अर्धवार्षिक
परीक्षा 2024
कक्षा-9 वी
विषय :
सामाजिक विज्ञान Set-913
कुल
प्रश्नों की संख्या : 23
समय 3:00 घण्टे पूर्णाक : 75
निर्देश
:
1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
2. प्रश्न क्रमांक 1 से 5 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं जिनके लिए 1 x 30 = 30 अंक
निर्धारित है।
3. प्रश्न क्रमांक 6 से 17 तक प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का
है। शब्द सीमा 30 शब्द है।
4. प्रश्न क्रमांक 18 से 20 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का
है। उत्तर लिखने की शब्द सीमा लगभग 75 शब्द है।
5. प्रश्न क्रमांक 21 से 23 तक प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का
है। उत्तर लिखने की शब्द सीमा लगभग 120 शब्द है।
6. प्रश्न क्रमांक 23 मानचित्र प्रश्न है।
मॉडल उत्तर
प्रश्न.1 सही
विकल्प चुनिये - (1x6=6)
(i) एक स्थलीय भाग जो तीन ओर से समुद्र से घिरा हो, वह है -
(अ) भाबर (ब) प्रायद्वीप
(स) तराई (द) द्वीप
उत्तर - (ब) प्रायद्वीप
(ii) दैनिक तापान्तर निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में
सर्वाधिक पाया जाता है ?
(अ) दक्षिणी
पठारी क्षेत्र (ब) पूर्वी तटवर्ती क्षेत्र
(स) थार
मरुस्थल (द) पश्चिमी तटवर्ती क्षेत्र
उत्तर - (स) थार मरुस्थल
(iii) रूस में राजशाही का पतन हुआ -
(अ) 1889
ई. में (ब) 1917 ई. में
(स) 1915
ई में
(द) 1919 ई में
उत्तर - (ब) 1917 ई में
(iv) किस आदिवासी नेता ने अंग्रेजों द्वारा लगाये गए वन कानूनों
के खिलाफ बस्तर में विद्रोह का नेतृत्व किया? -
(अ) बिरसा
मुंडा (ब) गुंडा धुर
(स) रानी
गाइदिन्ल्यु (द) अल्लूरी सीताराम राजू
उत्तर - (ब) गुंडा धुर
(v) नागरिक व सरकार के बीच झगड़ों का निपटारा कौन करता
है?
(अ) लोकसभा
अध्यक्ष (ब) सर्वोच्च न्यायलय
(स) राष्ट्रपति
(द) गृहमंत्री
उत्तर - (ब) सर्वोच्च न्यायलय
(vi) विश्व बैंक ने निर्धनता रेखा के लिए कितना डॉलर प्रतिव्यक्ति
प्रतिदिन निर्धारित किया है?
(अ) 5
डॉलर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन (ब) 3.5 डॉलर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन
(स) 1.9
डॉलर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन (द) 8 डॉलर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन
उत्तर - (स) 1.9 डॉलर
प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन
प्रश्न 2. रिक्त
स्थानों की पूर्ति कीजिए (1x6=6)
(i) प्रायद्वीपीय
भारत की अधिकांश नदियों के अपवाह तंत्र की प्रवाह दिशा .................से ................
की ओर है।
उत्तर – पश्चिम
से पूर्व
(ii) कार्ल मार्क्स ने ...................................................... नामक ग्रन्थ की रचना की।
उत्तर – दास कैपिटल
(iii) गरीबी
रेखा के निर्धारण के भारत में ..............................................................
संगठन सर्वेक्षण करता है।
उत्तर – नेशनल
सैंपल सर्वे आर्गेनाईजेशन (राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन)
(iv) वर्ष
1946 में , संविधान सभा में ‘उद्देश्य प्रस्ताव’ ...............................................
के द्वारा पेश किया गया ।
उत्तर – पंडित जवाहर लाल नेहरु
(v) रुसी
साम्राज्य में मुस्लिम धर्म सुधारक ............................................................................
कहलाते थे ।
उत्तर – जदीदी
(vi) लोकतंत्र
में, जनप्रतिनिधियों का चुनाव ...........................................................................
करती है ।
उत्तर – जनता
प्रश्न. 3 सही
जोड़ी बनाइये-
(1x6=6)
(अ) (ब)
i. सुंदरवन
डेल्टा अ. प्राथमिक क्षेत्रक
ii. नमामि
नर्मदा परियोजना ब. एशिया
iii. मत्स्य
पालन स. कार्टूनिस्ट
iv. अब्राहम
लिंकन द. अमेरिका
v. आर.के.लक्ष्मण इ. पश्चिम बंगाल
vi. भारत फ. मध्य प्रदेश
उत्तर - (अ) (ब)
i. सुंदरवन
डेल्टा इ. पश्चिम बंगाल
ii. नमामि नर्मदा
परियोजना फ. मध्य प्रदेश
iii. मत्स्य पालन अ. प्राथमिक क्षेत्रक
iv. अब्राहम
लिंकन द. अमेरिका
v. आर.के.लक्ष्मण स. कार्टूनिस्ट
vi. भारत ब. एशिया
प्रश्न. 4 एक शब्द / वाक्य में उत्तर लिखिये -
(1x6=6)
i. कृषि
क्षेत्र में कौन सी बेरोजगारी पाई जाती है? - प्रछन्न बेरोजगारी
ii. मानसून किसे कहते हैं? - एक वर्ष के दौरान वायु की दिशा में ऋतु अनुसार परिवर्तन को
iii. गंगा की मुख्य दो धाराओं के नाम लिखिए । - भागीरथी और अलकनंदा
iv. भारत में कौन – कौन से जलवायु कटिबंध हैं? - उष्ण कटिबंध और उपोष्ण कटिबंध
v. ‘युंगफोक’ क्या था? - 10 से 14 वर्ष के बच्चों का नाजी संगठन
vi. समय
पूर्व न्यायाधीशों को किस प्रक्रिया द्वारा पद से हटाया जा सकता है? - महाभियोग
प्रश्न 5 सत्य/असत्य
की पहचान कीजिये - (1x6=6)
(i) फ्रांसीसी
समाज में मध्य वर्ग को क्रांति का फायदा मिला। – सत्य
(ii) पूर्वी
घाट का सर्वोच्च शिखर महेंद्रगिरी है। – सत्य
(iii) बैरेन द्वीप भारत के अंडमान निकोबार द्वीप समूह में स्थित है। – सत्य
(iv) भारत
और श्रीलंका के धरातल को पृथक करने वालि जल राशि पाक जल संधि है । – सत्य
(v) भारत
में, बहुमत से चुनाव जीतने वाला दल सरकार बनाता है । – सत्य
(vi) पालमपुर
में, पारंपरिक बीजों के प्रयोग से उपज अधिक होती है । –असत्य
प्र.6- बांगर
और खादर में दो अंतर लिखिए । 2
अथवा
पूर्वी घाट तथा पश्चिमी घाट में
दो अंतर लिखिए ।
उत्तर - बांगर और खादर में अंतर
बांगर |
खादर |
1. ये पुरानी जलोढ़ मिट्टी वाले भू भाग हैं। |
1. ये नवीनतम जलोढ़ मिट्टी वाले भू भाग हैं। |
2. इसकी संरचना जलोढ़ के जमाव के छज्जेनुमा हो जाती है। |
2. लगभग हर वर्ष इसकी मिट्टी बदलती रहती है। |
3. ये नदियों के बाढ़ वाले मैदान के ऊपर स्थित हैं। |
3. ये नदियों के बाढ़ वाले मैदान होते हैं। |
4. यह भू भाग अनुपजाऊ होता है। |
4. यह भू भाग अत्यधिक उपजाऊ होता है। |
अथवा
पूर्वी घाट और पश्चिमी घाट में अंतर
पूर्वी घाट |
पश्चिमी घाट |
1. दक्षिण के पठार का पूर्वी
सिरा पूर्वी घाट कहलाता है। |
1. दक्षिण के पठार का पश्चिमी
सिरा पश्चिमी घाट कहलाता है। |
2. पूर्वी घाट सतत हैं जिन्हें
सीधे पार करना कठिन है। |
2. पश्चिमी घाट अनियमित हैं। |
3. पूर्वी घाट की ऊँचाई कम है। |
3. पश्चिमी घाट की ऊँचाई अधिक
है। |
4. पूर्वी घाट का सबसे ऊँचा पर्वत शिखर महेन्द्रगिरि है। |
4. पश्चिमी घाट का सबसे ऊँचा
शिखर अनाईमुड़ी है। |
प्र7- ग्रीष्मकाल
में प्रायद्वीपीय भारत में तापमान क्यों कम रहता है? कारण लिखिए ।
2
अथवा
मालाबार क्षेत्र में ढालू छत
वाले मकान क्यों बनाये जाते हैं ? कारण लिखिए ।
उत्तर – समुद्र के प्रभाव के कारण तटीय क्षेत्रों में
तापमान में कम विपरीतता का अनुभव होता है । उदा. मुंबई एक समान जलवायु
का
अनुभव करता है।
अथवा
मालाबार क्षेत्र में ढालू छत वाले मकान बनाने के पीछे
मुख्य कारण है कि बारिश बहुत होती है. अगर छतें ढलानदार न हों, तो पानी छत पर जमा होकर मकान को
नुकसान पहुंचा सकता है।
प्र.8-. उत्तर
भारत की नदियों और दक्षिण भारत की नदियों में कोई दो अंतर लिखिए ।
2
अथवा
किसी
देश की अर्थव्यवस्था के लिए नदियाँ महत्वपूर्ण क्यों हैं ?
उत्तर - उत्तर भारत और
दक्षिण भारत की नदियों में अंतर -
उत्तर भारत की नदियां |
दक्षिण भारत की नदियां |
1. इनकी उत्पत्ति हिमालय से होती है। |
1. इनकी उत्पत्ति पश्चिमी घाट से है। |
2. ये नदियां बारहमासी होती हैं। |
2. ये नदियां मौसमी होती हैं। |
3. इन नदियों में जल आपूर्ति वर्षा के साथ साथ हिमालय की बर्फ पिघलने से होती
है। |
3. इन नदियों में जलापूर्ति का स्रोत वर्षा ही है। |
4. इन नदियों की लम्बाई अधिक है। |
4. इन नदियों की लम्बाई कम है। |
5. इन नदियों में आने वाली बाढ़ से बहुत अधिक नुकसान होता है। |
5. इनसे नुकसान कम होता है। |
6. प्रमुख नदियां गंगा, यमुना, घाघरा, गंडक , कोसी |
6. महानदी, कृष्णा, कावेरी, गोदावरी प्रमुख नदियां हैं। |
अथवा
किसी देश की अर्थव्यवस्था में
नदियां महत्वपूर्ण हैं क्योंकि -
1. इनका जल मूल प्राकृतिक संसाधन
है तथा अनेक मानवीय क्रिया कलापों के लिए अनिवार्य है।
2. नदियों के जल का उपयोग घरेलू
कार्यों के साथ साथ कृषि तथा उद्योगों के लिए भी किया जाता है।
3. इनका प्रयोग जलविद्युत के
उत्पादन के लिए भी होता है।
4. इनका उपयोग नौ संचलन तथा परिवहन
में होता है।
5. मत्स्यन में भी नदियों का
महत्वपूर्ण योगदान है।
प्र.9- घुमंतू
खेती पर रोक लगाने का फैसला सरकार ने क्यों किया?
2
अथवा
औपनिवेशिक
शासन काल में रहने वाली दो वन्य जातियों के नाम व निवास स्थान लिखिए ।
उत्तर – घुमंतू खेती के लिए जंगलों को काटकर खेत बनाये जाते थे । सरकार ने महसूस किया कि इस जमीं पर रेलवे के लिए इमारती लकड़ी वाले पेड़ नहीं नहीं उगाये जा सकते अतः घुमंतू खेती पर रोक लगाने का फैसला किया
अथवा
औपनिवेशिक शासन
काल में रहने वाली दो वन्य जातियों और उनके निवास स्थान निम्नलिखित हैं –
क्रमांक वन्य जातियों के नाम - निवास स्थान
1 बैगा मध्य भारत
2 संथाल और उरांव झारखण्ड
3 गोंड छत्तीसगढ़
5 कलांग जावा
6 नगरारिन्द्जेरियो ऑस्ट्रेलिया
7 लाकोता अमेरिका
प्र.10- पालमपुर
में गैर – कृषि क्रियाएं कौन – कौन सी हैं ? 2
अथवा
बहुविध
फसल प्रणाली किसे कहते हैं ?
उत्तर – पालमपुर गांव की प्रमुख गैर कृषि क्रियाएं -
i) लघु
स्तरीय विनिर्माण
ii) डेयरी
iii) परिवहन
iv) दुकानदारी
अथवा
एक वर्ष में किसी भूमि पर एक से
ज्यादा फसल उत्पन्न करने को बहुविध फसल
प्रणाली कहते हैं।
प्र.11- फ़्रांस
की क्रांति कब आरंभ हुई ? इसके दो प्रभाव लिखिए। 2
अथवा
फ़्रांस
में दास प्रथा का उन्मूलन कब और किसने किया था ?
उत्तर – फ़्रांस की क्रांति 1789
को जुलाई माह में आरंभ हुई –
1.
निरंकुश शासन का
अंत और गणतंत्र की स्थापना
2.
लिखित संविधान
3. स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की भावना
4.
लोकप्रिय
सम्प्रभुता का सिद्धांत
5.
मानव अधिकारों की
घोषणा
6.
प्रशासन में सुधार
7.
समान कानून और
कानूनों का संग्रह
8. चर्च का पुर्नगठन
9. सामाजिक समानता का युग
10. कृषकों की दशा में सुधार
11. शिक्षा और साहित्य में प्रगति
12. राष्ट्रीय भावना का विकास
अथवा
सन् 1794 के कन्वेंशन ने फ्रांसीसी उपनिवेशों में सभी दासों की
मुक्ति का कानून पारित कर दिया। यह कानून एक छोटी-सी अवधि तक ही लागू रहा। दस
वर्ष बाद नेपोलियन ने दास - प्रथा पुनः शुरू कर दी। फ्रांसीसी उपनिवेशों से अंतिम
रूप से दास-प्रथा का उन्मूलन 1848 मे किया गया।
प्र.12- लोकतंत्र
का क्या अर्थ है ? 2
अथवा
लोकतंत्र
क्यों आवश्यक है?
उत्तर – लोकतंत्र -
लोकतंत्र को अंग्रेजी में डेमोक्रेसी कहते हैं। ‘डेमोक्रेसी’ यूनानी शब्द डेमोक्रेशिया से बना है।
यूनान में डेमोस का अर्थ होता है ‘लोग’ और ‘क्रेशिया’ का अर्थ होता है ‘शासन’। इस
प्रकार डेमोक्रेसी अर्थात लोकतंत्र का अर्थ है ‘लोगों का शासन’। लोकतंत्र वह शासन व्यवस्था है
जिसमें शासक का चुनाव जनता करती है ।
अथवा
लोकतंत्र क्यों आवश्यक है इसके प्रमुख कारण
निम्नलिखित हैं –
1. लोकतांत्रिक शासन पद्धति दूसरों
से बेहतर है क्योंकि यह शासन का अधिक जवाबदेही वाला स्वरूप है ।
2. लोकतंत्र बेहतर निरनत लेने की
सम्भावना बढाता है ।
3. लोकतंत्र नागरिकों का सम्मान
बढाता है ।
4. लोकतंत्र में हमें अपने गलती
ठीक करने का अवसर उपलब्ध होता है।
प्र.13- संविधान
संशोधन का क्या अर्थ है ? 2
अथवा
संविधान सभा किसे कहते हैं ?
उत्तर – जनभावनाओं के अनुरूप भारत के संविधान में समय – समय पर
होने वाले बदलावों को संविधान संशोधन कहते हैं ।
अथवा
चुने जनप्रतिनिधियों की जो सभा संविधान नामक विशाल
दस्तावेज को लिखने का काम करती है उसे संविधान सभा कहते हैं।
प्र.14-भारतीय चुनाव आयोग के सामने क्या चुनौतियाँ हैं ?कोई दो लिखिए।2
अथवा
स्वतंत्र
और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए क्या कदम उठाये गए हैं ? लिखिए ।
उत्तर - भारतीय चुनाव आयोग के समक्ष निम्नलिखित चुनौतियाँ
हैं –
1. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया संचालित करना
और दिखाना ।
2. आदर्श आचार संहिता लागू करवाना ।
3. त्रुटि रहित मतदाता सूचियों का प्रकाशन करवाना ।
4. शासक दल द्वारा सरकारी सुविधाओं और अधिकारीयों के दुरूपयोग
पर नकेल कसना ।
5. मतदान के दिन होने वाली धांधलियों को रोकने कड़ाई अपनाना ।
6. राजनीतिक दलों के अन्दर बढ़ रही हिंसा और चुनावी दुर्भावनाओं से निपटना।
7. कालेधन और आपराधिक तत्त्वों के बढ़ रहे बोलबाला के
परिणामस्वरूप राजनीति का अपराधीकरण रोकना ।
8. निर्वाचन आयोग के पास राजनीतिक दलों को विनियमित करने के
लिये पर्याप्त शक्तियों का इस्तेमाल करना।
9. नैतिकता सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक है कि सक्षम और
योग्य व्यक्ति उच्च पदों का दायित्व संभालें।
10. हालिया वर्षों में निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल
खड़े होने लगे हैं और यह धारणा ज़ोर पकड़ रही है कि चुनाव आयोग कार्यपालिका के दबाव
में काम कर रहा है।
11. इसके अलावा EVM में खराबी, हैक होने और वोट दर्ज न होने जैसे आरोपों से भी निर्वाचन
आयोग के प्रति आम जनता के विश्वास में कमी आती है।
अथवा
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के उठाये गए प्रमुख
कदम निम्न लिखित हैं–
1. मतदाता अपनी पसंद के अनुसार वोट
डाल सकें, इसके लिए हर
संभव कदम उठाया जा रहा है।
2. चुनाव केंद्रों पर मतदाताओं की
सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। चुनाव केंद्रों के पास पर्याप्त
पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं ताकि कोई भी अवैध व्यक्ति चुनाव प्रक्रिया को बाधित न
कर सके।
3. यह देखने का हर संभव प्रयास
किया जाता है कि मतदाताओं को किसी विशेष तरीके से वोट डालने के लिए कोई प्रलोभन न
दिया जाए।
4. यह भी देखा जाता है कि मतदाताओं
को किसी विशेष उम्मीदवार को वोट देने के लिए मजबूर करने के लिए किसी भी तरह का
दबाव न डाला जाए।
5. चुनाव प्रचार के दौरान यह देखा
जाना चाहिए कि सत्तारूढ़ पार्टी किसी भी तरह से सरकारी मशीनरी का अपने पक्ष में
उपयोग न करे।
6. चुनावों में धांधली या अनुचित
साधनों के प्रयोग की किसी भी तरह से इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। धांधली चुनावों के
लिए वही है जो परीक्षा के लिए धोखाधड़ी है।
7. यह देखने के लिए हर संभव प्रयास
किए जाते हैं कि कोई भी व्यक्ति अपने बाहुबल या धन बल का उपयोग करने की कोशिश न
करे।
8. इन उपायों के अलावा भारत में
चुनाव आयोग नामक संस्था बनाई गई है जो सरकारी नियंत्रण से पूरी तरह स्वतंत्र है।
यह स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने का प्रयास करती है।
प्र.15- बेरोजगारी
से क्या आशय है ?
2
अथवा
अर्थव्यवस्था
के प्राथमिक क्षेत्र से क्या आशय है ?
उत्तर – जब प्रचलित मजदूरी की दर पर काम करने के लिए
इच्छुक लोग रोजगार नहीं पा सकते तो इस स्थिति को बेरोजगारी कहते हैं ।
अथवा
अर्थव्यवस्था के प्राथमिक
क्षेत्रक से आशय कृषि एवं उसके सहायक क्षेत्रों जैसे वानिकी, पशु पालन, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन और खनन एवं उत्खनन
अंतर्गत होने वाली आर्थिक गतिविधियों से है ।
प्र.16- आर्थिक
और गैर – आर्थिक क्रियाओं में कोई दो अंतर लिखिए। 2
अथवा
अर्थव्यवस्था
के द्वितीयक क्षेत्र के दो उदहारण लिखिए ।
उत्तर – आर्थिक क्रियाएँ: वे
क्रियाएँ है जिनसे लोगों की आय होती है। जैसे- रिक्शा चलाना, सब्ज़ी बेचना आदि। ग़ैर आर्थिक क्रियाएँ: ऐसी
क्रियाएँ जिनसे कोई आय प्राप्त नहीं होती ग़ैर आर्थिक क्रियाएँ कहलाती है। जैसे- निःशुल्क पढ़ाना आदि।
अथवा
अर्थव्यवस्था के द्वितीयक
क्षेत्रक में विनिर्माण शामिल होते हैं. लौह एवं इस्पात
उद्योग, वस्त्र उद्योग, वाहन
उद्योग, बिस्किट उद्योग, केक उद्योग,
सीमेंट उद्योग, कंप्यूटर इत्यादि उद्योग।
प्र.17- ‘जिप्सी’ और ‘घेटो’ का
अर्थ बताइए ।
2
अथवा
नात्सीवाद
की दो प्रमुख विशेषताओं को लिखिए ।
उत्तर – जिप्सी – जिप्सी के नाम से श्रेणीबद्ध किये गए समूहों की अपनी
सामुदायिक पहचान थी | सिन्ती और रोमा ऐसे ही दो समुदाय थे|
घेटो – किसी समुदाय को औरों से अलग -थलग करके रखना |
अथवा
नात्सीवाद की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
1. यहूदी नस्ल सबसे घटिया नस्ल है तथा संसार की अन्य सभी नस्लें यहूदी और
जर्मन के बीच की नस्लें हैं।
2. हिटलर का मानना था कि लोगों को बसाने के लिए ज्यादा से ज्यादा इलाकों पर
कब्जा करना जरूरी है। इससे मातृदेश का क्षेत्रफल भी बढ़ेगा और नए इलाकों में जाकर
बसने वालों को अपने जन्म स्थान से सम्बन्ध बनाए रखने में कोई समस्या नहीं आएगी।
3. वह पूर्व में जर्मनी की सीमाओं को फैलाना चाहता था ताकि सारे जर्मनों को
भौगोलिक दृष्टि
से एक ही जगह इकट्ठा किया जा सके।
4. नात्सीवाद के अनुसार राज्य सबसे ऊपर है। लोग राज्य के लिए हैं न कि राज्य
लोगों के लिए।
5. नात्सीवाद लोकतंत्र तथा साम्यवाद को जड़ से मिटा देना चाहता था।
6. नात्सीवाद युद्ध तथा शक्ति के प्रयोग को राज्य के विस्तार के लिए आवश्यक
मानता था।
7. नात्सीवाद के अनुसार ब्लाँड, नीली आँखों वाले नॉर्डिक जर्मन
आर्य सर्वश्रेष्ठ नस्ल है। उसे अपनी शुद्धता बनाए रखनी चाहिए तथा उसे ही पूरी
दुनिया पर वर्चस्व स्थापित करने का हक है।
प्र.18- भारत
को उपमहाद्वीप की संज्ञा क्यों दी जाती है? लिखिए । 3
अथवा
कर्क
रेखा का भारत की जलवायु में क्या महत्त्व है? स्पष्ट कीजिये ।
उत्तर – उपमहाद्वीप को समझने के
पहले हमें द्वीप को समझना होगा।
द्वीप - पानी के बीच स्थित स्थल खंड
को द्वीप कहते हैं, यह पानी नदी का भी हो सकता है
और समुद्र का भी।
उपमहाद्वीप - यह स्थलखंड द्वीप की तुलना
में बड़े तथा महाद्वीप की तुलना में छोटे होते हैं।
भारतीय उपमहाद्वीप - भारत एशिया
महाद्वीप के दक्षिण में स्थित है। यह एशिया महाद्वीप का दक्षिणी विस्तार है।
हिमालय पर्वत इसे शेष एशिया से पृथक् करता है तथा तीन ओर से समुद्र से घिरा होने
के कारण भारत , एशिया का भाग होते हुए भी एक विशिष्ट भौगोलिक इकाई बन जाता है। यही कारण है कि
भारत को उपमहाद्वीप का दर्जा दिया जाता है।
भारतीय उपमहाद्वीप में भारत के
अतिरिक्त पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव आदि देश शामिल हैं।
अथवा
उत्तर – भारत के नक़्शे पर सरसरी नजर डालें तो हम देख सकते हैं कि कर्क रेखा
भारत के मध्य भाग, पश्चिम में कच्छ के रन से लेकर पूर्व में मिजोरम, से होकर गुजरती
है । देश का लगभग आधा भाग कर्क वृत्त के दक्षिण में स्थित है, जो उष्ण कटिबंधीय है। जबकि उत्तर में स्थित भाग उपोष्ण कटिबंधीय है ।
इसी वजह से भारत के मौसम को उष्णकटिबंधीय मौसम कहा जाता है. हमारे वनों को भी उष्णकटिबंधीय
वन कहते हैं.
यह कर्क रेखा का ही असर है कि भारत में छः मौसम होते हैं : वसन्त, ग्रीष्म,
वर्षा या मानसून, शरद, हेमन्त
और शीत या शिशिर.
कर्क रेखा, हिन्द महासागर और हिमालय के मिले जुले प्रभाव से ही भारत में मानसून की
वर्षा होती है जिसके कारण भारत में खूब बरसात होती है और अच्छी फसल हो पाती है
जिससे कि इतनी विशाल जनसँख्या का भरण पोषण हो पाता है।
अन्य उत्तर - भारतीय उपमहाद्वीप
एक भौगोलिक विविधता वाला क्षेत्र है। इसमें पर्वत, पठार, प्रायद्वीप, द्वीप, ठंडा रेगिस्तान, गर्म रेगिस्तान, खाड़ी, महासागर, समुद्र, नदियाँ, डेल्टा, ज्वालामुखी और विभिन्न
प्रकार के वन हैं और कई मौसम भी। अब भारत में मौसम विभिन्न वन्यजीवों, विभिन्न फसलों, खनिजों और क्षेत्र
में पाए जाने वाले पौधों की प्रजातियों का कारण है। और यह मौसम भारत देश में कर्क रेखा
के कारण इतने प्रभावशाली तरीके से होता है । कर्क रेखा का भारत की जलवायु में
महत्व को इस प्रकार से समझा जा सकता है –
1. कर्क रेखा भारत को दो भागों में विभाजित करता है, एक उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में और दूसरा उत्तरी समशीतोष्ण
क्षेत्र में।
2. जब सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ती हैं तो हमारे
पास गर्मी होती है और गर्मियों के दौरान कम दबाव और उच्च तापमान होता है, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में उच्च दबाव होता है, इसलिए हवाएं उच्च दबाव से कम दबाव की ओर बहने लगती हैं
और आगे विक्षेपित हो जाती हैं। भारत की ओर भूमध्य रेखा और ये हवाएँ रास्ते में पानी
इकट्ठा करती हैं इसलिए वे भारत के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश का कारण बनती हैं
ये हवाएँ मानसून हैं। भारत के लिए मानसून बहुत महत्वपूर्ण है और यह कर्क रेखा के कारण
ही होता है।
प्र.19- “1917
ई. की रुसी क्रांति से नयी सभ्यता तथा संस्कृति का जन्म हुआ” । इस कथन की पुष्टि
में तीन बिंदु लिखिए । 3
अथवा
रुसी
क्रांति के कोई तीन प्रभावों को स्पष्ट कीजिये ।
उत्तर - इसमें कोई संशय नहीं की रूस की क्रांति फ्रांस की क्रांति के समान ही एक युगांतकारी
घटना थी जिसका प्रभाव केवल रूस तक ही सीमित नहीं था। 1917 ई. की रूसी क्रांति से नई सभ्यता तथा संस्कृति का जन्म हुआ। जिसे निम्न
बिन्दुओ के आधार पर समझा जा सकता है -
1. सर्वहारा वर्ग का अधिनायकत्व - रूस की क्रांति ने आर्थिक स्वतंत्रता
को सर्वोपरि स्थान दिया और सर्वहारा वर्ग को शासन में प्रधानता प्रदान की। नवंबर
में बोल्शेविक क्रांति हुई जिसने बुर्जुआ गणतंत्र को समाप्त कर सर्वहारा वर्ग का
अधिनायकत्व स्थापित किया। बोल्शेविक क्रांति के फलस्वरूप विश्व में पहली बार
मार्क्सवादी सिद्धांतों पर आधारित सरकार बनी जिसने रूस की राजनैतिक, सामाजिक एंव
आर्थिक व्यवस्था में आमूल परिवर्तन कर दिया।
2. नई सभ्यता, नई संस्कृति व
नए समाज का पक्षपाती - साम्यवाद नई सभ्यता, नई संस्कृति व नए समाज का पक्षपाती था। उसे फ्रांस, इंग्लैंड व अमेरिका की व्यवस्था किसी क्षेत्र में प्रिय नहीं था।
3. साम्यवाद का प्रचार - इस क्रांति के माध्यम से
साम्यवाद का प्रचार बड़ी तीव्र गति से हुआ। साम्यवाद आधे यूरोप और आधे एशिया में
फैल गया। अन्य क्षेत्रों में भी इसका प्रभाव बढ़ता जा रहा है।
4. कृषक वर्ग और श्रमिक वर्ग का
शासन सत्ता पर अधिकार - इस क्रांति ने पूर्व से चली आ रही जार शाही का अंत किया और किसान एंव
मजदूरों के हाथ में शासन की सत्ता सौंप दी। सामाजिक, आर्थिक व औद्योगिक क्षेत्रों में
समानता की ओर कदम उठाया।
5. नवीन विचारधारा का जन्म - 1917 क्रांति के
फलस्वरूप साम्यवाद नामक विचारधारा का उदय हुआ। इस विचारधारा के अंतर्गत वर्गहीन
समाज स्थापित हुआ और कृषक एंव श्रमिक शासन सूत्र को चलाने वाले बन गए। इस क्रांति
ने सामाजिक, आर्थिक एंव औद्योगिक क्षेत्रों में भी अपना
बिगुल बजाया।
6. अन्य देशो की नीति में
परिवर्तन - जहां रूसी क्रांति द्वारा
प्रतिपादित विचारधारा का प्रचार नहीं हुआ, वहां की सरकारे ने भी किसानों, मजदूरों
की दशा को उन्नत करने का प्रयास करना शुरू कर दिया, किन्तु
साम्यवादियों को इससे संतुष्टि न होगी, क्योकि अन्य
क्षेत्रों में असफलता ही रहेगीं।
अथवा
उत्तर- रूस की क्रान्ति का वैश्विक प्रभाव इस प्रकार है-
उपरोक्तानुसार
प्र.20- संविधान
क्या है ? संविधान की तीन विशेषताएं लिखिए । 3
अथवा
पंथ
निरपेक्ष, सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न एवं लोकतान्त्रिक गणराज्य का अर्थ क्या है?।
उत्तर- संविधान शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है सम + विधान अर्थात वे नियम या
कानून जो सभी के लिए सामान रूप से लागू हों संविधान कहलाता है । परिभाषित रूप में
नियमों या कानूनों के संकलित प्रलेख को संविधान कहते हैं ।
भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएँ –
1. लिखित एवं निर्मित संविधान- भारत का संविधान लिखित है इसमें सरकार के संगठन के
आधारभूत सिद्धांत औपचारिक रूप से लिख दिए गए हैं कार्यपालिका, विधायिका और आदि को स्पष्ट कर दिया गया है।
2. संघात्मक एवं एकात्मक- भारतीय संविधान का बाहरी ढांचा संघात्मक है, परंतु इसका
आंतरिक स्वरूप एकात्मक है। संघात्मक स्वरूप में केंद्र तथा राज्यों की शक्तियों का
बंटवारा किया गया है। और न्यायपालिका को कार्यकारिणी से स्वतंत्र रखा गया है, किंतु आपातकाल में यही संविधान एकात्मक रूप धारण कर
लेता है और शासन की शक्ति केंद्र सरकार में निहित हो जाती है
3. विशाल संविधान- यह संसार का
विशालतम संविधान है इसमें 404 अनुच्छेद 9 अनुसूचियां और 24 खंड हैं।
4. लोक कल्याणकारी राज्य- भारत का संविधान राज्य को एक लोक कल्याणकारी राज्य घोषित करता है। शासन
जनता का सेवक है, ना कि कोई भयानक
वस्तु, राज्य का लक्ष्य जनता का कल्याण करना है।
5. एक नागरिकता- सारे भारत में
एक नागरिकता भारतीय नागरिकता है, भारतीय संपूर्ण
देश का नागरिक है। पृथक से किसी राज्य का नहीं।संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे
संघात्मक संविधान में नागरिकों को दोहरी नागरिकता प्राप्त है,अपने राज्य की और संघ की परंतु, भारत में एक ही नागरिकता है।
6. लचीला संविधान- यह संविधान
लचीला है, कठोर नहीं, यह संविधान
संशोधन के मामले में आसान है।
7. संसदीय शासन प्रणाली- भारतीय संविधान में संसदीय शासन प्रणाली का प्रावधान है। इसमें दो प्रकार
की कार्यपालिका है। पहली नाममात्र की (राष्ट्रपति) और दूसरी वास्तविक
(मंत्रिमंडल)।
8. मूल अधिकारों की व्यवस्था- भारतीय संविधान में नागरिकों के लिए कुछ मूल अधिकारों
की व्यवस्था की गई है। इन्हें छीना नहीं जा सकता है। यहां तक कि कार्यपालिका और
विधायिका इन में हस्तक्षेप नहीं कर सकती हैं। हस्तक्षेप करने पर न्यायपालिका इनकी
रक्षा करती है।
9. नीति निर्देशक तत्व - भारतीय संविधान में कुछ नीति निर्देशक तत्वों का भी प्रावधान किया गया है
इनके द्वारा केंद्र तथा राज्य सरकारों को यह आदेश दिया गया है कि जनता के जीवन को
सुखी बनाने की दिशा में काम करें।
10. स्वतंत्र एवं सर्वोच्च न्यायालय- सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना संघीय संविधान की एक
विशेषता है। केंद्र और राज्यों के विवादों को तय करने तथा नागरिकों के मूल
अधिकारों की रक्षा करने में सर्वोच्च न्यायालय की अहम भूमिका होती है।
12. अनुसूचित तथा जनजातियों को विशेष संरक्षण- अनुसूचित जन जातियों के उत्थान के लिए संविधान में
विशेष व्यवस्था की गई है।
13. धर्मनिरपेक्ष राज्य - भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राज्य का दर्जा संविधान ने दिया है। राज्य किसी
विशेष धर्म के साथ पक्ष या विरोध नहीं करेगा धर्म के विषय में संविधान तटस्थ
रहेगा।
14. समाजवादी राज्य - समाजवाद का
मार्ग सबसे उत्तम माना जाता है, समाजवादी राज्य
से घोषित किया गया है।
अथवा
पंथनिरपेक्ष संविधान से आशय यह है कि संविधान की दृष्टि में सभी धर्म समान हैं और धर्म , पंथ एवं उपासना रीति के आधार पर राज्य किसी भी
व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं करेगा।
·
पंथनिरपेक्षता का
अर्थ है कि राज्य राजनीति या किसी गैर-धार्मिक मामले से धर्म या पंथ को दूर रखे तथा सरकार पंथ या धर्म के आधार पर किसी से भी कोई भेदभाव न करे।
·
पंथनिरपेक्षता का
अर्थ किसी के पंथ या धर्म का विरोध
करना नहीं है बल्कि सभी को अपने धार्मिक विश्वासों एवं मान्यताओं को पूरी आज़ादी
से मानने की छूट देता है।
·
पंथनिरपेक्ष राज्य
में उस व्यक्ति का भी सम्मान होता है जो किसी भी पंथ या धर्म को नहीं मानता है।
·
पंथनिरपेक्षता के
संदर्भ में धर्म, व्यक्ति का
नितांत निजी मामला है, जिसमे राज्य तब
तक हस्तक्षेप नहीं करता जब तक कि विभिन्न धर्मों की मूल धारणाओं में आपस में टकराव
की स्थिति उत्पन्न न हो।
लोकतांत्रिक गणराज्य का अर्थ -
एक गणराज्य या गणतंत्र सरकार का एक रूप है जिसमें देश को एक “सार्वजनिक मामला“
माना जाता है, न कि शासकों की निजी संस्था या सम्पत्ति। एक गणराज्य के भीतर शासक का पद विरासत
में नहीं मिलता हैं। यह सरकार का एक रूप है जिसके अंतर्गत राज्य का प्रमुख राजा नहीं
होता। आमतौर पर देश
के जनता की, जनता के द्वारा व जनता के लिए सरकार का गठन माना जाता
है । इसका अर्थ है कि सरकार जनता द्वारा निर्वाचित तथा जनता के प्रति उत्तरदायी
है।
गणराज्य एक ऐसा देश होता है जहां के शासनतन्त्र में सैद्धान्तिक रूप से देश का
सर्वोच्च पद पर आम जनता में से कोई भी व्यक्ति पदासीन हो सकता है। इस तरह के शासनतन्त्र
को गणतन्त्र कहा जाता है। “लोकतंत्र“ या “प्रजातंत्र“ इससे अलग होता है। लोकतन्त्र
वो शासनतन्त्र होता है जहाँ वास्तव में सामान्य जनता या उसके बहुमत की इच्छा से शासन
चलता है। आज विश्व के अधिकान्श देश गणराज्य हैं और इसके साथ-साथ लोकतान्त्रिक भी। इस
प्रकार भारत एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है।
हर गणराज्य का लोकतान्त्रिक होना अवश्यक नहीं है। तानाशाही, जैसे हिट्लर का
नाज़ीवाद, मुसोलीनी का फ़ासीवाद, पाकिस्तान
और कई अन्य देशों में फ़ौजी तानाशाही, चीन, सोवियत संघ में साम्यवादी तानाशाही, इत्यादि गणतन्त्र
हैं, क्योंकि उनका राष्ट्राध्यक्ष एक सामान्य व्यक्ति है या थे।
लेकिन इन राज्यों में लोकतान्त्रिक चुनाव नहीं होते, जनता और
विपक्ष को दबाया जाता है और जनता की इच्छा से शासन नहीं चलता।
प्र.21- भारत
में निर्धनता उन्मूलन के लिए सरकार द्वारा चलाई गई तीन योजनाओं के नाम लिखिए। 4
अथवा
भारत
में निर्धनता के चार कारण विस्तार से लिखिए ।
उत्तर – भारत में निर्धनता उन्मूलन के लिए सरकार द्वारा
चलाई गई तीन योजनायें निम्नलिखित हैं –
1.
महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी 2005 - इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका
सुरक्षित करने के लिए हर घर के लिए मजदूरी रोजगार कम से कम 100 दिनों के लिए
उपलब्ध कराना है । साथ ही कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है ।
2.
राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कोष - इसके अंतर्गत यदि आवेदक को 15 दिन के भीतर
रोजगार उपलब्ध नहीं कराया गया तो उसे दैनिक बेरोजगारी भत्ता दिया जायेगा । राज्य
सरकारों द्वारा भी इस तरह का राज्य रोजगार गारंटी कोष की स्थापना की गई है।
3.
राष्ट्रीय काम के बदले अनाज योजना – 2004 से देश के सबसे
पिछड़े 150 जिलों में इस योजना को लागू किया गया हैजिसमें अकुशल शारीरिक मजदूरों को
भी काम दिया जाता है ।
4.
प्रधानमंत्री रोजगार योजना – 1993 से शुरू इस कार्यक्रम का
उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में शिक्षित बेरोजगारों के लिए
स्वरोजगार के अवसर सृजित किये जाते हैं ।
5.
ग्रामीण रोजगार सृजन – 1995 से
आरंभ इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में स्वरोजगार
हेतु अवसर उपलब्ध कराना है ।
6.
स्वर्ण जयंती स्वरोजगार योजना – 1999 से इस कार्यक्रम का
उद्देश्य सहायता प्राप्त निर्धन परिवारों को स्व सहायता समूहों में संगठित कर बैंक
ऋण और सरकारी सहायिकी के संयोजन द्वारा निर्धनता रेखा से ऊपर लाना है ।
7.
प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना – इसकी शुरुआत 2000 से हुई है
जिसमें ग्रामीण आश्रय,
ग्रामीण पेयजल और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसी मूल सुविधाओं के लिए केंद्र द्वारा
राज्यों को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाती है ।
8.
अन्त्योदय अन्न योजना – निर्धन परिवारों को मुफ्त अथवा
न्यूनतम दरों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराना ।
9.
अन्य योजनायें – इनके अतिरिक्त लाड़ली बहना योजना, निराश्रित पेंशन योजना, वृद्धावस्था पेंशन योजना, आयुष्मान स्वास्थ्य योजना
आदि के द्वारा निर्धन वर्ग के विभिन्न खर्चोना को नियंत्रित कर सरकार उनको
निर्धनता की रेखा से ऊपर लाने निरंतर प्रयासरत हैं ।
अथवा
भारत में निर्धनता के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं –
1.
औपनिवेशिक दासता
2.
अशिक्षा
3.
उद्योगों की कमी
4.
सामाजिक कारण
5.
प्रौद्योगिकी का निम्न स्तर
6.
श्रम की मांग और पूर्ति में असंतुलन
7.
जनसंख्या में तीव्र वृद्धि
8.
प्राकृतिक प्रकोप
9.
तकनीकी प्रशिक्षण
10. ग्रामीण ऋणग्रस्तता
11. आर्थिक कारण
1.
औपनिवेशिक दासता -
अंग्रेजी शासन काल में भारत के आर्थिक विकास का स्तर निम्न स्तर पर था.
औपनिवेशिक सरकार की नीतियों के चलते भारत का कुटीर उद्योग और हस्तशिल्प नष्ट हो
गया.
2.
अशिक्षा - भारत की जनगणना के अनुसार, महिला और पुरुषों की
साक्षरता दर में बहुत बड़ा अंतर है. महिलाओं में कम साक्षरता के कारण परिवार और आबादी
को जानकारी की कमी है। जो कि भारत में निर्धनता के कारण में प्रधान कारण है।
3.
उद्योगों की कमी - भारत में आमदनी का प्रमुख उद्योग शहरी क्षेत्रों
तक ही सीमित है। ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों का उचित विकास नहीं हुआ है, जिस कारणवश वहां पर बेरोजगारी
में वृद्धि होती है। जनसंख्या या तो नौकर बनेगी या तो मालिक। अर्थात यदि भारत में उद्योगों
की संख्या बढ़ेगी तो रोजगार की संख्या भी बढ़ेगी। उद्योग यदि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित
हो गए तो भारत से निर्धनता तो दूर ही हो जाएगी और भारत विश्व में एक बड़ी अर्थव्यवस्था
के रूप में उभरेगा।
4.
सामाजिक कारण - देश में गरीबी के लिए जाति प्रथा, संयुक्त परिवार प्रथा, उत्तराधिकार के नियम, शिक्षा व मानव कल्याण के प्रति
उदासीनता आज के अनेक कारण हैं, जो गरीबों को और गरीब बना रहे हैं।
5.
प्रौद्योगिकी का निम्न स्तर - कृषि तथा विनिर्माण क्षेत्र में
परंपरागत उत्पादन तकनीकों ने प्रति व्यक्ति उत्पादकता के स्तर को नीचा बनाए रखा है, जिसके कारण गरीबी और अधिक गहन
हुई है।
6.
श्रम की मांग और पूर्ति में असंतुलन - जब श्रमिकों की मांग कम
होती है और उनकी पूर्ति बढ़ जाती है। तो समस्त श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध नहीं हो पाता
और इस कारण बेरोजगारी मे वृद्धि होती है।
7.
जनसंख्या में तीव्र वृद्धि - भारत की जनसंख्या में तीव्र वृद्धि
हुई है, जिससे गरीबी
एवं बेरोजगारी की समस्या की गंभीरता और बढ़ गई है। 2.5% वार्षिक वृद्धि की दर से जनसंख्या
का बढ़ना ग्रामीण श्रम पूर्ति की तीव्रता में वृद्धि करता है। श्रमिकों की संख्या में
जो तीव्रता से वृद्धि हो रही है, उसके अनुरूप रोजगार सुविधाएं नहीं बढ़ पाती हैं।
8.
प्राकृतिक प्रकोप - हमारी अर्थव्यवस्था प्रकृति पर बहुत अधिक
निर्भर है। प्राकृतिक प्रकोपो का सामना करने के पर्याप्त साधनों का ना होना भी हमारी
निर्धनता का एक प्रमुख कारण है।
9.
तकनीकी प्रशिक्षण - रोजगार सुविधाओं को व्यापक रूप से उपलब्ध
कराने के लिए आवश्यक है कि तकनीकी प्रशिक्षण का कार्यक्रम अपनाया जाए।
10. ग्रामीण ऋणग्रस्तता - आय में
कमी होने के कारण भारतीय कृषक दैनिक जीवन ऋण लेकर व्यतीत करता है। वह ऋण अदा करने के
लिए फसल पर निर्भर रहता है, लेकिन यदि प्राकृतिक प्रकोप या किसी अन्य समस्या से उसकी फसल
में नुकसान होता है तो वहां ऋण से ग्रसित हो जाता है।
11. आर्थिक कारण - निर्धनता का संबंध
आर्थिक पहलुओं से भी है, आर्थिक दशा का वर्णन आय और व्यय के संबंध में किया जाता है।
अपर्याप्त उत्पादन असमान वितरण आर्थिक उच्च वचन निर्धनता एवं बेरोजगारी आदि को जन्म
देता है। भारत में उत्पादन के लिए परंपरागत साधनों का प्रयोग किया जाता है जिसके कारण
यहां पर्याप्त उत्पादन नहीं हो पाता है।
प्र.22- भारतीय
संसद के चार प्रमुख कार्य लिखिए । 4
अथवा
“सामूहिक
उत्तरदायित्व” का अर्थ व उसका महत्त्व स्पष्ट कर लिखिए ।
उत्तर- भारतीय संसद के चार कार्य निम्नलिखित
हैं :-
1.
कानून निर्माण - कानून बनाना किसी भी विधानमंडल का प्रधान
कार्य है। भारत की संसद उन तमाम विषयों पर कानून बनाती है, जो संघ सूची और समवर्ती
सूची (राज्य और केंद्र, दोनों की सूची में शामिल विषय) में शामिल हैं। भारतीय संसद
मौजूदा कनुनूं में संशोशन कर सकती है या मौजूदा कानून को खत्म कर उसकी जगह नए
कानून बना सकती है ।
2.
वित्त पर नियंत्रण - संसद, खासकर लोकसभा वित्त के
कार्यक्षेत्र में महत्त्वपूर्ण अधिकारों का प्रयोग करती है। विधायिका को यह
सुनिश्चित करना होता है कि सार्वजनिक निधि की उगाही और व्यय उसकी अनुमति से हो।
सार्वजनिक धन का व्यय अथवा निवेश संसद की अनुमति से ही होता है ।
3.
कार्यपालिका पर नियंत्रण - संसद का एक महत्त्वपूर्ण कार्य
है मंत्रिपरिषद् की चूक और वचनबद्धता की जवाबदेही तय करते हुए उस पर अपने नियंत्रण
के अधिकार का प्रयोग करना। मंत्रिपरिषद तभी तक कार्यरत रह सकती है, जब तक उसे लोकसभा का
विश्वास प्राप्त है। संसद का यह महत्त्वपूर्ण कार्य एक जवाबदेह शासन को सुनिश्चित
करता है।
4.
सर्वोच्च संघ – सार्वजनिक मसलों और देश की राष्ट्रीय निति
पर चर्चा और बहस के लिए संसद ही सर्वोच्च संघ है । संसद किसी भी मामले की सूचना
मांग सकती है ।
अथवा
सामूहिक जिम्मेदारी को एक ऐसा कारक माना
जाता है जो यह सुनिश्चित करता है कि केंद्र सरकार के मंत्रियों को उनके कार्यों और
आरोपों के परिणामों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए। मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोक सभा के प्रति
उत्तरदायी होती है। इस प्रावधान से अभिप्राय यह है कि किसी भी मंत्रालय द्वारा
लोकसभा में विश्वास खो देने की स्थिति में संपूर्ण मंत्रिपरिषद् को त्यागपत्र देने
हेतु बाध्य होना पड़ता है। इस सिद्धांत के तहत एक मंत्रालय संसद की एक कार्यकारी
समिति है, जो कि संसद की ओर से सामूहिक
रूप से शासन करती है। सामूहिक उत्तरदायित्व कैबिनेट की एकजुटता के सिद्धांत पर
आधारित है। इसका तात्पर्य यह है कि किसी एक मंत्री के विरुद्ध अविश्वास मतदान होने
पर संपूर्ण मंत्रिपरिषद को त्यागपत्र देना होता है। इससे यह भी प्रकट होता है कि
यदि कोई मंत्री कैबिनेट की नीति या निर्णय से सहमत नहीं है, तो उसे या तो निर्णय को
स्वीकार करना पड़ता है अथवा त्यागपत्र देना होता है। यह सभी मंत्रियों पर बाध्यकारी
होता है कि किसी नीति को आगे बढ़ाने या सहमति देने हेतु सामूहिक उत्तरदायित्व के
सिद्धांत का पालन करें।
प्र.23- भारत
के मानचित्र में निम्नलिखित को दर्शाइए - 4
(अ) लक्षद्वीप
(ब) अंडमान निकोबार
द्वीप समूह
(स) मालाबार
तट (द) अरब सागर
अथवा
भारत के मानचित्र में
निम्नलिखित को दर्शाइए -
(अ)
अरावली श्रेणी
(ब) पूर्वी घाट
(स) विन्ध्य
श्रेणी (द) काराकोरम पर्वत
उत्तर – भारत
के मानचित्र में –
धन्यवाद
आप सफल हों
https://www.youtube.com/eclassesbymanishsir
चेनल सब्सक्राइब करें