति के संसद में प्रस्तुत नहीं होते हैं।

राष्ट्रपति लोकसभा के लिए आंग्ल भारतीय समुदाय से 2 सदस्य तथा राज्यसभा के लिए कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा क्षेत्र के 12 सदस्यों को मनोनीत करने का शक्तियां प्राप्त है।

राष्ट्रपति की न्यायिक / क्षमादान शक्तियां

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 72 के तहत राष्ट्रपति को किसी अपराधी को सजा को क्षमा करने, उसका प्रविलंवन करने, परिहार और सजा लघुकरन करने का अधिकार प्राप्त है। राष्ट्रपति को मृत्युदंड माफ करने का भी अधिकार प्राप्त है।

क्षमा :- दंड और बंदी कारण दोनों हटा दिया जाता है तथा दोषी को मुक्त कर दिया जाता है।

प्रविलंवन :- राष्ट्रपति किसी धन पर रोक लगाता है ताकि दोषी व्यक्ति क्षमा याचना कर सके।

परिहार :- दंड के स्वरूप में बिना परिवर्तन किए हुए उसकी अवधि कम कर दी जाती है।

लघुकरण :- दंड के स्वरूप में परिवर्तन कर दिया जाता है।

राष्ट्रपति शासन प्रशासन द्वारा प्राप्त सजा या कोर्ट मार्शल की सजा को माफ कर सकता है।

राष्ट्रपति अनुच्छेद - 143 के अनुसार किसी भी सार्वजनिक हित के प्रश्न पर सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श ले का अधिकार रखता है।

राष्ट्रपति की सैन्य शक्तियां

भारत के राष्ट्रपति के पास सैन्य बलों की सर्वोच्च कमांडर होता है।

राष्ट्रपति को युद्ध और शांति की घोषणा करने तथा सैन्य बलों को विस्तार करने हेतु आदेश देने की शक्ति प्राप्त है।

राष्ट्रपति की विवेकी शक्तियां

भारतीय संविधान के अनुसार राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करता है किंतु विशेष परिस्थितियों में उसे अपने विवेक से काम करना होता है वह स्थितियां निम्न है-

जब किसी एक पार्टी को लोकसभा में स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं हो।

पद धारण किए व्यक्ति की अचानक मृत्यु की दशा में प्रधानमंत्री को नियुक्ति करनी हो।

यदि सत्तारूढ़ मंत्री परिषद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया हो।

राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियां

भारतीय संविधान में राष्ट्रपति को तीन स्थितियों में विशिष्ट आपातकालीन शक्तियां प्रदान की गई हैः-

अनुच्छेद 352 :- अनुच्छेद 352 के अंतर्गत युद्ध बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में राष्ट्रपति को यह शक्ति प्राप्त है कि पूरे भारत या किसी एक भाग की सुरक्षा खतरे में है तो वह संपूर्ण भारत या किसी भाग में आपातकाल घोषणा कर सकता है।

अगर यह अवधि 1 माह के पश्चात संसद से अनुमोदित ना हो तो ऐसी स्थिति में स्वतः समाप्त हो जाती है। इस तरह की घोषणा को संसद के दो तिहाई बहुमत से पास होना आवश्यक होता है।

अनुच्छेद 356 :- अनुच्छेद 356 के अंतर्गत यदि कोई राज्य सरकार संवैधानिक नियमों के अनुरूप कार्य नहीं कर रही है तो राष्ट्रपति  तत्काल की घोषणा वहां ऐसी घोषणा को राष्ट्रपति शासन कहा जाता है जिसे संसद द्वारा 2 माह के भीतर अनुमोदन करना आवश्यक होता है।

अनुच्छेद 360 :- अनुच्छेद 360 के अंतर्गत देश में आर्थिक संकट की स्थिति में राष्ट्रपति अपनी विशिष्ट शक्तियों का प्रयोग कर वित्तीय आपात की घोषणा कर सकता है।

प्र.20- भारत के दिए गए सीमाकार मानचित्र में निम्नलिखित को प्रदर्षित कीजिए। 4

(i) बंगाल की खाड़ी (ii) नर्मदा नदी (iii) कांजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (iv) छोटा नागपुर का पठार

     अथवा

(i) गोवा (ii) खंभात की खाड़ी  (iii) कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान (iv) गंगा नदी

उत्तर - मानचित्र


प्र.21- फ्रांस में दास प्रथा का उन्मूलन कैस हुआ? 4

अथवा

नेपोलियन के उदय को कैसे समझा जा सकता है?

उत्तर :-  फ्रांसीसी उपनिवेशों में दास प्रथा का उन्मलन जेकोबिन शासन के क्रांतिकारी विचारों में से एक था। 18वीं सदी में फ्रांस में दास प्रथा मुक्ति हेतु नेशनल असेम्बली में लम्बी बहस हुई परन्तु दास व्यापार पर निर्भर व्यापारियों के विरोध के भय से नेशनल असेम्बली में कोई कानून पारित नहीं किया गया 1794ई. के कन्वेंशन ने फ्रांसीसी उपनिवेशों में सभी दासों की मुक्ति का कानून पारित कर दिया। परन्तु यह कानून ज्यादा दिन लागू नहीं रह पाया, 10 वर्ष पश्चात् नेपोलियन ने दास प्रथा पुनः शुरु कर दी। बागान मालिकों को अफ्रीकी नीग्रो लोगों को गुलाम बनाने की स्वतंत्रता मिल गयी।

अततः फ्रांसीसी उपनिवेशों से अंतिम रुप से दास प्रथा का उन्मूलन 1848 ई. में किया गया।

अथवा

नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म 1769 ई0 में रोम सागर के द्वीप कोर्सिका की राजधानी अजासियों में हुआ था। वह असाधारण प्रतिभा का स्वामी था । उसने पेरिस के फौजी स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर सेना में भर्ती हुआ और असीम वीरता, साहस और सैनिक योग्यता द्वारा उन्नति कर सेनापति बन गया। उसने ब्रिटेन,आस्ट्रिया और सार्डीनिया के विरूद्ध विजय प्राप्त की । तत्पश्चात वह डायरेक्टरी का प्रथम बना और थोडे समय में ही वह फ्रांस का सम्राट बन गया । उसने अपनी योग्यता और कुशलता से फ्रांस में शांति व्यवस्था स्थापित की ।

प्र.22- लोकतंत्र बेहतर शासन पद्धति है। समझाइए। 4

अथवा

लोकतांत्रिक शासन व गैर लोकतांत्रिक शासन में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर :- लोकतंत्र बेहतर शासन पद्धति है क्योंकि  :- 

लोकतांत्रिक व्यवस्था में नागरिक अधिकार और सम्मान में वृद्धि होती है।

लोकतन्त्र में अन्य शासन व्यवस्थाओं की तुलना में नागरिक की स्थिति अच्छी होती है।

लोकतन्त्र राजनीतिक समानता के सिद्धान्त पर आधारित है, यहाँ सबसे गरीब और अनपढ़ को भी वही दर्जा प्राप्त है जो अमीर और पढ़े लिखे लोगों को है। लोग किसी शासक की प्रजा न होकर खुद अपने शासक हैं।

लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपनी गलती सुधारने का अवसर मिलता है।

एक लोकतांत्रिक देश में प्रत्येक वयस्क नागरिक को एक वोट देने का अधिकार है और प्रत्येक वोट का समान महत्त्व है। कोई भी नागरिक किसी भी जाति, धर्म, सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक पृष्ठभूमि का हो वह किसी भी पद के लिए चुनाव लड़ सकता है जिसका अर्थ यह है कि सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार प्राप्त है।

एक लोकतांत्रिक सरकार संवैधानिक कानूनों एवं नागरिक अधिकारों के दायरे में रहते हुए शासन करती है।

लोकतांत्रिक देशों में शासकों का चयन जनता करती है जो सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं।

इसमें स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष चुनाव होते हैं। चुनाव लोगों के सामने वर्तमान शासकों को बदलने का एक विकल्प एवं अच्छा अवसर प्रदान करते हैं।

चुनाव के पहले और बाद में भी विपक्षी दलों को स्वतन्त्र रूप से काम करते रहने की अनुमति है।

इसमें अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता होती है और लोग मौलिक अधिकारों का प्रयोग करते हैं।

ऐसी सरकारें राजनैतिक समानता के मौलिक सिद्धान्त पर आधारित होते हैं।

अथवा

लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था और गैर लोक तांत्रिक शासन व्यवस्था में अंतर :- 

लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था

गैर - लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था

जनता द्वारा चुनी जाती है।

जनता द्वारा नहीं चुनी जाती है।

ऐसी सरकार में लोगों को मौलिक अधिकार प्राप्त होते हैं।

लोगों को मौलिक अधिकार प्राप्त नहीं होते हैं।

लोकतंत्र में नियत समयांतराल में चुनाव होते रहते हैं जिससे जनता सरकार बदल सकती है।

नियत अंतराल में चुनाव नहीं होते न ही जनता के पास सरकार बदलने का कोई विकल्प होता है।

सरकार संविधान के अनुसार कार्य करती है।

सरकार शासक के इच्छानुसार कार्य करती है।

लोकतंत्र में संसद प्रमुख होती है।

अलोकतांत्रिक सरकार में शासक समूह ही प्रमुख होता है।

प्र.23- निर्धनता क्या है? भारत में निर्धनता के कारण लिखिए। 4

अथवा

भारत में निर्धनता उन्मूलन के चार उपाय लिखिए।

उत्तर :- निर्धनता - निर्धनता वह स्थिति या स्तर है जहाँ व्यक्ति की आय इतनी कम हो जाती है कि वह अपनी आधारभूत आवश्यकताओं को भी पूरा करने में असमर्थ हो जाता है।

भारत में निर्धनता के कारण निम्नलिखित हैं :-

1. अशिक्षा :- भारत में सन 2011 की जनगणना के अनुसार, अब तक जनसंख्या का केवल 73ः भाग ही साक्षर है, इस प्रतिशत में वे व्यक्ति भी सम्मिलित है जो मामूली रूप से लिख पढ़ सकते हैं। भारत में पुरुषों की साक्षरता दर 80.9ः है, वहीं महिलाओं में साक्षरता दर केवल 64.6ः है। महिलाओं में कम साक्षरता का कारण परिवार और आबादी की जानकारी कमी है। जो कि भारत में निर्धनता के कारण में प्रधान कारण है।

2. उद्योगों की कमी :- भारत में आदमी का प्रमुख उद्योग शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित है। ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों का उचित विकास नहीं हुआ है, जिस कारणवश वहां पर बेरोजगारी में वृद्धि होती है। 

3. सामाजिक कारण :- देश में गरीबी के लिए जाति प्रथा, संयुक्त परिवार प्रथा, उत्तराधिकार के नियम, शिक्षा व मानव कल्याण के प्रति उदासीनता आज के अनेक कारण हैं, जो गरीबों को और गरीब बना रहे हैं। 

4. प्रौद्योगिकी का निम्न स्तर :- कृषि तथा विनिर्माण क्षेत्र में परंपरागत उत्पादन तकनीकों ने प्रति व्यक्ति उत्पादकता के स्तर को नीचा बनाए रखा है, जिसके कारण गरीबी और अधिक गहन हुई है। 

5. श्रम की मांग और पूर्ति में असंतुलन :- जब श्रमिकों की मांग कम होती है और उनकी पूर्ति बढ़ जाती है। तो समस्त श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध नहीं हो पाता और इस कारण बेरोजगारी मे वृद्धि होती है। भारत में मजदूरों की अधिक संख्या में उपलब्धता भी निर्धनता का प्रमुख कारण है।

6. जनसंख्या में तीव्र वृद्धि :- भारत की जनसंख्या में तीव्र वृद्धि हुई है, जिससे गरीबी एवं बेरोजगारी की समस्या की गंभीरता और बढ़ गई है। 2.5ः वार्षिक वृद्धि की दर से जनसंख्या का बढ़ना ग्रामीण श्रम पूर्ति की तीव्रता में वृद्धि करता है। श्रमिकों की संख्या में जो तीव्रता से वृद्धि हो रही है, उसके अनुरूप रोजगार सुविधाएं नहीं बढ़ पाती हैं।

7. प्राकृतिक प्रकोप :- हमारी अर्थव्यवस्था प्रकृति पर बहुत अधिक निर्भर है। प्राकृतिक प्रकोपो का सामना करने के पर्याप्त साधनों का ना होना भी हमारी निर्धनता का एक प्रमुख कारण है।

8. तकनीकी प्रशिक्षण :- रोजगार सुविधाओं को व्यापक रूप से उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक है कि तकनीकी प्रशिक्षण का कार्यक्रम अपनाया जाए। भारत में निर्धनता का यह एक प्रमुख कारण है। 

9. ग्रामीण ऋणग्रस्तता :- आय में कमी होने के कारण भारतीय कृषक दैनिक जीवन ऋण लेकर व्यतीत करता है। वह ऋण अदा करने के लिए फसल पर निर्भर रहता है, लेकिन यदि प्राकृतिक प्रकोप या किसी अन्य समस्या से उसकी फसल में नुकसान होता है तो वहां ऋण से ग्रसित हो जाता है। जिससे निर्धनता आ जाती है।

10. आर्थिक कारण :- निर्धनता का संबंध आर्थिक पहलुओं से भी है, आर्थिक दशा का वर्णन आय और व्यय के संबंध में किया जाता है। अपर्याप्त उत्पादन असमान वितरण आर्थिक उच्च वचन निर्धनता एवं बेरोजगारी आदि को जन्म देता है। भारत में उत्पादन के लिए परंपरागत साधनों का प्रयोग किया जाता है जिसके कारण यहां पर्याप्त उत्पादन नहीं हो पाता है। ।

अथवा

निर्धनता या गरीबी एक बहुआयामी समस्या है जिसका समाधान सरल एवं सहज नहीं हैं। सच में तो गरीबी को पूरी तरह से दूर करना असम्भव सा है। लेकिन निर्धनता को कम किया जा सकता है। गरीबी हटाने के लिए मुख्य रूप से निम्नलिखित उपाय को अपनाना श्रेयस्कर होगाः

1. जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण- बढ़ती हुई परिवार की संख्या के कारण परिवार की आर्थिक हालत बहुत खराब हो जाती है यदि इस पर नियंत्रण हो जाये तो परिवार की स्थिति को सुधारा भी जा सकता है। 

2. रोजगार के अवसर में वृद्धि- निर्धनता का एक मुख्य कारण रोजगार के अवसर की कमी है। यदि रोजगारों के अवसर में वृद्धि की जायें तो लोगों के जीवन स्तर में सुधार आयेगा और उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी जिससे वे अपने बच्चों की बुनियादी अवष्यकताओं पूरी कर पायेंगे जिससे बालक विकास में वृद्धि होगी।

3. व्यक्तिगत एवं सामाजिक मूल्यों में परिवर्तन- भारत में परम्परागत रूप से अलग -अलग धर्म एवं जाति के लोग रहते हैं और उनके अलग-अलग व्यक्तिगत एवं सामाजिक मूल्य निर्धारित होते हैं। जैसे- बाह्यण जाति के लिए निम्न जाति के लोगों से सेवा कराना, श्रमिक का काम कराना। इसी प्रकार निम्न जाति के लोगों को उच्च कार्य वर्णित थे। इन सभी मूल्यों में परिवर्तन आवश्यक है। इनमें परिवर्तन होने से लोगों के सामाजिक मूल्य ऊँचे उठते हैं जिनसे इनका जीवन स्तर उच्च होता है।

4. शिक्षा- शिक्षा किसी बात की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है शिक्षा से व्यक्ति की सोच विकसित होती है और वह अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होते हैं लेकिन अशिक्षित लोगों का हमेशा शोषण होता रहा है। इसलिए यदि गरीब लोग शिक्षित होंगे तो कोई भी उनका शोषण नहीं कर पायेगा और जो वो मेहनत करते हैं तो उन्हें उनका पूरा भुगतान मिलेगा जिससे वे अपने बच्चों को सुख-सुविधा दे पायेंगे और शिक्षित होने से माता-पिता गरीब होने के बावजूद भी अपने बच्चों को शिक्षित कर उन्हें समाज में स्थान दिला पायेंगे।

5. आय का पुनर्वितरण - आय और धन के वितरण की असमानता गरीबी को स्थायी बना देती है। यह नागरिकों की कार्यकुशलता को भी विपरीत रूप से प्रभावित करती है। जब देश की अर्थव्यवस्था का ढांचा इस प्रकार का हो कि विकास के प्रयत्नों के कारण बढ़ी हुई आय को अमीर लोग ही हड़प जाते हों तो विकास के सारे प्रयत्न ही बेकार हो जाते हैं। ऐसी स्थिति मे गरीबी घटने की बजाय और अधिक बढ़ जाती है। भारत में बहुत कुछ हद तक ऐसा ही हो रहा है। अतः यहां गरीबी उन्मूलन के लिए आय इस प्रकार पुनर्वितरण कराना आवश्यक है जिससे गरीब वर्ग की आय व उपभोग का स्तर ऊंचा उठ सके। इसके लिए राष्ट्रीय साधन, सम्पत्ति एवं आय के प्रवाह को अमीरों से गरीबों की ओर मोड़ना होगा।

6. विकास की ऊंची दर - गरीबी उन्मूलन के लिए आय का पुनर्वितरण, जनसंख्या नियन्त्रण आदि उपायों का महत्व है, किन्तु इनकी कुछ सीमाएं हैं। अतः यह आवश्यक है कि गरीबी के स्थायी उपचार हेतु आर्थिक विकास की दर बढ़ाने पर ही सर्वाधिक ध्यान देना होगा। यद्यपि आय के पुनर्वितरण के द्वारा वर्तमान वस्तुओं आपस में बंटवारा तो सम्भव है। किन्तु देश की वस्तुओं के कुल भंडारों में वृद्धि करने के लिए तो उत्पादन में वृद्धि करनी होगी। अतः भारत में गरीबी-उन्मूलन की दृष्टि से तीव्र आर्थिक विकास सर्वप्रथम अनिवार्य शर्त हैं तीव्र आर्थिक विकास के लिए हमें उत्पादकता एवं कार्यकुशलता बढ़ाने, तकनीकी ज्ञान के स्तर में सुधार लाने, देश के मानवीय व प्राकृतिक साधनों का पूरा-पूरा उपयोग करने जैसे उपाय करने होंगे।

7. कृषि का विकास - भारत मूल रूप से एक कृषि प्रधान देश है और भारत की खेती पिछड़ी हुई है। भारत में गरीबों का काफी बड़ा भाग कृषि क्षेत्र में ही पाया जाता है। अतः कृषि के विकास पर ध्यान देना प्रथम प्राथमिकता होना चाहिए। भूमिहीन किसानों व सीमान्त किसानों की स्थिति में सुधार लाने हेतु विशेष प्रयास किये जाने चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र की गरीबी को दूर करने के लिए भूमि का पुनर्वितरण भी काफी उपयोगी उपाय है।

8. कुटीर व लघु उद्योगों का विकास - भारत में बेरोजगार लोगों को रोजगार प्रदान करने की दृष्टि से कुटीर व लघु उद्योगों का विकास किया जाना आवश्यक है। इससे न केवल बेरोजगार गरीब लोगों को काम मिलेगा वरन् आय व असमानता भी घटेगी। 

9. सामाजिक भागीदारी - यदि गरीब लोग विकास के कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी प्रारम्भ कर दे तो गरीबी को दूर किया जाना सरल हो जाएगा। इसके लिए गरीबों को स्वयं को गरीबी-उन्मूलन और आर्थिक विकास के कार्यक्रमों में शामिल करना होगा। इस कार्य में पंचायती राज संस्थानों, स्वैच्छिक संगठनों और स्व-सहायता समूहों की भागीदारी को बढ़ाना आवश्यक होगा।

10. छिपी हई बेरोजगारी की समाप्ति और रोजगार में वृद्धि - निर्धनता दूर करने के लिए रोजगार, अर्द्ध रोजगार तथा छिपी हुई बेरोजगारी को दूर करने के लिए विशेष प्रयत्न किये जाने आवश्यक हैं। ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने के अधिक अवसर हैं उनका पूरा लाभ उठाना चाहिए। कृषि का विकास करके भूमि पर एक से अधिक फसल उगाने के फलस्वरूप अर्द्ध बेरोजगारी तथा छिपी बेरोजगारी को कम किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र में कुटीर उद्योग, निर्माण आदि के कार्यों का विकास किया जाना चाहिए। शहरों में लघु उद्योग, यातायात आदि का अधिक विकास किया जाना चाहिए। शिक्षा की प्रणाली में परिवर्तन करके शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार प्रदान किया जाना चाहिए। 

11. उत्पादन की तकनीकों में परिवर्तन - भारतीय अर्थव्यवस्था में इस प्रकार का तकनीकी विकास करना चाहिए जिससे श्रम का पूरा उपयेग हो सके। वास्तव में, भारत के लिए मध्यम तकनीकें, जो श्रम प्रधान तथा पूंजी प्रधान तकनीकों के मध्य का मार्ग हैं, अपनाई जानी चाहिए। इसके फलस्वरूप रोजगार की मात्रा बढे़गी तथा निर्धनता को दूर किया जा सकेगा।

12. पिछड़े क्षेत्रों पर विशेष ध्यान - भारत में कुछ क्षेत्र जैसे उड़ीसा, नागालैंड, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि में आज भी निर्धनों का अनुपात दूसरे प्रदेशों से अधिक है। सरकार को पिछड़े इलाकों में विशेष सुविधायें प्रदान करनी चाहिए जिससे निजी पूंजी उन प्रदेशों में निवेश किया जाना सम्भव हो सकें। इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्रों का भी विकास किया जाना चाहिए।

13. न्यूनतम आवश्यकताओं की सन्तुष्टि - सरकार को निर्धनों की न्यूनतम आवश्यकताओं जैसे पीने का पानी, प्राथमिक चिकित्सा, प्राथमिक शिक्षा आदि को सन्तुष्ट करने के प्रयत्न करने चाहिए। इसके लिए यदि सरकार को अधिक से अधिक राशि व्यय करनी पडे़ तो कोई बुराई नहीं है।

14. निर्धनों की उत्पादकता में वृद्धि - डॉ. वी.के.आर.वी.राव के अनुसार निर्धनता को दूर करने के लिए निर्धनों की आर्थिक उत्पादकता को बढ़ाना आवश्यक है। निर्धनों को स्वयं सतर्क होकर रोजगार की अवस्था को प्राप्त करने के प्रयत्न करने चाहिए। सरकार को इसके लिए सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रों में अधिक निवेश करना चाहिए। निर्धन वर्ग को रोजगार विन्मुख प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए तथा उनकी उत्पादकता बढ़ाने के प्रयत्न किये जाने चाहिए।

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