वार्षिक मासिक परीक्षा सत्र - 2021-22
कक्षा - 9
विषय - सामाजिक विज्ञान
प्रश्न पत्र कोड - 229006-D (964)
समय 03.00 घण्टे पूर्णाक : 80
निर्देश:-
1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
2. प्रश्न क्रमांक से 5 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं जिसमें 32 उपप्रश्न हैं। प्रत्येक उपप्रश्न 1 अंक का है।
3. प्रश्न क्रमांक 6 से 23 तक प्रत्येक में आंतरिक विकल्प दिये गये हैं।
4. प्रश्न क्रमांक 6 से 15 तक प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है। उत्तर लिखने की शब्द सीमा लगभग 30 शब्द है।
5. प्रश्न क्रमांक 16 से 19 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। उत्तर लिखने की शब्द सीमा लगभग 75 शब्द है।
6. प्रश्न क्रमांक 20 से 23 तक प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है। उत्तर लिखने की शब्द सीमा लगभग 120 शब्द है।
प्र.1-. सही विकल्प चुनिये - (6x1=6)
1. कर्क रेखा निम्न में से किस राज्य से होकर गुजरती है?
(अ) पंजाब (ब) आंध्रप्रदेश (स) तमिलनाडु (द) मध्यप्रदेश
2. शंकुधारी पेड़ पाए जाते हैं -
(अ) पठार में (ब) मैदान में (स) पर्वत में (द) दलदली क्षेत्र में
3. रूस की संसद का नाम है -
(अ) कांग्रेस (ब) डाइट (स) ड्यूमा (द) शोर
4. निम्न में से किसको वोट देने का अधिकार नहीं है?
(अ) पागल या मानसिक विकलांग (ब) न्यायालय द्वारा दिवालिया घोषित
(स) नाबालिगों के लिए (द) उपर्युक्त सभी
5. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए न्यूनतम आयु सीमा है -
(अ) 35 वर्ष (ब) 25 वर्ष (स) 30 वर्ष (द) 40 वर्ष
6. पालमपुर में गैर - कृषि क्रियाएं हैं -
(अ) परिवहन (ब) दुकानदारी (स) लघु विनिर्माण (द) उपरोक्त सभी
प्र.2- रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (7x1=7)
1.विश्व में प्रमुख .......................... जैव विविधता वाले प्रदेश हैं। (12/11/14)
2.आंध्रप्रदेश के पुनर्गठन के बाद ....................... राज्य बना। (छत्तीसगढ़/तेलांगाना/उत्तराखंड)
3.भारत में वोट डालने की उम्र ......................... है। (15 वर्ष/18 वर्ष/20 वर्ष)
4. चुनाव आयोग का कार्यालय ..................... में है। (नई दिल्ली/मुम्बई/कोलकाता)
5. दो राज्यों के बीच कानूनी विवाद ...................... द्वारा हल किए जाते हैं। (सर्वोच्च न्यायालय/उच्च न्यायालय/जिला न्यायालय)
6. पालमपुर गाँव का मुख व्यवसाय ...................... है। (कृषि/विनिर्माण/व्यापार)
7. भारत में सबसे भयानक अकाल ................ में पड़ा था। (1943/1975/1960)
प्र.3- सही जोड़ी बनाइये- (6x1=6)
स्तम्भ ‘अ‘ स्तम्भ ‘ब’
1. माउंट एवरेस्ट - क) प्रधानमंत्री
2. दक्षिण की गंगा - ख) कृषि
3. द्वितीय विष्व युद्ध - ग) 1993
4. इंदिरा गाँधी - घ) 8848 मीटर
5. प्राथमिक क्षेत्र - ड.) गोदावरी
6. प्रधानमंत्री रोजगार योजना - च) 1939
प्र.4- सत्य/असत्य की पहचान कीजिये- (6x1=6)
1. सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला राज्य अरूणाचल प्रदेश है। (सत्य/असत्य)
2. एल-नीनो स्पैनिश शब्द है। (सत्य/असत्य)
3. 6 से 14 वर्ष के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा का अधिकार है। (सत्य/असत्य)
4. पालमपुर गाँव में एक हाई स्कूल है। (सत्य/असत्य)
5. ग्रामीण क्षेत्रों में चार प्रकार की बेरोजगारी पाई जाती है। (सत्य/असत्य)
6. अन्नपूर्णा योजना सन 2005 में शुरू की गई। (सत्य/असत्य)
प्र.5.- एक वाक्य / शब्द में उत्तर लिखिये - (7x1=7)
1. भारत और श्रीलंका के मध्य स्थित खाड़ी का नाम लिखिए।
2. रूसी क्रांति कब हुई?
3. श्रीलंका में झूम खेती को क्या कहते हैं?
4. भारतीय वन सेवा की स्थापना कब की गई थी?
5. बुग्याल क्या है?
6. भारत में बंजारों का मूल निवास स्थान कहाँ है?
7. राशन कार्ड कितने प्रकार के होते हैं?
प्र.6- नदी प्रदूषण रोकने के दो उपाय लिखिए। 2
अथवा
हिमालय तथा प्रायद्वीपीय नदियों में अंतर लिखिए।
प्र.7- प्राकृतिक वनस्पति से क्या आशय है? 2
अथवा
देशज और विदेशज वनस्पति क्या हैं?
प्र.8- जनगणना क्या है? 2
अथवा
पूर्वी राज्यों में जनसंख्या घनत्व कम क्यों है? कारण बताओ।
प्र.9- कुलक शब्द को परिभाषित कीजिए। 2
अथवा
रूसी क्रांति से प्रेरित होने वाले भारतीयों के बारे में लिखिए।
प्र.10- रूस में जार का शासन क्यों खत्म हुआ? 2
अथवा
रूस के संदर्भ में निरंकुश राजशाही शब्द से क्या तात्पर्य था?
प्र.11- झूम खेती पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 2
अथवा
स्लीपर क्या होते हैं?
प्र.12- संविधान क्या है? 2
अथवा
वयस्क मताधिकार क्या है?
प्र.13- निर्वाचन क्षेत्र से क्या होते है? 2
अथवा
चुनाव क्या होते हैं?
प्र.14- कार्यपालिका क्या है? 2
अथवा
मंत्री कितने प्रकार के होते हैं?
प्र.15- प्राथमिक व द्वितीयक क्षेत्र के उदाहरण दीजिए। 2
अथवा
भारत में बेरोजगारी के कोई दो कारण लिखिए।
प्र.16- खादर एवं बांगर में अंतर बताइए। (कोई तीन) 3
अथवा
प्रवाल से आप क्या समझते हैं? प्रवाल के प्रकारों को लिखिए।
प्र.17- भारतीय मानसून को प्रभावित करने वाले कारकों को समझाइए। 3
अथवा
मानसून की वापसी शब्द से क्या तात्पर्य है? समझाइए।
प्र.18- नात्सी सोच के खास पहलू क्या थे? 3
अथवा
वाइमर गणराज्य को किन समस्याओं का सामना करना पडा था?
प्र.19- प्रधानमंत्री के अधिकारों की व्याख्या कीजिए। 3
अथवा
न्यायपालिका के कार्यां की समीक्षा कीजिए।
प्र.20- भारत के दिए गए सीमाकार मानचित्र में निम्नलिखित को प्रदर्षित कीजिए। 4
(i) कर्क रेखा (ii) मुम्बई (iii) बंगाल की खाड़ी (iv) निकोबार द्वीप समूह
अथवा
(i) सुंदरवन डेल्टा (ii) छोटा नागपुर का पठार (iii) कच्छ की खाड़ी (iv) चिल्का झील
प्र.21- फ्रांस में दास प्रथा का उन्मूलन कैसे हुआ? समझाइए। 4
अथवा
नेपोलियन के उदय को कैसे समझा जा सकता है?
प्र.22- लोकतंत्र बेहतर शासन पद्धति है। समझाइए। 4
अथवा
प्रतिनिधि लोकतंत्र से आप क्या समझते हैं?
प्र.23- भारत में निर्धनता उन्मूलन के चार उपाय लिखिए। 4
अथवा
राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम क्या है?
---000---
वार्षिक परीक्षा सत्र - 22
कक्षा-9वीं
विषय - सामाजिक विज्ञान
प्रश्न पत्र कोड - 229006-D (964)
समय - 3 घंटा पूर्णांक - 80 अंक
मॉडल उत्तर
प्र.1-. सही विकल्प चुनिये - (6x1=6)
1. कर्क रेखा निम्न में से किस राज्य से होकर गुजरती है?
(अ) पंजाब (ब) आंध्रप्रदेश (स) तमिलनाडु (द) मध्यप्रदेश
उत्तर :- (द) मध्यप्रदेश
2. शंकुधारी पेड़ पाए जाते हैं -
(अ) पठार में (ब) मैदान में (स) पर्वत में (द) दलदली क्षेत्र में
उत्तर :- (स) पर्वत में
3. रूस की संसद का नाम है -
(अ) कांग्रेस (ब) डाइट (स) ड्यूमा (द) शोर
उत्तर :- (स) ड्यूमा
4. निम्न में से किसको वोट देने का अधिकार नहीं है?
(अ) पागल या मानसिक विकलांग (ब) न्यायालय द्वारा दिवालिया घोषित
(स) नाबालिगों के लिए (द) उपर्युक्त सभी
उत्तर :- (द) उपयुर्क्त सभी
5. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए न्यूनतम आयु सीमा है -
(अ) 35 वर्ष (ब) 25 वर्ष (स) 30 वर्ष (द) 40 वर्ष
उत्तर :- (अ) 35 वर्ष
6. पालमपुर में गैर - कृषि क्रियाएं हैं -
(अ) परिवहन (ब) दुकानदारी (स) लघु विनिर्माण (द) उपरोक्त सभी
उत्तर :- (द) उपरोक्त सभी
प्र. 2. रिक्त स्थान भरिये- (1x6=6)
1. विश्व में प्रमुख .......................... जैव विविधता वाले प्रदेश हैं। (12/11/14)
उत्तर :- 12
2. आंध्रप्रदेश के पुनर्गठन के बाद ....................... राज्य बना। (छत्तीसगढ़/तेलंगाना/उत्तराखंड)
उत्तर :- तेलंगाना
3. भारत में वोट डालने की उम्र ......................... है। (15 वर्ष/18 वर्ष/20 वर्ष)
उत्तर :- 18 वर्ष
4. चुनाव आयोग का कार्यालय ..................... में है। (नई दिल्ली/मुम्बई/कोलकाता)
उत्तर :- नई दिल्ली
5. दो राज्यों के बीच कानूनी विवाद ...................... द्वारा हल किए जाते हैं। (सर्वोच्च न्यायालय/उच्च न्यायालय/जिला न्यायालय)
उत्तर :- सर्वोच्च न्यायालय
6. पालमपुर गाँव का मुख्य व्यवसाय ...................... है। (कृषि/विनिर्माण/व्यापार)
उत्तर :- कृषि
7. भारत में सबसे भयानक अकाल ................ में पड़ा था। (1943/1975/1960)
उत्तर :- 1943
प्र.3- सही जोड़ी बनाइये- (1x7=7)
स्तम्भ ‘अ‘ स्तम्भ ‘ब’
1. माउंट एवरेस्ट - क) प्रधानमंत्री
2. दक्षिण की गंगा - ख) कृषि
3. द्वितीय विष्व युद्ध - ग) 1993
4. इंदिरा गाँधी - घ) 8848 मीटर
5. प्राथमिक क्षेत्र - ड.) गोदावरी
6. प्रधानमंत्री रोजगार योजना - च) 1939
उत्तर :-
स्तम्भ ‘अ‘ स्तम्भ ‘ब’
1. माउंट एवरेस्ट - घ) 8848 मीटर
2. दक्षिण की गंगा - ड.) गोदावरी
3. द्वितीय विष्व युद्ध - च) 1939
4. इंदिरा गाँधी - क) प्रधानमंत्री
5. प्राथमिक क्षेत्र - ख) कृषि
6. प्रधानमंत्री रोजगार योजना - ग) 1993
प्र.4- सत्य/असत्य की पहचान कीजिये- (6x1=6)
1. सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला राज्य अरूणाचल प्रदेश है।
उत्तर :- सत्य।
2. एल-नीनो स्पैनिश शब्द है।
उत्तर :- सत्य।
3. 6 से 14 वर्ष के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा का अधिकार है।
उत्तर :- सत्य।
4. पालमपुर गाँव में एक हाई स्कूल है।
उत्तर :- सत्य।
5. ग्रामीण क्षेत्रों में चार प्रकार की बेरोजगारी पाई जाती है।
उत्तर :- असत्य।
6. अन्नपूर्णा योजना सन 2005 में शुरू की गई।
उत्तर :- असत्य।
प्र.5.- एक वाक्य / शब्द में उत्तर लिखिये - (7x1=7)
1. भारत और श्रीलंका के मध्य स्थित खाड़ी का नाम लिखिए।
उत्तर :- मन्नार की खाड़ी
2. रूसी क्रांति कब हुई?
उत्तर :- 1917 ई.
3. श्रीलंका में झूम खेती को क्या कहते हैं?
उत्तर :- चेना
4. भारतीय वन सेवा की स्थापना कब की गई थी?
उत्तर :- 1864 में
5. बुग्याल क्या है?
उत्तर :- ऊँचे पहाड़ों में स्थित घास के मैदान
6. भारत में बंजारों का मूल निवास स्थान कहाँ है?
उत्तर :- उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और मध्यप्रदेश
7. राशन कार्ड कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर :- तीन प्रकार के
प्र.6- नदी प्रदूषण रोकने के दो उपाय लिखिए। 2
अथवा
हिमालय तथा प्रायद्वीपीय नदियों में अंतर लिखिए।
उत्तर :- नदी प्रदूषण रोकने के उपाय :-
1. नदियों में आम जन को अवषिष्ट पदार्थां को नहीं छोड़ना चाहिए।
2. शौचलयों का निर्माण किया जाना चहिए तथा मलमूत्र निकासी प्रबंधन समुचित किया जाना चाहिए।
3. घरों की नालियों का अपषिष्ट उचित शोधन करने के उपरांत ही नदियों में छोड़ा जाना चाहिए।
4. कारखानों से निकलने वाले कचरे का समुचित समाधान होना चाहिए।
5. मिट्टी के कटाव को रोकने वृक्षारोपण होना चाहिए।
6. जल स्रोतों की नियमित साफ सफाई होते रहना चाहिए।
7. जल प्रदूषण से उत्पन्न खतरों को समाज में प्रचारित करना चाहिए।
8. प्राकृतिक जल प्रणाली से छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए।
9. जैविक खेती अपनाना चाहिए।
10. सरकार द्वारा जल प्रदूषण रोकने किए जा रहे प्रयासों को समर्थन देना चाहिए।
अथवा
हिमालय तथा प्रायद्वीपीय नदियों में अंतर
हिमालयीन
नदियां |
प्रायद्वीपीय
नदियां |
1. इनकी उत्पत्ति हिमालय से
होती है। |
1. इनकी उत्पत्ति पश्चिमी घाट से है। |
2. ये नदियां बारहमासी होती
हैं। |
2. ये नदियां मौसमी होती हैं। |
3. इन नदियों में जल आपूर्ति
वर्षा के साथ साथ हिमालय की बर्फ पिघलने से होती है। |
3. इन नदियों में जलापूर्ति का स्रोत वर्षा ही है। |
4. इन नदियों की लम्बाई अधिक
है। |
4. इन नदियों की लम्बाई कम है। |
5. इन नदियों में आने वाली बाढ़
से बहुत अधिक नुकसान होता है। |
5. इनसे नुकसान कम होता है। |
6. प्रमुख नदियां गंगा, यमुना, घाघरा, गंडक , कोसी |
6. महानदी, कृष्णा, कावेरी, गोदावरी प्रमुख नदियां हैं। |
प्र.7- प्राकृतिक वनस्पति से क्या आशय है? 2
अथवा
देशज और विदेशज वनस्पति क्या हैं?
उत्तर :- प्राकृतिक वनस्पति :- प्राकृतिक वनस्पति का अर्थ है कि वनस्पति का वह भाग जो कि मनुष्य की सहायता के बिना अपने आप पैदा होता है और लम्बे समय तक उस पर मानवी प्रभाव नहीं पड़ता है।
अथवा
देशज वनस्पति :- जो वनस्पति मूल रूप से भारतीय है, उसे देशज वनस्पति कहते हैं।
विदेशज वनस्पति :- जो वनस्पति भारत के बाहर से आती है, उन्हें विदेशज वनस्पति कहते हैं।
प्र.8- जनगणना क्या है? 2
अथवा
पूर्वी राज्यों में जनसंख्या घनत्व कम क्यों है? कारण बताओ।
उत्तर :- जनगणना :- एक निश्चित समयांतराल में जनसंख्या की आधिकारिक गणना जनगणना कहलाती है।
अथवा
पूर्वी राज्यों में जनसंख्या घनत्व कम इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं :-
1. पूर्वी राज्य पहाड़ी क्षेत्रों में होने के कारण खेती की संभावना कम होती है।
2. पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित होने के कारण उद्योगों की स्थापना भी नहीं हो पाती है।
3. अधिक वर्षा वाला क्षेत्र होने के कारण जीवन की प्रतिकूल परिस्थिति होना।
4. सहनशील तथा अनुकूल जलवायु का अभाव।
5. परिवहन के साधनों का अभाव।
प्र.9- कुलक शब्द को परिभाषित कीजिए। 2
अथवा
रूसी क्रांति से प्रेरित होने वाले भारतीयों के बारे में लिखिए।
उत्तर :- कुलक - रूस के सम्पन्न किसानों को कुलक कहा जाता था।
अथवा
रूसी क्रांति से प्रेरित होने वाले भारतीय :- रुसी क्रांति से प्रेरित होने वालों में बहुत सारे भारतीय भी थे। कई भारतीयों ने रुस के कम्युनिष्ट विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की। कई महत्वपूर्ण भारतीय राजनयिक एवं सांस्कृतिक व्यक्तियों जैसे जवाहरलाल नेहरु, रविन्द्रनाथ टैगोर आदि ने सोवियत प्रयोग में दिलचस्पी ली और वहाँ का दौरा किया। उन्होंने सोवियत समाजवाद के बारे में लिखा भी।
आर.आर. अवस्थी ने भी रुसी क्रांति से प्रभावित होकर 1920-21 में रशियन रेवोलुशन, लेनिन हिज लाइफ एण्ड हिज थॉट्स आदि किताबें लिखी। उनके अलावा एस.डी. विद्यालंकार, शौकत उस्मानी ने भी रुस के विषय में लिखा है।
प्र.10- रूस में जार का शासन क्यों खत्म हुआ? 2
अथवा
रूस के संदर्भ में निरंकुश राजशाही शब्द से क्या तात्पर्य था?
उत्तर :- जार की नीतियों से जनता में बढ़ते अविश्वास व विद्रोह स्वरुप 1917ई. में जार के शासन का अंत हो गया उसके लिए निम्नलिखित कारण उत्तरदायी थे -
i. रोमनाव वंश के शासक जार निकोलस द्वितीय द्वारा अपनी सत्ता के विरुद्ध उठे सवालों को नियंत्रित करने राजनैतिक गतिविधियों पर रोक लगा दी गई व मतदान के नियम बदल डाले। इससे लोगों में असंतोष पैदा होने लगा।
ii. प्रथम विश्व युद्ध के प्रारंभ में रुसी जनता जार के साथ थी परन्तु जार द्वारा ड्यूमा के प्रमुख दलों से सलाह लेने के इंकार के कारण उसने रुसी जनता का समर्थन खो दिया।
iii. जार निकोलस की पत्नी महारानी जरीना के जर्मन मूल का होने और उसके रासपुतिन जैसे सलाहकारों ने राजशाही को अलोकप्रिय बना दिया।
iv. प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मनी व आस्ट्रिया से पराजित हो पीछे हटती रुसी सेनाओं ने फसलों व इमारतों को नष्ट कर दिया इससे ब्रेड रोटी और आटे की किल्लत हो गई ब्रेड रोटी की दुकानों पर दंगे होने लगे। इस कारण ने भी जार शासन को अलोकप्रिय बना दिया।
v. जार द्वारा 25 फरवरी 1917 को ड्यूमा को बर्खास्त करने के फैसले से असंख्य लोग जार के खिलाफ खड़े हो गए तब 2 मार्च को जार गद्दी छोड़ने को मजबूर हो गया। और इससे निरंकुशता का अंत हो गया।
अथवा
निरंकुश राजशाही :- निरंकुश राजशाही से तात्पर्य उस शासन व्यवस्था से है, जहाँ का शासन किसी एक व्यक्ति अथवा एक ही राजवंश या परिवार के हाथ में होता है। जहाँ का मुख्य शासनकर्ता, जो कि राजा होता है, वह ही शासन का सर्वेसर्वा होता है। निरंकुश राजशाही में लोकतंत्र का अभाव होता है और राजा के आदेश ही सर्वोपरि होते हैं। इसी तरह की निरंकुश राजशाही रूस में व्याप्त थी।
प्र.11- झूम खेती पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 2
अथवा
स्लीपर क्या होते हैं?
उत्तर :- झूम खेती :- जब वन के एक भाग को काट-फूंक कर साफ करने के पश्चात् उसमें अल्पकाल के लिये खेती की जाती है और उसकी उर्वता समाप्त हो जाने पर उसे छोड़कर आगे बढ़ लिया जाता है तो ऐसी अल्पकालीन कृषि को झूम या घुमंतू खेती जाता है। ऐसी कृषि प्रायः वन-निवासी करते हैं।
अथवा
स्लीपर :- रेल की पटरी के आर पार लगे लकड़ी के तख्ते जो पटरियों को उनकी जगह पर रोके रखते थे।
प्र.12- संविधान क्या है? 2
अथवा
वयस्क मताधिकार क्या है?
उत्तर :- संविधान :- देश का सर्वोच्च कानून। इसमें किसी देश की राजनीति और समाज को चलाने वाले मौलिक कानून होते हैं।
अथवा
वयस्क मताधिकार :- 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों को प्राप्त मत देने का अधिकार वयस्क मताधिकार कहलाता है।
प्र.13- निर्वाचन क्षेत्र से क्या होते है? 2
अथवा
चुनाव क्या होते हैं?
उत्तर :- निर्वाचन क्षेत्र :- चुनाव के उद्देष्य से देष को अनेक क्षेत्रों में बाँट लिया जाता है। इन्हें निर्वाचन क्षेत्र कहते हैं।
अथवा
चुनाव :- शासन व्यवस्था को चलाने के लिए जनता को प्रतिनिधि चुनना जरुरी है। लोकतंत्र के इसी नियम को क्रियान्वित करने के लिए चुनाव किये जाते है। सरल भाषा मे समझे तो अपने जन प्रतिनिधि को चुनने की जो प्रक्रिया है उसे चुनाव कहते है।
प्र.14- कार्यपालिका क्या है? 2
अथवा
मंत्री कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर :- कार्यपालिका :- सरकार की नीतियों को कार्यरूप देने वाला महत्वपूर्ण अंग कार्यपालिका कहलाता है। अर्थात कानूनों का क्रियान्वयन करने वाली संस्था या कानून का निर्माण करने वाली संस्था कार्यपालिका कहलाती है। कार्यपालिका राज्य के प्रधान तथा उसके मन्त्रीमण्डल दोनों रूप में होती है।
अथवा
मंत्री तीन प्रकार के होते हैं :- 1. कैबिनेट मंत्री 2. राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) 3. राज्य मंत्री
प्र.15- प्राथमिक व द्वितीयक क्षेत्र के उदाहरण दीजिए। 2
अथवा
भारत में बेरोजगारी के कोई दो कारण लिखिए।
उत्तर :- प्राथमिक क्षेत्रक :- जो क्रियाएँ सीधे भूमि और जल से जुड़ी हुई हैं जैसे - कृषि, वानिकी, पशुपालन मत्स्यपालन, मुर्गीपालन और खनन ।
द्वितीयक क्षेत्रक :- उत्खनन और विनिर्माण शामिल है जैसे गन्ने के रस से चीनी बनाना।
अथवा
भारत में बेरोजगारी के कारण
(i) बढ़ती जनसंख्या
(ii) कृषिक्षेत्र में विकास की धीमी गति
(iii) औद्योगिक और सेवा क्षेत्रक सीमित है।
(iv) शिक्षा पद्धति व्यवहारिक नहीं है।
(v) तकनीकी विकास अव्यवस्थित हैं।
(vi) ग्रामीण लागों का शहरों की ओर प्रस्थान।
प्र.16- खादर एवं बांगर में अंतर बताइए। (कोई तीन) 3
अथवा
प्रवाल से आप क्या समझते हैं? प्रवाल के प्रकारों को लिखिए।
उत्तर :- बांगर और खादर में अंतर
बांगर | खादर |
1. ये पुरानी जलोढ़ मिट्टी वाले भू भाग हैं। | 1. ये नवीनतम जलोढ़ मिट्टी वाले भू भाग हैं। |
2. इसकी संरचना जलोढ़ के जमाव के छज्जेनुमा हो जाती है। | 2. लगभग हर वर्ष इसकी मिट्टी बदलती रहती है। |
3. ये नदियों के बाढ़ वाले मैदान के ऊपर स्थित हैं। | 3. ये नदियों के बाढ़ वाले मैदान होते हैं। |
4. यह भू भाग अनुपजाऊ होता है। | 4. यह भू भाग अत्यधिक उपजाऊ होता है। |
अथवा
प्रवाल :- प्रवाल पॉलिप्स कम समय तक जीवित रहने वाले सुक्ष्म प्राणी हैं जो कि समूह में रहते हैं।
प्रवाल तीन प्रकार के होते हैं।
1. प्रवाल रोधिका 2. तटीय प्रवाल भित्ति 3. प्रवाल वलय द्वीप
प्र.17- भारतीय मानसून को प्रभावित करने वाले कारकों को समझाइए। 3
अथवा
मानसून की वापसी शब्द से क्या तात्पर्य है? समझाइए।
उत्तर :- भारतीय मानसून को प्रभावित करने वाले कारक :-
अ. स्थल और जल के ठंडे तथा गर्म होने की विभेदी प्रक्रिया
ब. अंतः उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र
स. मेडागास्कर के ऊपर बना उच्च दाब
द. तिब्बत के पठार पर बना निम्न दाब
इ. जेट धाराओं का असर
(अ) स्थल तथा जल के गर्म एवं ठंडे होने की विभेदी प्रक्रिया के कारण भारत के स्थल भाग पर निम्न दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है, जबकि इसके आस-पास के समुद्रों के ऊपर उच्च दाब का क्षेत्र बनता है।
(ब) ग्रीष्म ऋतु के दिनों में अंतः उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र की स्थिति गंगा के मैदान की ओर खिसक जाती है (यह विषुवतीय गर्त है, जो प्रायः विषुवत वृत्त से 50 उत्तर में स्थित होता है। इसे मानसून ऋतु में मानसून गर्त के नाम से भी जाना जाता है।
(स) हिंद महासागर में मेडागास्कर के पूर्व लगभग 200 दक्षिण अक्षांश के ऊपर उच्च दाब वाला क्षेत्र होता है। इस उच्च दाब वाले क्षेत्र की स्थिति एवं तीव्रता भारतीय मानसून को प्रभावित करती है।
(द) ग्रीष्म ऋतु में, तिब्बत का पठार बहुत अधिक गर्म हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप पठार के ऊपर समुद्र तल से लगभग 9 कि0मी० की ऊँचाई पर तीव्र ऊर्ध्वाधर वायु धाराओं एवं निम्न दाब का निर्माण होता है।
(य) ग्रीष्म ऋतु में हिमालय के उत्तर-पश्चिमी जेट धाराओं का तथा भारतीय प्रायद्वीप के ऊपर उष्ण कटिबंधीय पूर्वी जेट धाराओं का प्रभाव होता है।
भारतीय मानसून को प्रभावित करने वाले अन्य कारक भी हैं जो कि निम्नानुसार हैं :-
1. अंतः उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र
2. दक्षिणी दोलन
3. डार्विन और ताहिती का दाबांतर
4. एलनीनो
5. एन्सो
अथवा
मानसून की वापसी :- भारत में मानसून का समय जून के आरंभ से लेकर मध्य सितंबर तक लगभग 100 से 120 दिन तक का होता है।
सितंबर से दिसंबर तक की अवधि के दौरान मानसून वापस अपने गंतव्य की ओर लौट रहा होता है और इस काल में में कुछ प्रदेशों में वर्षा करता हुआ जाता है। इस कारण इसे लौटता हुआ मानसून या मानसून प्रत्यावर्तन का काल कहते हैं। ऐसी बारिश दक्षिण भारत के कुछ राज्यों जैसे कि तमिलनाडु आदि में होती है।
प्र.18- नात्सी सोच के खास पहलू क्या थे? 3
अथवा
वाइमर गणराज्य को किन समस्याओं का सामना करना पडा था?
उत्तर :- नात्सी सोच के खास पहलू निम्नलिखित थे :-
1. आर्य (जर्मन) विश्व की सर्वश्रेष्ठ नस्ल है, उसे अपनी शुद्धता बनाए रखनी है।
2. नात्सियों का मानना था कि श्रेष्ठ जाति (जर्मन) जीवित रहेगी तथा हीन (यहूदी) को नष्ट होना पड़ेगा।
3. नात्सी विचारधारा में हिटलर को एक मसीहा के रूप में प्रस्तुत किया गया है जो उन्हें सभी विपत्तियों से छुटकारा दिला सकता है।
अथवा
वाइमर गणराज्य के सामने प्रमुख समस्याएं निम्नलिखित थी। :-
वाइमर संधि - वर्साय में हुई शांति-संधि की वजह से जर्मनी को अपने सारे उपनिवेश, तकरीबन 10 प्रतिशत आबादी, 13 प्रतिशत भूभाग, 75 प्रतिशत लौह भंडार और 26 प्रतिशत कोयला भंडार फ्रांस, पोलैंड, डेनमार्क और लिथुआनिया के हवाले करने पड़े। मित्र राष्टों ने उसकी सेना भी भंग कर दी। युद्ध अपराधबोध अनुच्छेद के तहत युद्ध के कारण हुई सारी तबाही के लिए जर्मनी को ज़िम्मेदार ठहराकर उस पर छः अरब पौंड का जुर्माना लगाया गया। खनिज संसाधनों वाले रा्ईनलैंड पर भी बीस के दशक में ज़्यादातर मित्र राष्ट्रों का ही क़ब्ज़ा रहा।
आर्थिक संकट - युद्ध में डूबे हुए ऋणों के कारण जर्मन राज्य आर्थिक रुप से अपंग हो गया था जिसका भुगतान सोने में किया जाना था। इसके बाद, सोने के भंडार में कमी आर्ई और जर्मन निशान का मूल्य गिर गया। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छूने लगीं।
राजनीतिक संकट - राष्ट्रीय सभा द्वारा वाइमर गणराज्य का विकास तथा सुरक्षा के रास्ते पर लाने के लिए एक नये जनतांत्रिक संविधान का निर्माण किया गया, किन्तु यह अपने उद्देश्य में असफल रहा। संविधान में बहुत सारी कमजोरियाँ थीं। आनुपातिक प्रतिनिधित्व संबंधी नियमों तथा अनुच्छेद 48 के कारण एक राजनीतिक संकट पैदा हुआ जिसने तानाशाही शासन का रास्ता खोल दिया।
प्र.19- प्रधानमंत्री के अधिकारों की व्याख्या कीजिए। 3
अथवा
न्यायपालिका के कार्यां की समीक्षा कीजिए।
उत्तर :- प्रधानमंत्री के अधिकारों की व्याख्या :-
मंत्रीपरिषद के संबंध में प्रधानमंत्री की शक्तियां
1. मंत्रीपरिषद की बैठक को बुलाना तथा आयोजित बैठक की अध्यक्षता करना।
2. मंत्रियों के लिए मंत्रालय निर्धारित करना।
3. मंत्रियों के माध्यम से होने वाले विकास कार्यों का नेतृत्व करना।
राष्ट्रपति के संबंध में प्रधानमंत्री की शक्तियां
1. राष्ट्रपति को सलाह देना (मंत्रियों की नियुक्ति आदि में)
2. तत्कालीन योजनाओं एवं विकास कार्यों के बारे में राष्ट्रपति को अवगत कराना /सूचित करना।
संसद के संबंध में शक्तियां
1. प्रधानमंत्री सम्पूर्ण मंत्रीपरिषद का प्रमुख होता है।
2. राष्ट्रपति को लोकसभा के विघटन के लिए सलाह देना
3. संसद में सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं।
4. संसद में जनता के सवालों का जवाब देते हैं।
प्रधानमंत्री के अन्य कार्य
1. नीति आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं।
2. अंतर्राज्यीय परिषद के अध्यक्ष
3. राष्ट्रीय एकता परिषद
ऐसे ही अन्य कई परिषद हैं जिनकी अध्यक्षता का दायित्व प्रधानमंत्री का होता है।
अथवा
न्यायपालिका :- एक राजनैतिक संस्था जिसके पास न्याय करने और कानूनी विवादों के निबटारे का अधिकार होता है। देश के सभी अदालतों को एक साथ न्यायपालिका के नाम से पुकारा जाता है।
न्यायपालिका के कार्यों की समीक्षा :- अलग-अलग राजनीतिक व्यवस्थाओं में न्यायपालिका के कार्य अलग-अलग होते हैं, पर आम तौर पर ये कार्य इस प्रकार होते हैं।
1. न्याय प्रदान करना न्यायालयों का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। न्यायालय दीवानी, फौजदारी और संविधानिक प्रकृति के सभी मामलों की सुनवाई और फैसला करते हैं। लिखित संविधान वाले देशों में न्यायालयों को संविधान की व्याख्या की शक्ति भी प्राप्त होती है। वे संविधान के रक्षक के तौर पर काम करते हैं।
2. दूसरी बात, वैसे तो कानून बनाना विधायिकाओं का काम है, पर एक भिन्न ढंग से न्यायालय भी कानून बनाते हैं। जहाँ कोई कानून खामोश या अस्पष्ट हो वहाँ अदालतें तय करती हैं कि कानून क्या है और कैसे लागू होना चाहिए।
3. तीसरी बात, एक संघीय शासन प्रणाली में अदालतें केन्द्रीय व क्षेत्रीय सरकारों के बीच एक स्वतंत्र और निष्पक्ष अंपायर की भूमिका भी निभाती हैं।
4. चौथी बात, न्यायालय सरकार के कार्यों को वैधता देने वाले महत्वपूर्ण संगठन हैं। न्यायालयों से आशा की जाती है कि वे खुद को जनता की बढ़ती आकांक्षाओं के प्रति सचेत रखेंगे और मौजूदा स्थिति में कानून के अर्थ की गतिशील ढंग से व्याख्या करेंगे। उन्हें यह देखना होगा कि कोई कानून या कार्यपालिका का कोई काम जनता के विभिन्न अधिकारों का हनन न करे।
5. पाँचवी बात, न्यायालयों को विद्यमान राजनीतिक व्यवस्था को स्थायी बनाना और अवलंब देना भी होता है। न्यायालयों का व्यवहार बाधामूलक या विनाशकारी नहीं होना चाहिए कि वहीं राजनीतिक संगठन का सुचारु संचालन समस्या न बन जाए।
6. न्यायालयों का सबसे विवादास्पद कार्य उनका न्यायिक समीक्षा का अधिकार है जिसके अंतर्गत उन्हें किसी विधायी या प्रशासनिक कदम की वैधता की छानबीन की और फिर उसे अंशतः या पूर्णतः संविधान के प्रतिकूल घोषित करने की क्षमता प्राप्त होती है। इस शक्ति का जन्म अमेरिका में हुआ और वहीं यह अपने सर्वोत्तम रूप में दिखाई भी पड़ती है। इसका दूसरा सर्वोत्तम उदाहरण भारत में देखने को मिलता है। इटली, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे कुछ अन्य देशों में इसे कुछ मद्धम रूपों में देखा जा सकता है।
जैसा कि कहा गया है, न्यायालयों के कार्य अलग-अलग देशों में अलग-अलग होते हैं। फिर भी, जैसा कि ऊपर बतलाया गया है, इनमें से अधिकांश कार्य साझे हैं तथा ये ही कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका की शक्तियों में अंतर की रेखा खींचते हैं।
प्र.20- भारत के दिए गए सीमाकार मानचित्र में निम्नलिखित को प्रदर्षित कीजिए। 4
(i) कर्क रेखा (ii) मुम्बई (iii) बंगाल की खाड़ी (iv) निकोबार द्वीप समूह
अथवा
(i) सुंदरवन डेल्टा (ii) छोटा नागपुर का पठार (iii) कच्छ की खाड़ी (iv) चिल्का झील
प्र.21- फ्रांस में दास प्रथा का उन्मूलन कैसे हुआ? समझाइए। 4
अथवा
नेपोलियन के उदय को कैसे समझा जा सकता है?
उत्तर :- फ्रांसीसी उपनिवेशों में दास प्रथा का उन्मलन जेकोबिन शासन के क्रांतिकारी विचारों में से एक था। 18वीं सदी में फ्रांस में दास प्रथा मुक्ति हेतु नेशनल असेम्बली में लम्बी बहस हुई परन्तु दास व्यापार पर निर्भर व्यापारियों के विरोध के भय से नेशनल असेम्बली में कोई कानून पारित नहीं किया गया 1794ई. के कन्वेंशन ने फ्रांसीसी उपनिवेशों में सभी दासों की मुक्ति का कानून पारित कर दिया। परन्तु यह कानून ज्यादा दिन लागू नहीं रह पाया, 10 वर्ष पश्चात् नेपोलियन ने दास प्रथा पुनः शुरु कर दी। बागान मालिकों को अफ्रीकी नीग्रो लोगों को गुलाम बनाने की स्वतंत्रता मिल गयी।
अततः फ्रांसीसी उपनिवेशों से अंतिम रुप से दास प्रथा का उन्मूलन 1848 ई. में किया गया।
अथवा
नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म 1769 ई0 में रोम सागर के द्वीप कोर्सिका की राजधानी अजासियों में हुआ था। वह असाधारण प्रतिभा का स्वामी था । उसने पेरिस के फौजी स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर सेना में भर्ती हुआ और असीम वीरता, साहस और सैनिक योग्यता द्वारा उन्नति कर सेनापति बन गया। उसने ब्रिटेन,आस्ट्रिया और सार्डीनिया के विरूद्ध विजय प्राप्त की । तत्पश्चात वह डायरेक्टरी का प्रथम बना और थोडे समय में ही वह फ्रांस का सम्राट बन गया । उसने अपनी योग्यता और कुशलता से फ्रांस में शांति व्यवस्था स्थापित की ।
प्र.22- लोकतंत्र बेहतर शासन पद्धति है। समझाइए। 4
अथवा
प्रतिनिधि लोकतंत्र से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :- लोकतंत्र एक बेहतर शासन पद्धति है इसे निम्न प्रकार से समझा जा सकता है :-
1. जनहित :- लोकतंत्र शासन को जनता के कल्याण, विकास व सुविधा का प्रतीक माना जाता है। लोकतंत्र में शासन की नीतियाँ, कार्यक्रमों, आदेशों के माध्यम से सर्वसाधारण का अधिक- से-अधिक जनहित करने का प्रयास किया जाता है।
2. राजनीतिक प्रशिक्षण :- लोकतंत्र, सर्वसाधारण को राजनीतिक प्रशिक्षण भी देता है। लोकतंत्र में संचार के साधनों, प्रेस, दूरदर्शन आदि का प्रयोग व्यापक तरीके से किया जाता है। लोकतंत्र में राजनीतिक दल, राजनेता, दबाव समूह और संगठन सक्रिय रूप से कार्य करते हैं। राजनीतिक दल जनता की इच्छाओं, आकांक्षाओं को सरकार के सामने रखते हैं। सरकार इन पर नीतियाँ बनाते हुए समस्त राजनीतिक गतिविधियों के बारे में जानकारी जनता को उपलब्ध करवाती है। इसमें समानता स्थापित करने के प्रयास किये जाते हैं।
3. नैतिकता का विकास :- लोकतंत्र में राष्ट्रीय चरित्र व नैतिकता का विकास नागरिकों में होना चाहिए। राष्ट्रप्रेम, देश - भक्ति, त्याग, बलिदान, सेवा और सहनशीलता आदि गुणों का विकास नागरिकों को राष्ट्र से जोड़े रखने का प्रयास करता है। लोकतंत्र उच्च गुणों का विकास करने का प्रयास करता है। नैतिकता लोकतंत्र को भ्रष्ट होने से रोकती है। नैतिकता से नागरिकों में आत्मविश्वास की भावना जागृत होती है। लोकतंत्र में अच्छे आदर्शों का संकल्प दोहराया जाता है।
4. क्रान्ति का अभाव :- लोकतंत्र में लोकतांत्रिक पद्धतियों को महत्व दिया जाता है। जनता के आपसी विवादों, मनमुटाव और झगडे हल करने के लिए लोकतांत्रिक पद्धति का ही सहारा लिया जाता है, इसमें हिंसा, खून-खराबा और असंवैधानिक तरीको का प्रयोग वर्जित है। लोकतंत्र में यदि शासक-वर्ग जनता पर लंबे समय तक अत्याचार करता है तो जनता लोकतांत्रिक तरीके से परिवर्तन करती है। हिंसा का सहारा परिवर्तन करने के लिए नहीं लेती है।
लोकतंत्र के अन्य प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं :-
लोकतन्त्र में किसी की भी जय या पराजय स्थायी नहीं होती।
लोकतन्त्र मतभेदों एवं विवादों से निपटने का तरीका उपलब्ध कराती है।
लोकतन्त्र नागरिकों की गरिमा में वृद्धि करता है क्योकि यह राजनैतिक समानता के सिद्धान्त पर आधारित है जो यह स्वीकार करता है कि सबसे निर्धन एवं सबसे कम पढ़े-लिखे लोगों की भी समाज में वही स्थिति है जो अमीर व शिक्षित लोगों की है। लोग किसी शासक की प्रजा नहीं हैं अपितु वे स्वयं शासक हैं।
लोकतन्त्र लोगों की जरूरतों को प्रत्युत्तर देती है। एक लोकतांत्रिक सरकार सदैव लोगों के प्रति जवाबदेह है।
लोकतन्त्र निर्णय करने की गुणवत्ता में सुधार लाती है क्योंकि ये संविधान एवं परिचर्चा पर आधारित होते हैं।
लोकतन्त्र प्रत्येक समस्या का शांतिपूर्ण समाधान उपलब्ध कराता है। यह भारत जैसे देश के लिए उपयुक्त है जिसमें भाषा, धर्म एवं संस्कृति आधारित भिन्नताएँ पायी जाती हैं।
भारतीय लोकतन्त्र ने भिन्नता में एकता बनाए रखते हुए एक शांतिपूर्ण समाज उपलब्ध कराया है।
अथवा
प्रतिनिधि लोकतंत्र :- प्रतिनिधि लोकतंत्र से हमारा सीधा सा आशय यह है, कि ऐसा लोकतंत्र जो जनता द्वारा और जनता के एक ग्रुप द्वारा जिन्हें हम मतदाता कहते हैं एक प्रतिनिधि को चुना जाता है और वह प्रतिनिधि लोकतंत्र में हमारी बातों को रखता है। इस प्रकार के लोकतंत्र को प्रतिनिधि लोकतंत्र कहते हैं। वर्तमान समय में समस्त लोकतंत्र प्रतिनिधि लोकतंत्र पर ही आधारित है। इस प्रकार के लोकतंत्र में श्रम का विभाजन होता है तथा यह प्रक्रिया प्रत्यक्ष लोकतंत्र के एकदम विपरीत प्रक्रिया है, इसी कारण से इस प्रक्रिया को अप्रत्यक्ष लोकतंत्र भी कहा जाता है। जो लोकतंत्र की एक प्राचीन प्रणाली है यह सर्वप्रथम रोम के लोगों द्वारा अपनाई गई प्रणाली है। वर्तमान समय की बात की जाए तो लगभग हर देश का लोकतंत्र प्रतिनिधि लोकतंत्र पर आधारित है, क्योंकि इसके कई फायदे हैं।
प्र.23- भारत में निर्धनता उन्मूलन के चार उपाय लिखिए। 4
अथवा
राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम क्या है?
उत्तर :- निर्धनता या गरीबी एक बहुआयामी समस्या है जिसका समाधान सरल एवं सहज नहीं हैं। सच में तो गरीबी को पूरी तरह से दूर करना असम्भव सा है। लेकिन निर्धनता को कम किया जा सकता है। गरीबी हटाने के लिए मुख्य रूप से निम्नलिखित उपाय को अपनाना श्रेयस्कर होगाः
1. जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण- बढ़ती हुई परिवार की संख्या के कारण परिवार की आर्थिक हालत बहुत खराब हो जाती है यदि इस पर नियंत्रण हो जाये तो परिवार की स्थिति को सुधारा भी जा सकता है।
2. रोजगार के अवसर में वृद्धि- निर्धनता का एक मुख्य कारण रोजगार के अवसर की कमी है। यदि रोजगारों के अवसर में वृद्धि की जायें तो लोगों के जीवन स्तर में सुधार आयेगा और उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी जिससे वे अपने बच्चों की बुनियादी अवष्यकताओं पूरी कर पायेंगे जिससे बालक विकास में वृद्धि होगी।
3. व्यक्तिगत एवं सामाजिक मूल्यों में परिवर्तन- भारत में परम्परागत रूप से अलग -अलग धर्म एवं जाति के लोग रहते हैं और उनके अलग-अलग व्यक्तिगत एवं सामाजिक मूल्य निर्धारित होते हैं। जैसे- बाह्यण जाति के लिए निम्न जाति के लोगों से सेवा कराना, श्रमिक का काम कराना। इसी प्रकार निम्न जाति के लोगों को उच्च कार्य वर्णित थे। इन सभी मूल्यों में परिवर्तन आवश्यक है। इनमें परिवर्तन होने से लोगों के सामाजिक मूल्य ऊँचे उठते हैं जिनसे इनका जीवन स्तर उच्च होता है।
4. शिक्षा- शिक्षा किसी बात की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है शिक्षा से व्यक्ति की सोच विकसित होती है और वह अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होते हैं लेकिन अशिक्षित लोगों का हमेशा शोषण होता रहा है। इसलिए यदि गरीब लोग शिक्षित होंगे तो कोई भी उनका शोषण नहीं कर पायेगा और जो वो मेहनत करते हैं तो उन्हें उनका पूरा भुगतान मिलेगा जिससे वे अपने बच्चों को सुख-सुविधा दे पायेंगे और शिक्षित होने से माता-पिता गरीब होने के बावजूद भी अपने बच्चों को शिक्षित कर उन्हें समाज में स्थान दिला पायेंगे।
5. आय का पुनर्वितरण - आय और धन के वितरण की असमानता गरीबी को स्थायी बना देती है। यह नागरिकों की कार्यकुशलता को भी विपरीत रूप से प्रभावित करती है। जब देश की अर्थव्यवस्था का ढांचा इस प्रकार का हो कि विकास के प्रयत्नों के कारण बढ़ी हुई आय को अमीर लोग ही हड़प जाते हों तो विकास के सारे प्रयत्न ही बेकार हो जाते हैं। ऐसी स्थिति मे गरीबी घटने की बजाय और अधिक बढ़ जाती है। भारत में बहुत कुछ हद तक ऐसा ही हो रहा है। अतः यहां गरीबी उन्मूलन के लिए आय इस प्रकार पुनर्वितरण कराना आवश्यक है जिससे गरीब वर्ग की आय व उपभोग का स्तर ऊंचा उठ सके। इसके लिए राष्ट्रीय साधन, सम्पत्ति एवं आय के प्रवाह को अमीरों से गरीबों की ओर मोड़ना होगा।
6. विकास की ऊंची दर - गरीबी उन्मूलन के लिए आय का पुनर्वितरण, जनसंख्या नियन्त्रण आदि उपायों का महत्व है, किन्तु इनकी कुछ सीमाएं हैं। अतः यह आवश्यक है कि गरीबी के स्थायी उपचार हेतु आर्थिक विकास की दर बढ़ाने पर ही सर्वाधिक ध्यान देना होगा। यद्यपि आय के पुनर्वितरण के द्वारा वर्तमान वस्तुओं आपस में बंटवारा तो सम्भव है। किन्तु देश की वस्तुओं के कुल भंडारों में वृद्धि करने के लिए तो उत्पादन में वृद्धि करनी होगी। अतः भारत में गरीबी-उन्मूलन की दृष्टि से तीव्र आर्थिक विकास सर्वप्रथम अनिवार्य शर्त हैं तीव्र आर्थिक विकास के लिए हमें उत्पादकता एवं कार्यकुशलता बढ़ाने, तकनीकी ज्ञान के स्तर में सुधार लाने, देश के मानवीय व प्राकृतिक साधनों का पूरा-पूरा उपयोग करने जैसे उपाय करने होंगे।
7. कृषि का विकास - भारत मूल रूप से एक कृषि प्रधान देश है और भारत की खेती पिछड़ी हुई है। भारत में गरीबों का काफी बड़ा भाग कृषि क्षेत्र में ही पाया जाता है। अतः कृषि के विकास पर ध्यान देना प्रथम प्राथमिकता होना चाहिए। भूमिहीन किसानों व सीमान्त किसानों की स्थिति में सुधार लाने हेतु विशेष प्रयास किये जाने चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र की गरीबी को दूर करने के लिए भूमि का पुनर्वितरण भी काफी उपयोगी उपाय है।
8. कुटीर व लघु उद्योगों का विकास - भारत में बेरोजगार लोगों को रोजगार प्रदान करने की दृष्टि से कुटीर व लघु उद्योगों का विकास किया जाना आवश्यक है। इससे न केवल बेरोजगार गरीब लोगों को काम मिलेगा वरन् आय व असमानता भी घटेगी।
9. सामाजिक भागीदारी - यदि गरीब लोग विकास के कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी प्रारम्भ कर दे तो गरीबी को दूर किया जाना सरल हो जाएगा। इसके लिए गरीबों को स्वयं को गरीबी-उन्मूलन और आर्थिक विकास के कार्यक्रमों में शामिल करना होगा। इस कार्य में पंचायती राज संस्थानों, स्वैच्छिक संगठनों और स्व-सहायता समूहों की भागीदारी को बढ़ाना आवश्यक होगा।
10. छिपी हई बेरोजगारी की समाप्ति और रोजगार में वृद्धि - निर्धनता दूर करने के लिए रोजगार, अर्द्ध रोजगार तथा छिपी हुई बेरोजगारी को दूर करने के लिए विशेष प्रयत्न किये जाने आवश्यक हैं। ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने के अधिक अवसर हैं उनका पूरा लाभ उठाना चाहिए। कृषि का विकास करके भूमि पर एक से अधिक फसल उगाने के फलस्वरूप अर्द्ध बेरोजगारी तथा छिपी बेरोजगारी को कम किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र में कुटीर उद्योग, निर्माण आदि के कार्यों का विकास किया जाना चाहिए। शहरों में लघु उद्योग, यातायात आदि का अधिक विकास किया जाना चाहिए। शिक्षा की प्रणाली में परिवर्तन करके शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार प्रदान किया जाना चाहिए।
11. उत्पादन की तकनीकों में परिवर्तन - भारतीय अर्थव्यवस्था में इस प्रकार का तकनीकी विकास करना चाहिए जिससे श्रम का पूरा उपयेग हो सके। वास्तव में, भारत के लिए मध्यम तकनीकें, जो श्रम प्रधान तथा पूंजी प्रधान तकनीकों के मध्य का मार्ग हैं, अपनाई जानी चाहिए। इसके फलस्वरूप रोजगार की मात्रा बढे़गी तथा निर्धनता को दूर किया जा सकेगा।
12. पिछड़े क्षेत्रों पर विशेष ध्यान - भारत में कुछ क्षेत्र जैसे उड़ीसा, नागालैंड, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि में आज भी निर्धनों का अनुपात दूसरे प्रदेशों से अधिक है। सरकार को पिछड़े इलाकों में विशेष सुविधायें प्रदान करनी चाहिए जिससे निजी पूंजी उन प्रदेशों में निवेश किया जाना सम्भव हो सकें। इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्रों का भी विकास किया जाना चाहिए।
13. न्यूनतम आवश्यकताओं की सन्तुष्टि - सरकार को निर्धनों की न्यूनतम आवश्यकताओं जैसे पीने का पानी, प्राथमिक चिकित्सा, प्राथमिक शिक्षा आदि को सन्तुष्ट करने के प्रयत्न करने चाहिए। इसके लिए यदि सरकार को अधिक से अधिक राशि व्यय करनी पडे़ तो कोई बुराई नहीं है।
14. निर्धनों की उत्पादकता में वृद्धि - निर्धनता को दूर करने के लिए निर्धनों की आर्थिक उत्पादकता को बढ़ाना आवश्यक है। निर्धनों को स्वयं सतर्क होकर रोजगार की अवस्था को प्राप्त करने के प्रयत्न करने चाहिए। सरकार को इसके लिए सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रों में अधिक निवेश करना चाहिए। निर्धन वर्ग को रोजगार विन्मुख प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए तथा उनकी उत्पादकता बढ़ाने के प्रयत्न किये जाने चाहिए।
अथवा
रोजगार गारण्टी कार्यक्रम, 2005 की प्रमुख विशेषताएँ :-
1. यह अधिनियम केवल एक कार्यक्रम ही नहीं है, अपितु एक कानून है जिसके अन्तर्गत रोजगार हासिल करने की कानूनी गारण्टी दी गई हैं।
2. इसके नियोजन तथा क्रियान्वयन में पंचायती राज संस्थाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी।
3. इसका प्रमुख उद्देश्य हर वर्ष प्रत्येक ग्रामीण एवं शहरी गरीब तथा निम्न मध्यम वर्ग के परिवार के एक वयस्क व्यक्ति को कम से कम 100 दिन रोजगार उपलब्ध कराना है।
4. इसके अन्तर्गत माँग करने पर 15 दिन के अन्दर कार्य उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
5. यदि निश्चित समय में काम उपलब्ध नहीं कराया जाएगा, तो सम्बन्धित व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाएगा।
---000---
Please Subscribe
https://youtube.com/eClassesByManishSir